आईसीएआर–केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान, भोपाल में फ़ूड एवं मिलेट प्रसंस्करण पर इंडस्ट्री–बिज़नेस मीट का सफल आयोजन
🙏 द्वारा, राधेश्याम चौऋषिया 🙏
भोपाल। आईसीएआर–केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान, भोपाल के खाद्य उत्पाद प्रसंस्करण प्रभाग द्वारा 17 नवम्बर 2025 को इंडस्ट्री–बिज़नेस मीट ऑन फ़ूड प्रोसेसिंग का सफल आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मिलेट प्रसंस्करण के साथ-साथ खाद्यान्न, फल एवं सब्ज़ी प्रसंस्करण पर विशेष जोर दिया गया। विभिन्न उद्योगों से आए प्रतिनिधियों, उद्यमियों तथा एल.एन.सी.टी विश्वविद्यालय, भोपाल के स्नातक विद्यार्थियों (खाद्य प्रसंस्करण में रूचि रखने वाले) एवं संकाय सदस्यों सहित लगभग 50 प्रतिभागियों ने इस कार्यक्रम में सक्रिय भागीदारी की, जिससे उद्योग–शैक्षणिक–अनुसंधान सहयोग की दिशा में महत्वपूर्ण पहल हुई।
उद्घाटन सत्र में एग्रो प्रोड्यूस प्रोसेसिंग डिवीजन के प्रमुख डॉ. एस. मंगराज ने सभी अतिथियों एवं प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में नवाचार, स्टार्टअप संस्कृति के विकास, कौशल उन्नयन तथा उद्योग और अनुसंधान संस्थानों के बीच सुदृढ़ समन्वय के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने मिलेट एवं बागवानी उत्पादों की बढ़ती उपयोगिता, पोषण सुरक्षा तथा आर्थिक विकास में उनके योगदान को रेखांकित किया।
तकनीकी सत्र में विभिन्न विशेषज्ञों ने अपनी विषय–विशेषज्ञता साझा की। जिसमे डॉ. दिलीप पवार, वैज्ञानिक ने फ़ूड प्रोसेसिंग एवं मिलेट प्रोसेसिंग के व्यावसायिक अवसरों पर विस्तृत व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने बाजार की मांग, मूल्य संवर्धन, स्टार्टअप संभावनाओं तथा उद्योगों की आवश्यकताओं पर विस्तार से चर्चा की। इसके बाद डॉ. एम. के. त्रिपाठी, प्रधान वैज्ञानिक ने मिलेट, खाद्यान्न एवं बागवानी उत्पादों के प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन पर प्रस्तुति दी। उन्होंने मिलेट के पोषणीय गुणों, कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स, एंटीऑक्सीडेंट क्षमता और स्वास्थ्य लाभों के साथ–साथ उन्नत प्रसंस्करण तकनीकों एवं उनके व्यवहारिक उपयोग पर विस्तृत जानकारी प्रदान की। डॉ. आदिनाथ ने फलों, सब्ज़ियों, खाद्यान्नों एवं मिलेट प्रसंस्करण हेतु विकसित विभिन्न मशीनों एवं उपकरणों का प्रत्यक्ष प्रदर्शन किया। प्रतिभागियों ने इन मशीनों की कार्यप्रणाली, दक्षता और उपयोगिता में गहरी रुचि दिखाई।
कार्यक्रम के अंत में उद्योग प्रतिनिधियों, विद्यार्थियों और प्रभाग के वैज्ञानिकों के मध्य पैनल चर्चा आयोजित की गई, जिसमें खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र की चुनौतियों, तकनीकी विकास, संभावित सहयोग, प्रशिक्षण आवश्यकताओं तथा स्टार्टअप सहायता पर उपयोगी विचार–विमर्श हुआ।
समापन सत्र में डॉ. एस. मंगराज ने उद्योग और अनुसंधान संस्थानों के बीच मजबूत सहयोगात्मक अनुसंधान एवं तकनीकी साझेदारी की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि, इस प्रकार के कार्यक्रम उद्योग, अनुसंधान और शिक्षा संस्थानों के बीच सेतु का कार्य करते हैं तथा कृषि–खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को नई दिशा प्रदान करते हैं। यह कार्यक्रम प्रतिभागियों के लिए अत्यंत ज्ञानवर्धक और उपयोगी सिद्ध हुआ तथा भविष्य में ऐसे कार्यक्रमों के नियमित आयोजन की आवश्यकता पर जोर दिया गया।
✍ राधेश्याम चौऋषिया
● सम्पादक, बेख़बरों की खबर
● राज्य स्तरीय अधिमान्य पत्रकार, जनसम्पर्क विभाग, मध्यप्रदेश शासन
● राज्य मीडिया प्रभारी, भारत स्काउट एवं गाइड मध्यप्रदेश
● मध्यप्रदेश ब्यूरों प्रमुख, दैनिक निर्णायक
● मध्यप्रदेश ब्यूरों प्रमुख, दैनिक मालव क्रान्ति
![]()
![]()
![]()
![]()
![]()
![]()
![]()
![]()
![]()
![]()
![]()
![]()
![]()
![]()
![]()
![]()
![]()
"बेख़बरों की खबर" फेसबुक पेज...![]()
Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर
"बेख़बरों की खबर" न्यूज़ पोर्टल/वेबसाइट... 👇
"बेख़बरों की खबर" ई-मैगजीन पढ़ने के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें...
https://www.readwhere.com/publi.../6480/Bekhabaron-Ki-Khabar
🚩🚩🚩🚩 आभार, धन्यवाद, सादर प्रणाम। 🚩🚩🚩🚩



Comments