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‘महिला सशक्तिकरण एवं मानव अधिकार’ विषय पर हुआ मंथन


अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस अधिकारों के साथ ही कर्त्तव्य बोध भी आवश्यक, पूरक हैं अधिकार और कर्तव्य  : विधानसभा अध्यक्ष श्री तोमर

महिला सशक्तिकरण राष्ट्र निर्माण का आधार है  : डॉ ए. पी. सिंह यादव, मा. सदस्य, मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग

महिलाओं के मानवाधिकार और सशक्तिकरण संवैधानिक और समाज की नैतिक जिम्मेदारी मंत्री सुश्री भूरिया

🙏 द्वारा, राधेश्याम चौऋषिया 🙏 

भोपाल। विधानसभा अध्यक्ष श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा है कि, अधिकार और कर्तव्य एक दूसरे के पूरक हैं। अधिकारों के लिए कानून बनाए गए हैं, उन्हें लिखित रूप से परिभाषित किया जा सकता है, किंतु कर्तव्यों का बोध करना और कराना पड़ता है। जब हम अधिकारों के प्रति जागरुकता प्रदर्शित करते हैं तो कर्तव्य पालन का भी ध्यान रखना आवश्यक है। विधानसभा अध्यक्ष श्री तोमर ने यह बात अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के अवसर पर ‘महिला सशक्तिकरण एवं मानवाधिकार’ विषय पर आरसीवीपी नरोन्हा प्रशासन एवं प्रबंधकीय अकादमी में बुधवार, 10 दिसंबर, 2025 को आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही।



महिला सशक्तिकरण प्राचीन काल से ही हमारे संस्कारों में शामिल रहा है। हमारे समाज में महिलाओं के सम्मान और सशक्तिकरण के भाव सदैव मौजूद रहे हैं। हमें पारंपरिक संस्कृति और मान्यताओं में आई विकृतियों के प्रति सजग रहते हुए उनके निवारण के प्रयास तो करने ही चाहिये साथ ही उसके मूल सृजनात्मक स्वरूप और उपलब्धियों पर गर्व भी करना चाहिये।



महिला एवं बाल विकास मंत्री सुश्री निर्मला भूरिया ने कहा कि, महिलाओं के मानवाधिकार और सशक्तिकरण सरकारों की संवैधानिक और समाज की नैतिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के विजन को अमल में ला रहे मुख्यमंत्री डॉ. यादव के मार्गदर्शन में राज्य सरकार महिलाओं की समस्याओं और उनके सशक्तिकरण के प्रति सजग और संवेदनशील हैं। मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है, जिसने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की पूर्णत: ऑनलाइन पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया लागू की है। हाल ही में 19 हजार से अधिक आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की पूर्णतः पारदर्शी ऑनलाइन भर्ती कर इसका उदाहरण प्रस्तुत किया है।



मानवाधिकार आयोग के मा.सदस्य डॉ. अवधेश प्रताप सिंह यादव ने कहा कि, संयुक्त राष्ट्र संघ की घोषणा के बाद हमारा देश का संविधान मानव अधिकारों को अपनाने में अग्रणीय रहा है।महिला सशक्तिकरण राष्ट्र निर्माण का आधार है इसलिए मानवाधिकारों के संवर्धन हेतु  समाज  एवं राज्य सरकारो को  सजगता से प्रयास करना चाहिए।इस दिशा में आयोग के कार्यक्रम द्वारा जागरूकता के साथ मीडिया,व जनप्रतिनिधियों द्वारा समन्वित प्रयासों की प्रभावी भूमिका रहेगी  । उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति सभ्यता के उदय के साथ इसके प्रति सजग और संवेदनशील है।



यूएन वूमेन की स्टेट हैड सुश्री रे ने पारंपरिक रूप से घर, सार्वजनिक स्थलों के साथ ही आधुनिक डिजिटल स्पेस में भी महिलाओं के संरक्षण और सशक्तिकरण की आवश्यकता जताई। और इस बात पर भी जोर दिया कि घर, समाज ने भी मानसिकता परिवर्तन व लिंग समानता के प्रति संवेदनशील बनाने में घर से ही शुरुआत होना चाहिए।



आयोग के प्रमुख सचिव श्री मुकेश चंद गुप्ता ने अतिथियों का स्वागत किया। आभार प्रदर्शन आयोग के उप सचिव श्री डी.एस. परमार ने किया। इस अवसर पर ‘’महिला सशक्तिकरण एवं मानव अधिकार’’ विषय पर आधारित स्मारिका का विमोचन किया गया। तथा आयोग की ओर से अतिथियों को स्मृति-चिन्ह भी भेंट किये गये।


     
कार्यक्रम के प्रतिभागी के रूप में विभागों/संस्‍थानों के वरिष्‍ठ अधिकारीगण, सेवानिवृत्त न्‍यायाधीश, आयोग के पूर्व पदाधिकारीगण एवं अधिकारीगण, वरिष्‍ठ प्रशासनिक/पुलिस अधिकारीगण तथा विधि संकाय के प्राध्यापक एवं विद्यार्थीगण तथा अन्य संबंधित विभागों/संस्थानों के अधिकारीगण और रोटरी क्लब भोपाल, आईएसटीबी संस्था व भोपाल क्‍लब के पदाधिकारीगण भी शामिल हुये। कार्यक्रम का संचालन आकाशवाणी, भोपाल की तदर्थ उद्घोषिका श्रीमती सुनीता सिंह द्वारा किया गया।













✍ राधेश्याम चौऋषिया 

Radheshyam Chourasiya

Radheshyam Chourasiya II

● सम्पादक, बेख़बरों की खबर
● राज्य स्तरीय अधिमान्य पत्रकार, जनसम्पर्क विभाग, मध्यप्रदेश शासन
● राज्य मीडिया प्रभारी, भारत स्काउट एवं गाइड मध्यप्रदेश
● मध्यप्रदेश ब्यूरों प्रमुख, दैनिक निर्णायक
● मध्यप्रदेश ब्यूरों प्रमुख, दैनिक मालव क्रान्ति

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