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विक्रम विश्वविद्यालय में अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस पर हुआ योग महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के माधव भवन परिसर में योगकेन्द्र - दर्शनशास्त्र अध्ययनशाला द्वारा 21 जून 2022 को अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर योग महोत्सव का महत्त्वपूर्ण आयोजन संपन्न हुआ। योगाभ्यास कार्यक्रम में पतंजलि योग स्वाभिमान, भारत स्वाभिमान मंच, महिला पतंजलि योग समिति की मालवा एवं मध्यप्रदेश इकायों के स्वयंसेवक, होमगार्ड के जिला कमांडेण्ट से लगभग दो सौ जवानों सहित भारतीय रेडक्रास सोसायटी, राष्ट्रीय सेवा योजना एवं राष्ट्रीय कैडेट कोर की तेरहवीं बटालियन के स्वयंसेवकों ने भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। योग महोत्सव कार्यक्रम में प्रधानमन्त्री माननीय नरेन्द्र मोदी एवं मध्यप्रदेश के मुख्यमन्त्री माननीय शिवराज सिंह चौहान के उद्बोधन का ऑनलॉइन प्रसारण किया गया। ततपश्चात योग प्रोटोकाल के अनुसार उपस्थित सैकड़ों शिक्षकों, कर्मचारियों, शिक्षकों और उपस्थित जनों को योगाभ्यास कराया गया। योगाभ्यास कार्यक्रम में बड़ी संख्या में उपस्थित लोगों के एक साथ योगा प्रोटोकाल के अनुसार योगासन करने से मनमोहक दृश्य बन रहा था।  योगाभ्यास कार्यक्रम में कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय, कुलसचिव प्रो. प्र

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष में प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ऋषि नगर उज्जैन द्वारा मानवता के लिए योग विषयक कार्यक्रम आयोजित किया गया

उज्जैन। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष में प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ऋषि नगर उज्जैन द्वारा मानवता के लिए योग विषयक कार्यक्रम आयोजित किया गया । जिसमें मुख्य अतिथि के रुप में अंतरराष्ट्रीय वक्ता भ्राता अरुण ऋषि जी, योगा लाइफ सोसायटी अध्यक्ष भ्राता गिरजेश व्यास जी, पतंजलि योगाचार्य डॉक्टर किशोर सोनी जी, ब्रह्माकुमारी राजयोगिनी उषा दीदी जी उपस्थित थे। स्वस्थ जीवन का आधार प्राकृतिक जीवन शैली उक्त विचार भ्राता अरुण ऋषि जी ने दिए। साथ ही उन्होंने कहा भोजन ब्रह्म तत्व है जिसे हमें मौन में ग्रहण करना चाहिए । सारी बीमारियों का जड़ हमारा पेट ,अतः शुद्ध सात्विक संयमित आहार का सेवन करें। योगा लाइफ सोसायटी के अध्यक्ष भ्राता गिरजेश व्यास जी ने कहा भोजन जिसके बिना हम लगभग 50 दिन तक रह सकते हैं उसके लिए बहुत सारे ऑप्शन रखते हैं, पानी जिसके बिना 8 दिन गुजारना मुश्किल होगा और हवा जिसके बिना 8 मिनट भी असंभव लगने लगता है इस अनिवार्य स्वास के बारे में तो हम सोचते ही नहीं हैं। हमें अपनी श्वास की गति को धीमी करते जाना है ।जितनी श्वास की गति धीमी इतनी लंबी आयु एवं स्वस्थ जीवन प्राप्त करेंगे। डॉक्टर कि

विक्रम संवत को राष्ट्रीय संवत् के रूप में स्वीकार करने के लिए प्रस्ताव सर्वानुमति से पारित

ग्राम डोंगला में 21 जून को होने वाली विशिष्ट खगोलीय परिघटना का अवलोकन किया विशेषज्ञों ने, जब छाया ने भी साथ छोड़ दिया डोंगला वेधशाला में संवत् प्रवर्तक विक्रमादित्य और वृहत्तर भारत पर केंद्रित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन हुआ उज्जैन। विक्रमादित्य शोध पीठ, उज्जैन द्वारा इतिहास संकलन योजना, नई दिल्ली, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन तथा मैपकास्ट, भोपाल के सहयोग से आयोजित त्रिदिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी एवं विचार समागम का समापन महिदपुर के समीप स्थित डोंगला ग्राम स्थित प्रसिद्ध वराहमिहिर वेधशाला में हुआ। संगोष्ठी में विक्रमादित्य के समय की काल गणना और विक्रम संवत पर देश के विभिन्न भागों से पधारे विद्वानों द्वारा  शोध पत्रों का वाचन किया गया। अध्यक्षता वरिष्ठ पुराविद डॉ जगताप पी डी, नागपुर ने की। कार्यक्रम में वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ राजेश शर्मा, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के कुलानुशासक प्रो शैलेंद्र कुमार शर्मा, प्राध्यापक डॉ अर्चना शुक्ला, नई दिल्ली, वरिष्ठ मुद्राशास्त्री डॉ आर सी ठाकुर, डॉ रमेश पंड्या, डॉ भगवतीलाल राजपुरोहित, डॉ सर्वेश्वर शर्मा आदि ने विषय से जुड़े विभिन्न पहलुओ

शासकीय धन्वन्तरि आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय, उज्जैन आयुर्वेद महाविद्यालय में मनाया गया आठवां अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस

उज्जैन । शासकीय धन्वन्तरि आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. जे.पी. चौरसिया ने बताया कि "मानवता के लिए योग" थीम पर आधारित आठवां अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन 21 जून को शासकीय धन्वन्तरि आयुर्वेद महाविद्यालय मंगलनाथ मार्ग उज्जैन में निर्धारित समय पर शासकीय प्रोटोकॉल के अंतर्गत किया गया।  महाविद्यालय के स्वस्थवृत एवं योग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार निमजे एवं असिस्टेण्ट प्रोफेसर डॉ. निरंजन सराफ के निर्देशन में महाविद्यालय के सभी प्राध्यापकों, छात्र-छात्राओं एवं समस्त स्टाफ द्वारा योगाभ्यास किया गया।  संस्था के प्रधानाचार्य डॉ. जे. पी. चौरसिया ने अपने प्रभाषण में आरोग्य जीवन हेतु योग के महत्व को बताया। योगाभ्यास के उपरांत हिमालया ड्रग कंपनी द्वारा महाविद्यालय के बीएएमएस अंतिम वर्ष के परिणाम की प्रावीण्य सूची में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर डॉ. आकांक्षा सूर्यवंशी को "जीवक" अवार्ड एवं द्वितीय स्थान प्राप्त करने पर डॅ. शिवानी प्रजापति को "आयुर्विशारद " अवार्ड से सम्मानित किया एवं इंटर्नशिप कर रहे इंटर्न डॉक्टर्स को प्रैक्टिस कि

साधारण सभा का आयोजन 26 जून को अनेक निर्णयो पर विचार विमर्श होगा

राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना के 20 वाॅ वर्ष का राष्ट्रीय अधिवेशन में साधारण सभा का आयोजन 26 जून रविवार सायं 5 बजे आभासी रूप से होगी। यह जानकारी राष्ट्रीय महासचिव डॉ. प्रभु चौधरी ने प्रेस विज्ञप्ति ने देते हुए बताया कि साधारण सभा के अध्यक्षता शिक्षक संचेतना के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री ब्रजकिशोर शर्मा करेंगे। अधिवेशन में मार्गदर्शन राष्ट्रीय संरक्षक डॉ. शैलेन्द्रकुमार शर्मा, श्रीमती सुवर्णा जाधव, डॉ. जी.डी. अग्रवाल, डॉ. शहाबुद्दीन शेख, डॉ. हरिसिंह पाल, श्री अनिल ओझा, डॉ. अनसूया अग्रवाल, डॉ. मुक्ता कौशिक, डॉ. शिवा लोहारिया, डॉ. रश्मि चौबे आदि करेंगे। साधारण सभा के प्रमुख बिन्दु गत वर्ष 2021-22 का आय-व्यय अनुमोदन, गत वर्ष का वार्षिक प्रतिवेदन, आगामी वर्ष का बजट प्रस्ताव, ठहराव एवं आगामी कार्यक्रमो का निर्धारण योजना राष्ट्रीय कार्यकारिणी पुनर्गठन तथा संचेतना समाचार पत्र के सम्पादक मण्डल का पुनर्गठन एवम अन्य विषय अध्यक्ष महोदय की अनुमति से पटल पर रखे जायेंगे। राष्ट्रीय अधिवेशन में समस्त राष्ट्रीय एवं प्रदेश पदाधिकारियों से उपस्थिति की अपील डॉ. प्रभु चौधरी, ज्योति जलज, हेमलता तोमर, कैलाश

विक्रम विश्वविद्यालय में होगा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर सामूहिक योगाभ्यास

उज्जैन । विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2022 को प्रातः 6:00 बजे से योग प्रोटोकॉल के अनुसार योगाभ्यास कार्यक्रम होगा। इस अवसर पर प्रातः 6:00 बजे से माननीय मुख्यमंत्री जी का एवं प्रातः 6:40 से माननीय प्रधानमंत्री जी का उद्बोधन ऑनलाइन स्क्रीन पर प्रसारित किया जाएगा। डॉ एस के मिश्रा, विभागाध्यक्ष, योग केन्द्र-दर्शनशास्त्र अध्ययशाला, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि, समस्त शिक्षकों, अधिकारियों, कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों से प्रातः 5:30 माधव भवन स्थित मुख्य प्रशासनिक भवन परिसर में योगाभ्यास हेतु उपस्थित होने का अनुरोध विश्वविद्यालय प्रशासन ने किया है।

भारत का संवत् विक्रम संवत् हो ऐसी गूंज उठी आवाज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर

उज्जैन । विक्रमादित्य शोध पीठ द्वारा इतिहास संकलन योजना, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन और मैपकास्ट, भोपाल के सहयोग से आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय शोध संगोष्ठी में विक्रमादित्य की ऐतिहासिकता, पुरा सामग्री, लोक साक्ष्य और वैश्विक प्रभाव से जुड़े विविध पक्षों पर गहन मंथन हुआ। संगोष्ठी में द्वितीय दिवस पर हुए तीन सत्रों में सम्मिलित विद्वानों द्वारा अनेक शोध पत्रों का वाचन एवं व्याख्यान दिए गए। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के कुलानुशासक डॉ. शैलेन्द्र कुमार शर्मा ने उल्लेखित किया कि विक्रमादित्य एक ऐतिहासिक चरित्र है, जो शास्त्रों से लेकर लोक तक प्रसिद्ध है। वे राम-कृष्ण के पश्चात सबसे ज्यादा लोक जीवन में प्रसिद्ध हैं। आपने बताया कि सोमदेव के ग्रंथों में दो भिन्न भिन्न विक्रमादित्य की जानकारी उल्लेखित है। विक्रमादित्य के संबंध में विभिन्न लोक अंचलों में महत्वपूर्ण लोक कथा, गाथा और किंवदंतियों प्रचलित हैं, जिनके माध्यम से अनेक ऐतिहासिक तथ्य उद्घाटित होते हैं। लोक अनुश्रुतियों के अनुसार विक्रमादित्य अद्वितीय हैं, जिनके सिंहासन पर कोई दूसरा नहीं बैठ पाया। उनके जाने के बाद वह सिंहासन कांत

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