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पर्यटन स्थलों को मिली अंतर्राष्ट्रीय पहचान

विशेष लेख


 


 


भोपाल : बुधवार, जनवरी 8, 2020, 11:58 IST


मध्यप्रदेश ने पर्यटन के क्षेत्र में पिछले एक साल में राष्ट्रीय स्तर पर 16 पुरस्कार हासिल कर देशभर में अपनी पहचान कायम की है। राज्य सरकार ने इस दौरान पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये नवाचारों को प्राथमिकता दी। वन प्रक्षेत्रों में पर्यटन सुविधाओं को सरल और सहज तरीके से उपलब्ध कराने की पहल की गई। पर्यटन स्थलों के संरक्षण और संवर्धन को प्राथमिकता दी गई। अधोसरंचना विकास के कार्यों को तेजी से पूर्ण कराने पर ध्यान केन्द्रित किया गया। प्रदेश के नगरों, महानगरों के साथ देश और विदेशों में रोड-शो कर निवेशकों को प्रदेश में निवेश के लिये प्रोत्साहित किया गया। इससे पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार के नये अवसर निर्मित हुए और राजस्व में भी बढ़ोत्तरी का सिलसिला शुरू हुआ। पिछले एक साल में निवेशकों के लिये व्यापक, सरल एवं पारदर्शी पर्यटन नीतियाँ बनाई गईं। इंदौर, भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर महानगर से प्रदेश के पर्यटन स्थलों के लिये हेलीकाप्टर सुविधा शीघ्र शुरू करने का निर्णय लिया गया।


राज्य सरकार की नवाचारी पर्यटन नीति-2019 में हॉट एयर बैलून, वाइल्ड लाइफ रिसोर्ट, मेगा एवं अल्ट्रा परियोजनाओं के लिये आकर्षण अनुदान और रियायतें दी गईं। अनूसचित जाति एवं जनजातीय उद्यमियों को और दूरस्थ तथा दुर्गम क्षेत्रों में स्थापित की जानेवाली पर्यटन परियोजनाओं के लिये 5 प्रतिशत अतिरिक्त लागत पूँजी अनुदान दिये जाने का प्रावधान किया गया। प्रदेश में तीन नये फूड क्राफ्ट इंस्टीट्यूट की स्थापना करने का निर्णय लिया गया। प्रदेश में आनेवाले पर्यटकों को ग्रामीण अनुभव प्रदान करने के लिए पर्यटन स्थलों के समीप चयनित ग्रामों में ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने का फैसला हुआ।


सुप्रसिद्ध पर्यटन स्थलों पर भव्य उत्सव


देश के सुप्रसिद्ध पर्यटन स्थल माण्डू में 28 दिसम्बर से एक जनवरी तक भव्य उत्सव मनाया गया। हनुवंतिया में जल महोत्सव और मिन्टो हाल भोपाल में रॉयल कुजीन फूड फेस्टिवल मनाया गया। फूड फेस्टिवल में विभिन्न अंचलों की रॉयल फैमिली के व्यंजनों को उनके कुक्स द्वारा बनाया गया। पर्यटन बोर्ड और संस्कृति विभाग के सहयोग से 11-12 जनवरी 2020 को भोपाल में 'द ग्रेट इन्टरनेशनल इयरली म्यूजिकल फेस्टिवल-हृदय दृश्यम' और 6 मार्च से 8 मार्च तक ओरछा में 'नमस्ते ओरछा' समारोह मनाने का निर्णय लिया गया।


युवाओं को पर्यटन से जोड़ने का प्रयास


युवाओं को पर्यटन के क्षेत्र से जोड़ने के लिये प्रतिष्ठित समूहों के माध्यम से उन्हें प्रशिक्षण दिलाने का निर्णय लिया गया। ब्राण्डेड होटल प्रोत्साहन नीति, फॉर्म स्टे, ग्राम स्टे योजना (पंजीयन एवं विनियमन) योजना-2019 बनाई गई। फिल्म पर्यटन नीति भी शीघ्र बनाई जा रही है। वर्तमान में प्रदेश के पर्यटन स्थलों में लगभग 6-7 फिल्म वेब सीरीज की शूटिंग पूरी हो चुकी है और कई की शूटिंग चल रही है। इस वर्ष पर्यटन विभाग द्वारा एम.पी. इंस्टीट्यूट ऑफ हॉस्पिटेलिटी में ट्रेवल्स एण्ड टूरिज्म स्टडीज विषय का बीबीए कोर्स प्रारंभ किया गया। जल-पर्यटन के लिये अधिसूचित जल-क्षेत्रों में जल क्रीड़ा गतिविधियों के संचालन के लिये 15 अभिस्वीकृति-पत्र एवं लायसेंस जारी किये गये। इस वर्ष पर्यटन क्विज में प्रदेश के सर्वाधिक 8000 स्कूलों के 24 हजार छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। प्रदेश के 11 प्रमुख जिलों/ पर्यटन स्थलों में समृद्ध विरासत, प्राकृतिक सुन्दरता, इतिहास, परम्पराओं, ऐतिहासिक धरोहरों से परिचय/ प्रचार-प्रसार के लिये वॉक फेस्टिवल-2019 किये गये।


एक वर्ष में 136 करोड़ का पूंजी निवेश


प्रदेश के 12 प्रमुख शहरों में पिछले एक वर्ष में ट्रेवल एजेन्ट और टूर ऑपरेटर प्रशिक्षण कार्यक्रम 'एम.पी.एक्सपर्ट' और राष्ट्रीय स्तर पर तथा विभिन्न राज्यों में रोड शो किये गये। इसके अलावा, 14 पर्यटन परियोजनाओं की स्थापना पर 17 करोड़ 69 लाख रुपये पूँजीगत अनुदान दिया गया। फलस्वरूप एक वर्ष में 136 करोड़ का पूँजी निवेश हुआ, जिससे होटलों में 543 कमरों का निर्माण हुआ। इस काम में लगभग 2050 लोगों को रोजगार मिला। क्षेत्रीय यूनिट ओरछा, खजुराहो एवं भोपाल को डेस्टिनेशन वेडिंग फेसिलिटी के रूप में विकसित किया गया। खजुराहो के पास कुटनी डेम में 10 नवीन कमरों, मणिखेड़ा डेम पर 8 कमरों और किला कोठी चंदेरी में 6 कमरों के होटल बनाये गये। बुद्धिस्ट साइट देउरकोठार भरहुत एवं साँची के समीप विकास कार्य किये गये।


पर्यटन विकास के निर्णय


प्रदेश में पर्यटन को अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिये निर्णय लिया गया कि 100 करोड़ से अधिक निवेश की पर्यटन परियोजनाओं की स्थापना के लिये कलेक्टर गाईड लाईन रेट पर शासकीय भूमि 90 वर्ष की लीज पर, 'प्रथम आओ प्रथम पाओ' आधार पर आवंटित की जाएगी। हाट एयर बेलूनिंग पर 50 लाख से अधिक पूंजीगत व्यय पर 50 प्रतिशत की दर से लागत पूंजीगत अनुदान किश्तों में 5 वर्षों तक दिया जाएगा। वाईल्ड लाईफ एरिया क्लासीफिकेशन अनुसार वाईल्ड लाईफ रिसोर्ट को 20 प्रतिशत की दर से 3 करोड़ तक का अनुदान दिया जाएगा। वृहद, मेगा और अल्ट्रा मेगा परियोजनाओं को 30 प्रतिशत की दर से 04 वर्षो तक लागत पूंजी अनुदान किश्तों में दिया जाएगा। यह अनुदान सीमा श्रेणी अनुसार अधिकतम 15 करोड़ से 90 करोड़ तक होगी। दूरस्थ एवं दुर्गम क्षेत्रों में स्थापित की जाने वाली पर्यटन परियोजनाओं के लिये 5 प्रतिशत अतिरिक्त लागत पूंजी अनुदान दिया जाएगा। होटल एवं रिसोर्टस को प्रदूषण उपचार संयंत्र स्थापना पर 10 लाख से अधिक पूंजी निवेश पर 25 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मार्केटिंग ईंवेंटस में भाग लेने पर पर्यटन इकाइयों को 50 हजार से एक लाख तक प्रति कार्यक्रम प्रतिपूर्ति दी जाएगी। आवंटित शासकीय भूमियों/परिसम्पत्तियों की लीज, पंजीयन आदि पर स्टाम्प ड्यूटी एवं पंजीयन शुल्क की शत-प्रतिशत प्रतिपूर्ति की जाएगी। पर्यटन इकाईयों को स्थल/स्टॉल स्थापना पर राष्ट्र-स्तरीय मार्केटिंग आयोजन पर अधिकतम 50 हजार एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तरीय मार्केटिंग आयोजन के लिये अधिकतम एक लाख की सहायता दी जाएगी।


मार्ग सुविधा केन्द्र की नवीन नीति बनायी गई और ब्राण्डेड होटल प्रोत्साहन नीति को संशोधित किया गया। हेरिटेज परिसम्पत्ति के प्रमाणीकरण के लिये गाइड लाइन एवं प्रक्रिया जारी की। बेड एंड ब्रेकफॉस्ट स्थापना (पंजीयन एवं विनियमन) योजना, ग्राम स्टे स्थापना (पंजीयन एवं विनियमन) योजना और फार्म स्टे स्थापना योजना बनाई गई। फिल्म पर्यटन नीति-2019 का प्रारूप तैयार कर अग्रिम कार्यवाही प्रचलन में है। पर्यटन व्यवसाय में वृद्धि करने के लिये जनरल सेल्स एजेंट (GSA) एवं इवेंट कंपनी के साथ पार्टनरशिप की पॉलिसी तैयार की गई।


निजी निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिये प्रचलित जल-पर्यटन नीति में प्रदेश के माचागौरा बांध, जिला छिन्दवाड़ा, सापना बांध, जिला बैतूल, कोलार जलाशय, जिला भोपाल और गोविन्दगढ़ जलाशय जिला रीवा के जल क्षेत्रों को पर्यटन विकास के लिये अधिसूचित किया गया।


 


आनंद मोहन गुप्ता

Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर


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