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धन्वन्तरि चिकित्सालय में स्वर्णप्राशन 28 जुलाई को

उज्जैन। शासकीय धन्वन्तरि आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. जे.पी. चौरसिया ने बताया कि चिकित्सालय के शिशु एवं बालरोग विभाग के अंतर्गत 'पुष्य नक्षत्र' 28 जुलाई को जन्म से लेकर 10 वर्ष तक के बच्चों को स्वर्णप्राशन कराया जाएगा। जिसके लिये रजिस्ट्रेशन शुल्क 50 रूपये निर्धारित है। गौरतलब है कि स्वर्णप्राशन में दिये जाने वाली औषधियाँ बच्चों के बुद्धि, बल और आयु को बढ़ाते हैं तथा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर शिशु को बार-बार बीमार होने से बचाते हैं। वर्तमान आधुनिक युग में आम जनता का विश्वास आयुर्वेद के प्रति बढ़ रहा है। स्वर्णप्राशन कराने से शारीरिक एवं मानसिक विकास हेतु अपेक्षित लाभ प्राप्त किया जा सकता है। इस संबंध में भारत सरकार से शीघ्र ही प्रोटोकाल जारी होने की संभावना है। महाविद्यालयीन चिकित्सालय में कुपोषण नियंत्रण कार्यक्रम भी संचालित है तथा बच्चों के सभी रोगों के लिये आयुर्वेदीय औषधी के साथ-साथ आहार तथा आदर्श जीवनशैली हेतु परामर्श दिये जाते हैं। चिकित्सालय के अधीक्षक डॉ. ओ.पी. शर्मा तथा आर.एम.ओ. डॉ. हेमंत मालवीय के निर्देशन में यह स्वर्णप्राशन कार्यक्रम 28 ज

संत श्री कबीरदास जयंती समारोह पर राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी आयोजित

राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना का 5वाँ संत श्री कबीरदास जयंती समारोह का आयोजन राजनांदगांव छग में 14 जून को होगा। समारोह में राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी संत कबीर की वर्तमान में प्रासंगिकता के संदर्भ में शोधार्थी वक्ता अपना शोध पत्र प्रस्तुत करेंगे। यह जानकारी राष्ट्रीय महासचिव डॉ. प्रभु चौधरी ने देते हुए बताया कि समारोह का शुभारंभ 14 जून 2022 प्रातः 9 बजे पंजीयन होगा। तत्पश्चात् समारोह के मुख्य अतिथि डॉ. विनय पाठक, संस्था संरक्षक बिलासपुर विशिष्ट अतिथि डॉ. विनोद वर्मा एवं डॉ. हंसा शुक्ला प्राचार्य दुर्ग एवं मुख्य वक्ता डॉ. मुक्ता कौशिक रायपुर, राष्ट्रीय मुख्य प्रवक्ता तथा अध्यक्षता डॉ. अनसुईया अग्रवाल महासमुंद राष्ट्रीय संयोजक करेगी। शुभारंभ सत्र में स्वागत भाषण श्रीमती सीमा निगम देगी। संयोजन डॉ. मंजू साहू प्रदेश सचिव एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. रचना पाण्डे समारोह संयोजक करेगी। राष्ट्रीय संगोष्ठी प्रातः 11.30 बजे से कांफ्लूएंस महाविद्यालय में संत कबीर की वर्तमान में प्रासंगिकता के संदर्भ में होगी। संगोष्ठी के मुख्य अतिथि डॉ. परदेशी राम वर्मा, अध्यक्ष आगास दिया राजनांदगांव, विशिष्ट अतिथि डॉ. सोन

भोले शंकर महादेव जी के काशी विश्वनाथ धाम के नए रूप में लोकार्पण की पूर्व संध्या पर विशेष लेख , काशी हमारी पुरातन, सनातन, संस्कृति का केन्द्र एवं वर्तमान भारत के उद्भव का आधुनिकता का मुख्य केन्द्र है तथा यह उच्चतम शिखर पर हम सभी को पहुंचाएंगे - प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी

भोले शंकर महादेव जी के काशी विश्वनाथ धाम के नए रूप में लोकार्पण की पूर्व संध्या पर विशेष लेख लगभग 352 साल बाद ज्ञानवापी कूप मंदिर का नंदी जी के साथ मुख्य मंदिर का भाग बना। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी 13 दिसंबर 2021 (सोमवार) को काशी विश्वनाथ कोरीडोर में देश-विदेश के लगभग 5000 धर्माचार्य, हात्माओं, प्रबुद्धजनों की उपस्थिति में लोकार्पण होगा। काशी विश्वनाथ कोरीडोर के लोकार्पण में अयोध्या के दो दर्जन से ज्यादा प्रसिद्ध संत शामिल होंगे और 8000 से ज्यादा प्रसाद वितरण हेतु स्वयंसेवक लगाए गए हैं । मंडलायुक्त वाराणसी एवं पुलिस कमिश्नर वाराणसी के द्वारा नियमित समीक्षा की जा रही है। ज्योर्तिलिंग काशी विश्वनाथ मंदिर का स्वतंत्र भारत में 241 साल बाद पहली बार भारतीय शासक एवं देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा विस्तार एवं इसका आम जनमानस के लिए 13 दिसम्बर 2021 को लोकार्पण किया जा रहा है । काशी हमारी पुरातन, सनातन, संस्कृति का केन्द्र एवं वर्तमान भारत के उद्भव का आधुनिकता का मुख्य केन्द्र है तथा यह उच्चतम शिखर पर हम सभी को पहुंचाएंगे - प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी काशी भारत की वि

साहित्य के पुनर्पाठ की आवश्यकता सदैव बनी रहती है - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा

साहित्य के पुनर्पाठ की आवश्यकता सदैव बनी रहती है - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा  नाथ और सिद्ध काव्य का पुनर्पाठ पर केंद्रित विशिष्ट व्याख्यान दिया प्रो शर्मा ने   हिन्दी विभाग, इलाहाबाद विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित व्याख्यानमाला के महत्त्वपूर्ण सत्र में बोलते हुए विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के हिंदी विभागाध्यक्ष एवं कला संकायाध्यक्ष प्रो. शैलेन्द्र कुमार शर्मा ने कहा कि साहित्य शब्दार्थ से संवेदना को मूर्त रूप देता है। जीवन और कविता के नजरिये भिन्न - भिन्न हो सकते हैं और इसीलिए साहित्य के पुनर्पाठ की सदैव आवश्यकता बनी रहती है। जब तुलसी रामचरितमानस लिख रहे थे तो यह वाल्मीकि की कविता का पुनर्पाठ था, मैथिलीशरण गुप्त जब साकेत लिख रहे थे तो यह तुलसी की कविता का पुनर्पाठ था। बाद में राम की शक्तिपूजा और तुलसीदास जैसे निराला की कृतियाँ भी पुनर्पाठ हैं।  उन्होंने अनंतसिद्ध गुरु गोरखनाथ के द्वारा बताए गए कायागढ़ पर विजय पाने पर बल देते हुए कहा कि माया, ममता के बन्धन से ऊपर उठना ही मुक्ति है। बाह्य साधना के स्थान पर अंतस्साधना पर बल, प्रवृत्ति के स्थान पर निवृत्ति का आग्रह, आंतरिक शुद्धता और सदाच

आजादी का अमृत महोत्सव के तहत स्वच्छता पखवाड़े के अन्तर्गत पर्यटन विभाग द्वारा हरकी पैड़ी सहित अन्य घाटों पर सफाई अभियान चलाया गया।

हरिद्वार। उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद के तत्वावधान में आजादी का अमृत महोत्सव के तहत स्वच्छता पखवाड़े के अन्तर्गत पर्यटन विभाग द्वारा शुक्रवार को हरकी पैड़ी, सुभाष घाट, रोडी बेलवाला, सी0सी0आर0, शिव घाट, विष्णु घाट, नाई घाट पर सफाई अभियान चलाया गया।  जिला पर्यटन अधिकारी सीमा नौटियाल के नेतृत्व में नेहरू युवा केन्द्र, नमामि गंगे अकाक्षा इण्टरप्राइजेज, माई एडवेंचर क्लब, सुलभ इण्टरनेशनल, होम स्टे एसोसिएशन के सहयोग से सफाई अभियान चलाया गया। जिला पर्यटन विकास अधिकारी सीमा नौटियाल ने कहा कि, गंगा हमारी आस्था का केंद्र बिन्दु है। आम जनमानस को भी मां गंगा की पवित्रता को लेकर अपने प्रयास करने चाहिए। गंगा की स्वच्छता निर्मलता को लेकर नियमित रूप से सफाई अभियान चलाए जाने जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधाएं पेश नहीं आनी चाहिए।  गंगा की अविरलता स्वच्छता को लेकर सामाजिक संगठनों, व्यापारियों को सजगता प्रयास करना चाहिए। गंगा में मैला कुचौला पदार्थ ना डालें। गंगा हमारी आस्था का केंद्र बिन्दु हैं। लाखों करोड़ों लोगों की भावनाएं मां गंगा से जुड़ी हु

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