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गुरु अखाड़े में 150वां वंदेमातरम स्मरणोत्सव मनाया गया

Ujjain | 158 वर्ष पुरानी उज्जैन की सबसे प्राचीन संस्था श्री अच्युतानंद गुरु अखाड़ा व्यायामशाला न्यास,उज्जैन पर 150वां वंदेमातरम स्मरणोत्सव मनाया गया।  गुरु अखाड़े के मल्लखंब प्रशिक्षक श्री लीलाधर कहार ने जानकारी देते हुए बताया कि गुरु अखाड़े में 150वां वंदेमातरम स्मरणोत्सव के आयोजन में मुख्य अतिथि वरिष्ठ समाजसेवी श्री संजयजी जैन (मिलन होजियरी), विशेष अतिथि पुर्व भाजपा नगर जिला अध्यक्ष श्री कैलाशजी शर्मा इन्दौर, श्री सुरजदासजी महाराज पंच निर्वायनी अखाड़ा हनुमानगढ़ी, अयोध्या (उत्तर प्रदेश), मध्य प्रदेश शासन के पुर्व मंत्री एवं गुरु अखाड़े के अध्यक्ष श्री पारसचंद्रजी जैन, कोषाध्यक्ष श्री पुरूषोत्तमजी टेलर, एम.आई.सी. सदस्य एवं वार्ड/23 के भाजपा पार्षद श्री रजतजी मेहता आदि के मुख्य आतिथ्य में मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ सर्व प्रथम अखाड़े के संस्थापक परम पूज्य गुरुवर्य श्री अच्युतानंद स्वामीजी महाराज,अखाड़े के गुरुवर्य स्वगीर्य श्री काशीनाथजी डकारें साहब की प्रतिमा एवं मां भारती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।  दीप प्रज्ज्वलन के पश्चात सुश्री ऋषिका टे...

आईसीएआर–सीआईएई, भोपाल ने सोया-आधारित कार्यात्मक मिल्क चॉकलेट तकनीकों का किया व्यावसायिक हस्तांतरण

🙏 द्वारा, राधेश्याम चौऋषिया 🙏  भोपाल। आईसीएआर–केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान (सीआईएई), भोपाल ने अनुसंधान को व्यावहारिक उपयोग में परिवर्तित करने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि प्राप्त की है। संस्थान ने तीन सोया-आधारित कार्यात्मक मिल्क चॉकलेट प्रक्रिया तकनीकों का व्यावसायिक उपयोग हेतु लाइसेंस प्रदान किया है। इन नवीन तकनीकों का विकास डॉ. समलेश कुमारी, सोयाबीन प्रसंस्करण एवं उपयोग उत्कृष्टता केंद्र (सीईएसपीयू), आईसीएआर–सीआईएई, भोपाल द्वारा किया गया है। ये तकनीकें कार्यात्मक एवं वीगन-अनुकूल चॉकलेट्स के विकास में एक महत्वपूर्ण नवाचार हैं, जो स्वास्थ्य और स्वाद का अद्भुत संयोजन प्रस्तुत करती हैं। लाइसेंस प्राप्त प्रक्रिया तकनीकें निम्नलिखित हैं: प्रीबायोटिक मिल्क चॉकलेट प्रोबायोटिक मिल्क चॉकलेट सिनबायोटिक मिल्क चॉकलेट इन नई संरचनाओं में सोया की पोषक संपन्नता को प्रोबायोटिक्स और प्रीबायोटिक्स के स्वास्थ्यवर्धक गुणों के साथ जोड़ा गया है, जिससे उपभोक्ताओं को कार्यात्मक एवं पौध-आधारित कन्फेक्शनरी उत्पादों के रूप में एक स्वस्थ विकल्प उपलब्ध होगा। इन तकनीकों को एम/एस महाबाय...

एनआईटीटीटीआर भोपाल में ‘वंदे मातरम्’ के 150 वर्ष पूर्ण होने पर भव्य आयोजन

वंदे मातरम् केवल गीत नहीं, भारत की आत्मा है” — प्रो. सी.सी. त्रिपाठी वंदे मातरम्’ राष्ट्रभक्ति और संकल्प का जीवंत प्रतीक —  प्रो. सी.सी. त्रिपाठी वंदे मातरम्” ने भारत को जोड़ा और राष्ट्रभाव को प्रज्वलित रखा —  प्रो. सी.सी. त्रिपाठी भोपाल। एनआईटीटीटीआर भोपाल में आज राष्ट्रगीत “वंदे मातरम्”  की रचना के 150 वर्ष पूरे होने पर भव्य आयोजन किया गया।  संस्थान के निदेशक प्रो. सी.सी. त्रिपाठी ने अपने भावनात्मक उद्बोधन में कहा कि यह गीत, जिसे बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय ने 1875 में लिखा था यह केवल एक गीत नहीं, बल्कि भारत की आत्मा और स्वतंत्रता संग्राम की प्रेरणा है । कार्यक्रम के दौरान उन्होंने विद्यार्थियों और कर्मियों को इस गीत के ऐतिहासिक महत्व और इसके माध्यम से देशप्रेम की भावना को सशक्त करने का संदेश दिया।  उन्होंने कहा कि, "वंदेमातरम"— यह शब्द मात्र नहीं, एक मंत्र है, एक अद्वितीय ऊर्जा है, एक संकल्प है, और राष्ट्र के प्रति गहरी निष्ठा का प्रतीक है। यह शब्द हमारे इतिहास, हमारी संस्कृति और हमारी आत्मा से जुड़ा हुआ है। आप सभी को वन्देमातरम के 150 गौरवशाली वर्षों के इस ऐतिहा...

आजादी के आंदोलन का मंत्र बना था “वंदे मातरम्” - विधानसभा अध्यक्ष श्री तोमर

ग्वालियर जिले में भी समारोहपूर्वक मनी राष्ट्रगीत “वंदे मातरम्” की 150वी वर्षगांठ विधानसभा अध्यक्ष एवं ऊर्जा मंत्री के मुख्य आतिथ्य में हुआ जिला स्तरीय समारोह का आयोजन 🙏 द्वारा, राधेश्याम चौऋषिया 🙏  ग्वालियर । राष्ट्रगीत “वंदे मातरम्” की 150वी वर्षगांठ शुक्रवार, 7 नवम्बर 2025 को ग्वालियर जिले में भी देश भर के साथ उत्साह व उमंग के साथ समारोहपूर्वक मनाई गई। देशभक्ति से ओतप्रोत “वंदे मातरम्” का जिले का मुख्य स्मरोत्सव बाल भवन में विधानसभा अध्यक्ष श्री नरेन्द्र सिंह तोमर एवं ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के मुख्य आतिथ्य में आयोजित हुआ ।  इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष श्री तोमर ने कहा कि, राष्ट्रगीत “वंदे मातरम्” आजादी के आंदोलन में हमारे पूर्वजों के लिए सिद्ध मंत्र बना था। परतंत्रता की बेड़ियां काटने के लिए हमारे वीर सपूतों ने इस मंत्र का गायन करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी थी। उन्होंने कहा कि, जिस तरह हम सबको ईश्वर की वंदना एवं पूजा अर्चना से ऊर्जा मिलती है और संकल्प मज़बूत होता है, उसी तरह आजादी के आंदोलन में  “वंदे मातरम्” के गायन के माध्यम से राष्ट्र आराधन करते ...

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