पावस ऋतु और पर्यावरण संरक्षण पर केंद्रित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी सम्पन्न
नागरी लिपि परिषद् , मध्य प्रदेश एवं राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना, उज्जैन के तत्वावधान में पावस ऋतु और पर्यावरण संरक्षण पर केंद्रित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी एवं कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता विक्रम विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा थे। कार्यक्रम के प्रमुख अतिथि नागरी लिपि परिषद नई दिल्ली के महामंत्री डॉ हरिसिंह पाल, डॉक्टर शहाबुद्दीन नियाज मोहम्मद शेख, पुणे, श्री सुरेशचंद्र शुक्ल शरद आलोक ओस्लो नॉर्वे, श्रीमती सुवर्णा जाधव, पुणे थीं।
मुख्य वक्ता विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो शैलेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि अपने ढंग के अनूठे ग्रह पृथ्वी को उसका अनुपम रूप वर्षा ने ही दिया है। पावस ऋतु अनेक सहस्राब्दियों से मनुष्य और प्रकृति को नवजीवन देती आ रही है। सावन आते - आते नई उम्मीदों को लिए किसानों के साथ वनांचलों में रहने वाले विभिन्न समुदाय के लोगों का मन आनन्दित होने लगता है। वर्षा के दौरान ही तरह - तरह के लोक साहित्य के उद्भव और प्रसार का मौका मिला, जो सदियों से लोकरंजन और शिक्षण का माध्यम बने हुए हैं। पावस का समय प्रकृति के संरक्षण और संवर्धन के लिए महत्त्वपूर्ण होता है। पेड़ का रोपण करना अश्वमेध यज्ञ के समान माना गया है। धरती के शृंगार के लिए पौधे लगाएं।
कार्यक्रम में नागरी लिपि परिषद् , नई दिल्ली के महामंत्री, डॉ. हरिसिंह पाल ने अपना मंतव्य देते हुए कहा पाठक को मानव कल्याण से जोड़ें। जिसमें मानव कल्याण होता है, वही सत् साहित्य होता है। उन्होंने विचार व्यक्त करते हुए जल संरक्षण एवं वृक्षारोपण का संदेश दिया।
आयोजन में वक्ताओं ने डॉ. हरिसिंह पाल जी के जन्मदिवस पर उन्हें बधाई और मंगलकामनाएं दीं। डॉ. शहाबुद्दीन नियाज़ मोहम्मद शेख, पुणे, कार्यकारी अध्यक्ष, नागरी लिपि परिषद् , नई दिल्ली ने कहा डॉ.पाल के मार्गदर्शन से हर संस्था गौरवान्वित हो रही है।
नॉर्वे से जुड़े श्री सुरेशचंद्र शुक्ल शरद आलोक ने कहा कि डॉ. हरिसिंह पाल निष्काम कर्म योगी हैं। वे निष्पक्ष रूप से कार्य करते हैं ।
अध्यक्षीय भाषण में कार्यकारी अध्यक्ष, श्रीमती सुवर्णा जाधव, पुणे ने अपनी कविता सुनाई, सदा मुस्कुराने वाला पेड़ उदास दिखाई दिया।
काव्य-पाठ में डॉ. रश्मि चौबे, मुख्य महासचिव, महिला इकाई ने वृक्ष तुम्हें बारंबार नमन कविता सुनाई। गरिमा गर्ग, महासचिव , महिला इकाई , सचिव , डॉ संगीता पाल , सुनीता सिंह , सुनीता राठौर ने काव्य-पाठ में भाग लिया।
कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ. संगीता पाल , कच्छ की सरस्वती वंदना के साथ हुआ। स्वागत भाषण मुख्य महासचिव डॉ. प्रभु चौधरी ने दिया। संस्था परिचय एवं डॉ. हरिसिंह पाल के बहुआयामी व्यक्तित्व का परिचय डॉ. रश्मि चौबे , मुख्य महासचिव, महिला इकाई ने दिया। डॉ. सुनीता मंडल, कोलकाता ने भी अपना वक्तव्य दिया । कार्यक्रम का संचालन स्लाइड डाॅ मुक्ता कौशिक ने आभार डॉ दीपिका सुतोदिया ने माना समारोह मे गोकुलेश्वर द्विवेदी, विनोद कुमार बघेल, आयुष शेख , डॉ.रोहिणी डाबरे, महाराष्ट्र आदि अन्य अनेक गणमान्य उपस्थित रहे।
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