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एनआईटीटीटीआर भोपाल स्थापना सप्ताह का समापन

      नवाचार के बिना कोई देश प्रगति नहीं कर सकता - प्रो संजय तिवारी भोपाल। एनआईटीटीटीआर भोपाल के स्थापना सप्ताह का आज  समापन हुआ। समापन समारोह के मुख्य अतिथि प्रो संजय तिवारी वाईस चांसलर  मध्यप्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय थे। प्रो संजय तिवारी ने एनआईटीटीटीआर भोपाल के टेक्निकल एजुकेशन में योगदान के लिए बधाई एवं शुभकामनाये दी। प्रो संजय तिवारी ने कहा कि, आपका संस्थान अपने कार्यों के प्रति सजग एवं समर्पित है जो दूसरे संस्थानों के लिए रोल मॉडल भी है। आज बिना इनोवेशंस के कुछ भी संभव नहीं है। आज एजुकेशन के इकोसिस्टम को रीडिफाइन केने की आवश्यकता है। उन्होंने फ्यूचर टेक्नोलॉजी के अनुसार स्टूडेंट्स को तैयार करने पर बल दिया। निटर निदेशक प्रो. सी.सी. त्रिपाठी ने इस अवसर पर कहा कि मुझे गर्व है की संस्थान का एक एक व्यक्ति संस्थान के विकास में लगा हुआ है। प्रो त्रिपाठी ने कहा कि, आज हम सभी शपथ ले की हम किसी भी कार्य में क्वालिटी से कभी कोम्प्रोमाईज़ नहीं करेंगे। डीम्ड यूनिवर्सिटी बनने के बाद लोगों की अपेक्षाएं हमसे बढ़ गयी हैं एनआईटीटीटीआर भोपाल ने इस सप्ताह में इंजीनियरिंग / पॉलिटेक्निक और स्कूल

सामूहिक गणगौर पूजन किया गया

उज्जैन। अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा महिला प्रकोष्ठ द्वारा सामूहिक गणगौर पूजन किया गया। इस दिन होली के दूसरे दिन से प्रारंभ हुआ गवर पूजन का समापन किया जाता है। 16वे दिन गवर माता की पुजा की जाती है। इस अवसर पर सभी महिलाओं द्वारा क्षीरसागर कुण्ड पर जा कर गवर माता को पानी पिलाया गया, सभी ने सामुहिक पुजन किया और ढोल धमाकों के साथ नृत्य करके सामूहिक रूप से गणगौर तीज का व्रत पूरा किया गया ।  समाज की महिलाएं उपस्थित थीं। श्रीमती राजकुमारी ठाकुर, श्रीमती अनीता नरूका, श्रीमती नेहा ठाकुर, श्रीमती मेघा नरूका, विजया चुंडावत, शोभा पवार, सोनल चुंडावत ,रानू पवार, गीता पवार, आदि उपस्थित थे। यह जानकारी शहर कार्यकारिणी अध्यक्ष ममता गौंड द्वारा दी गई।

डॉ प्रभु चौधरी को विक्रम संवत लेख पर नवरात्र साहित्य सम्मान

हिंदी परिवार इंदौर इकाई उज्जैन के संयोजक डॉ प्रभु चौधरी, महासचिव, राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना, उज्जैन को हिन्दू नववर्ष नवरात्रि गुड़ी पड़वा एवं महाराजा विक्रमादित्य के सन्दर्भ में प्रकाशित आलेख विजय का प्रतीक विक्रम संवत को प्रथम पुरस्कार विजेता घोषित किया। संस्था संस्कार संस्कृति नयी दिल्ली ने डॉ प्रभु चौधरी को नवरात्र साहित्य सम्मान 2024 का अभिनन्दन पत्र प्रदान किया गया है। डॉ चौधरी को राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना उज्जैन के डॉ शैलेंद्र कुमार शर्मा कुलानुशासक विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन,  राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बृजकिशोर शर्मा, मार्गदर्शक श्री हरेराम वाजपेई इन्दौर, डॉ हरिसिंह पाल महामंत्री नागरी लिपि परिषद नई दिल्ली, श्रीमती सुवर्णा जाधव राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष पुणे ,डॉ अरुणा शुक्ला नांदेड़ एवं डॉ अनसूया अग्रवाल महासमुंद राष्ट्रीय संयोजक , डॉ शिवा लोहारिया जयपुर, राष्ट्रीय अध्यक्ष महिला इकाई डॉ रश्मि चौबे, राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष महिला इकाई गाजियाबाद डॉ अरुणा सराफ, इंदौर प्रदेश महासचिव श्रीमती संगीता केसवानी, इन्दौर राष्ट्रीय सचिव शैली भागवत, राष्ट्रीय संयुक्त सचिव डॉ कृष्णा जोशी ,प

आईएसटीडी का स्थापना दिवस : कौशल विकास में ट्रेनिंग एंड डेवलपमेंट सोसाइटी के प्रशिक्षण की भूमिका महत्वपूर्ण - श्री ए. पी. सिंह

🙏 द्वारा, राधेश्याम चौऋषिया, वरिष्ठ पत्रकार 🙏 भोपाल, गुरुवार, 11 अप्रैल, 2024 । इण्डियन सोसाइटी फॉर ट्रेनिंग एंड डेवलपमेंट(आईएसटीडी) के भोपाल चैप्टर द्वारा संस्था के 55वें स्थापना दिवस मनाने के कार्यक्रम में प्रमुख सचिव विधान सभा श्री ए. पी. सिंह ने पदाधिकारियों तथा उपस्थित बुद्धजीवियों को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि, राष्ट्रीय स्तर की इस प्रशिक्षण संस्था का गठन अप्रैल 1970 में हुआ था, जो देश के युवाओं, महिलाओं व विभिन्न उद्योग संस्थानों के कर्मियों को प्रशिक्षण देकर न केवल उनके ज्ञान और कौशल को बढ़ाती है बल्कि इसके माध्यम से आईएसटीडी देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाती है। भोपाल चैप्टर के द्वारा स्थापना दिवस के अवसर पर  होटल अशोक लेक व्यू  में आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रोफेसर के.के. शुक्ला - निर्देशक, मौलाना आजाद नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (मैनिट) तथा विशिष्ट अतिथि श्री ए.पी. सिंह,  प्रमुख सचिव मध्य प्रदेश विधानसभा थे। इस अवसर पर आर्टिफिशल इंटेलिजेंस विषय पर आयोजित निबंध प्रतियोगिता में विजयी छात्रों को पुरस्कृत किया गया। प्रतियोगिता में भोपाल स्थित पांच शैक्

प्रख्यात गायक एवं संगीतकार जुबिन नौटियाल को उनका स्केच अर्पित किया विक्रम विश्वविद्यालय की कलाकार अलका कुमारी ने

जुबिन नौटियाल ने सराहा ललित कला अध्ययनशाला की विद्यार्थी अलका कुमारी की कला कृति को   उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन की ललित कला अध्ययनशाला की विद्यार्थी कलाकार सुश्री अलका कुमारी, बिहार ने प्रख्यात गायक एवं संगीतकार जुबिन नौटियाल को उन्हीं का स्केच अर्पित किया। विक्रमोत्सव के अंतर्गत समापन दिवस पर उज्जैन आए कलाकार श्री जुबिन नौटियाल को ए 3 आकार का चारकोल पाउडर से निर्मित चित्र अर्पित किया।  इस चित्र को बनाने के लिए उन्हें 2 दिन का समय लगा। जुबिन नौटियाल ने अलका कुमारी के इस सम्मोहनकारी स्केच को स्वीकार करते हुए कहा यह बहुत सुंदर है, आपका दिल से धन्यवाद। कलाकार अलका कुमारी, बिहार की इस उपलब्धि पर कुलगुरु प्रो अखिलेश कुमार पांडेय, कुलानुशासक प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा, विभागाध्यक्ष प्रो जगदीश चंद्र शर्मा, कला गुरु डॉ लक्ष्मीनारायण सिंहरोडिया और डॉ महिमा मरमट ने उन्हें बधाई दी और इसी प्रकार नवसृजन के लिए प्रेरित किया।

गौंड एवं उरांव जनजातीय कला के उत्कृष्ट कलाकारों का सम्मान किया गया

जनजातीय कला कार्यशाला 3 से 9 अप्रैल 2024 तक संपन्न, गौंड एवं उरांव चित्रकला का प्रशिक्षण दिया गया  उज्जैन। कालिदास संस्कृत अकादमी  म. प्र. संस्कृति परिषद द्वारा विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन और शासकीय स्नातकोत्तर कन्या महाविद्यालय, उज्जैन के सहयोग से विद्यार्थी कलाकारों को देश की दो प्रमुख कला शैलियों का प्रशिक्षण दिया गया। इस कार्यशाला में गौंड शैली की कलाकार श्रीमती रजनी धुर्वे एवं श्रीमती गायत्री मरावी एवं उरांव शैली की जनजातीय कलाकार श्रीमती आग्नेश केरकेट्टा ने जनजातीय कला रूपों का गहन प्रशिक्षण दिया। कार्यशाला के अंतिम दिन सभी कलाकारों के कार्य का अवलोकन किया गया।  साथ ही प्रशिक्षकों और कलाकारों को प्रोत्साहन किया गया। समापन समारोह में विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु अखिलेश कुमार पाण्डेय, विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रो शेलेंद्र कुमार शर्मा, कालिदास संस्कृत अकादेमी की उपनिदेशक डॉ योगेश्वरी फिरोजिया, ललित कला अध्ययनशाला के अध्यक्ष डॉ जगदीश चन्द्र शर्मा ने सम्बोधित किया। अतिथियों द्वारा गौंड शैली की कलाकार श्रीमती रजनी धुर्वे एवं श्रीमती गायत्री मरावी एवं उरांव शैली की जनजातीय क

ललित कला के विद्यार्थियों द्वारा बनाई गई रंगोली को महामहिम राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने सराहा

दीक्षांत समारोह के लिए बनाई गई उज्जयिनी की शैक्षिक विरासत से जुड़ी बृहद् रंगोली ने मोहा उपस्थित जनों को उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के अट्ठाइसवें दीक्षांत समारोह के अवसर पर उज्जयिनी की शैक्षणिक विरासत से जुड़ी मनमोहन रंगोली ने सैकड़ों की संख्या में उपस्थित जनों को सम्मोहित किया। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा गुड़ी पड़वा के अवसर पर भारतीय नववर्ष, विक्रम संवत 2081 के प्रथम दिवस 9 अप्रैल को उज्जैन के विक्रम विश्वविद्यालय का 28 वाँ दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया।  इस अवसर पर विश्वविद्यालय की ललित कला अध्ययनशाला के कलाकार विद्यार्थियों ने महर्षि सांदीपनि के आश्रम में अध्ययन रत श्रीकृष्ण, सुदामा और बलराम का चित्रण मनोहारी रंगोली के माध्यम से किया। महामहिम राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने इस मनमोहक रंगोली की सराहना करते हुए कलाकारों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस नगरी के विद्या के प्रति समर्पण को यह रंगोली याद दिलाती है। इस अवसर पर मुख्य अतिथि भारत मौसम विज्ञान विभाग, भारत सरकार के महानिदेशक डॉ मृत्यंजय महापात्र, पद्मश्री डॉ भगवतीलाल राजपुरोहित, विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु डॉ अखिलेश कुमार पा

डॉ. अंकिता शर्मा को शोध उपाधि प्रदान की गई

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय के 28 वें दीक्षांत समारोह में महामहिम राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल एवं माननीय कुलगुरु प्रो. अखिलेश कुमार पाण्डेय, विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन द्वारा डॉ. अंकिता शर्मा को शोध उपाधि प्रदान की गई। डॉ. अंकिता शर्मा ने अपना शोध कार्य, विषय "ए स्टडी ऑफ एम्प्लॉयी सेटिस्फेक्शन एंड रिटेंशन इन गवर्नमेंट एंड प्राइवेट कॉलेजेस ऑफ मध्यप्रदेश" प्रो. डी. डी. बेदिया, प्रबंध संस्थान, विक्रम विश्वविद्यालय के निर्देशन में पूर्ण किया। समारोह में शिक्षा की उच्चतम उपाधि प्राप्त करने पर सभी शिक्षकों एवं परिवार के सदस्यों ने बधाईयाँ दी।

दीक्षित विद्यार्थी अपने ज्ञान और संस्कारों से गरीबों और वंचितों के सेवा कार्यों में सहभागिता करें : राज्यपाल श्री पटेल

राज्यपाल श्री पटेल ने दीक्षित विद्यार्थियों को उपाधि प्रमाण पत्र प्रदान किए  विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन का 28 वां दीक्षांत समारोह सम्पन्न   उज्जैन। 09 अप्रैल, 2024। राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने विक्रम विश्वविद्यालय के दीक्षित विद्यार्थियों से कहा है कि अपने ज्ञान और संस्कारों से गरीबों और वंचितों के सेवा कार्यों में सहभागिता करें। अपने कर्तव्यों के पालन से समाज को प्रेरित करें। आप सभी महान विभूति महाराजा विक्रमादित्य जिन्होंने आक्रांताओं को परास्त किया और विभिन्न क्षेत्रों के विलक्षण विद्वानों को संरक्षण दिया था, जो विरासत के वाहक हैं। ऐसे महान शासक के नाम पर स्थापित विश्वविद्यालय के छात्र होने के नाते आप सबका यह दायित्व है कि प्राचीन और अद्यतन ज्ञान-विज्ञान की विविध शाखाओं के अध्ययन-अध्यापन और अनुसंधान में सहभागी बने। अपने ओज, शक्ति और सामर्थ्य से देश के नवजागरण, उत्कर्ष, गौरवशाली अतीत और परंपराओं को पुनर्स्थापित कर, भारत को विश्वगुरु के रूप में स्थापित करें।   राज्यपाल श्री पटेल आज चैत्र शुक्ल प्रतिपदा विक्रम संवत 2081 , 9 अप्रैल को उज्जैन के विक्रम विश्वविद्यालय में आयोजित 28व

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