🙏 द्वारा, राधेश्याम चौऋषिया 🙏
भोपाल। अटल बिहारी बाजपेई सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान में बुधवार, 24 दिसंबर, 2025 को आयोजित ‘’सुशासन दिवस, 2025’’ के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उद्बोधन देते हुए डॉ. अवधेश प्रताप सिंह, माननीय सदस्य, मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कहा कि, ‘’भारतीय सन्दर्भ में सुशासन का अर्थ केवल शासन चलाना नहीं, बल्कि शासन को मानवीय, पारदर्शी और जवाबदेह बनाना है। भारत में सुशासन की अवधारणा प्राचीन काल में कौटिल्य के अर्थशास्त्र से लेकर वर्तमान संवैधानिक ढांचे तक फैली हुई है, जबकि हम सामान्यतया जवाबदेही, पारदर्शिता, विधि का शासन जैसे आयामों की बात करते हैं, लेकिन सुशासन के सभी आयामों में एक अन्य महत्वपूर्ण आयाम मानव अधिकार है।
सुशासन का लक्ष्य मानव अधिकारों के संरक्षण के बिना प्राप्त नहीं हो सकता। कोई भी समाज मानव अधिकारों के संरक्षण से ही समावेशी एवं सशक्त बन सकता है। इस तरह मानव अधिकार सुशासन के अनुपूरक हैं। जिनकी स्मृति में सुशासन दिवस मनाया जाता है ऐसे भारत रत्न अटल जी कहा करते थे शासन का अर्थ केवल सत्ता का संचालन नहीं, बल्कि समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास की रोशनी पहुंचाना है।
डॉ. सिंह ने आगे उल्लेख किया कि, भारत का संविधान स्वयं ही सुशासन का एक ब्लूप्रिंट है, जिसकी प्रस्तावना में ही सुशासन के सभी मूल्य समाहित हैं। हमारे देश के राजनेताओं ने जीवंत संविधान का निर्माण किया, जिसमें प्राथमिकता से मानव अधिकारों के साथ सुशासन, मौलिक अधिकारों एवं राज्य के नीति निदेशक तत्वों को शामिल कर सुशासन एवं सामाजिक न्याय की दिशा में प्रतिबद्धता सुनिश्चित की।
मानव अधिकार आयोग के माननीय सदस्य ने कहा कि, वर्तमान समय में भारत में सुशासन को प्रभावी बनाने के लिये तकनीकी का उपयोग कर ई-गवर्नेंस, प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी), नागरिक चार्टर एवं एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम जैसे कदम उठाये गये हैं, परन्तु भारतीय परंपरा में सुशासन के ''सर्वे भवन्तु सुखिन:'' और अंत्योदय के लक्ष्य को पूरा करने में कार्यपालिका के साथ विधायिका, संविधान समाज का सहयोग आवश्यक है। सुशासन निरंतर चलने वाली साधना है। इसके लिए हम सभी अपने आचरण में भारतीय मूल्यों को समाहित करेंगे तभी मूल्य आधारित एवं नागरिक केंद्रित सुशासन का मार्ग प्रशस्त होगा।
इस आयोजन में संस्था के उपाध्यक्ष प्रोफेसर राजीव दीक्षित, विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. मुकेश कुमार मिश्रा, निदेशक, दत्तोपंत ठेंगडी शोध संस्थान, भोपाल, डॉ. सुषमा शर्मा, प्रोफेसर, राष्ट्रीय विधि संस्थान, पुलिस उपायुक्त सुश्री सोनाक्षी सक्सैना, संचालक श्री श्रषि गर्ग, सलाहकार डॉ. मनोज जैन सहित बडी संख्या में अधिकारी, छात्र व नागरिक उपस्थित थे।
✍ राधेश्याम चौऋषिया
● सम्पादक, बेख़बरों की खबर
● राज्य स्तरीय अधिमान्य पत्रकार, जनसम्पर्क विभाग, मध्यप्रदेश शासन
● राज्य मीडिया प्रभारी, भारत स्काउट एवं गाइड मध्यप्रदेश
● मध्यप्रदेश ब्यूरों प्रमुख, दैनिक निर्णायक
● मध्यप्रदेश ब्यूरों प्रमुख, दैनिक मालव क्रान्ति
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