गुरु नानक देव जी की वाणी का अनुकरण करे समाज – डॉ अग्निहोत्री
गुरु नानकदेव जी की वाणी : वर्तमान परिप्रेक्ष्य में विषय पर हुई अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी
Ujjain | सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय उज्जैन की हिंदी अध्ययनशाला एवं गुरुनानक अध्ययन पीठ के संयुक्त तत्वावधान में श्री गुरुनानक देव जी के प्रकाश पर्व के अवसर पर अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। यह संगोष्ठी गुरु नानक देव जी की वाणी : वर्तमान परिप्रेक्ष्य में पर केंद्रित थी। आयोजन की मुख्य अतिथि डॉ वंदना अग्निहोत्री केलिफोर्निया यूएसए थीं। अध्यक्षता कुलानुशासक प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा ने की। विशिष्ट अतिथि प्रो गीता नायक, प्रो जगदीश चंद्र शर्मा, डॉ उमा गगरानी, मंदसौर आदि ने गुरुनानक देव जी के अवदान पर प्रकाश डाला।
मुख्य अतिथि डॉ. वंदना अग्निहोत्री, यूएसए ने अपने वक्तव्य में कहा कि जब संस्कृति और समाज में बाह्य आक्रांताओं के हमले हो रहा थे, उस समय गुरु नानक जी के वाणी से नवजीवन के सन्देश प्रचारित - प्रसारित हो रहे थे। उन्होंने उस समय की जनता में जागृति पैदा की। दया भावना, करुणा आदि भावों के अनुसार ही आचरण करना चाहिए। समाज को गुरु नानक देव जी की वाणी का अनुकरण करना चाहिए।
कुलानुशासक प्रो. शैलेंद्र कुमार शर्मा ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि गुरु नानक देव जी के परस्पर प्रेम, सेवा और समानता का शाश्वत सन्देश दिया। समाज में व्याप्त पंक्ति भेद को समाप्त करने का अविस्मरणीय कार्य नानक जी की वाणी ने किया है। गुरुनानक जयंती को प्रकाश उत्सव के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने गुरु शिष्य परंपरा के महत्व को पुनःस्थापित किया।
प्रो. गीता नायक ने अपने उद्बोधन में कहा कि सिख धर्म में एक ओंकार के मंत्र पर बल दिया जाता है। काम, क्रोध जिसे स्पर्श नहीं करता उसमें ईश्वर का वास होता है। चिंता से दूर रहना चाहिए और चिंतन करते रहना चाहिए। सेवा ही इस गुरुनानक देव जी की वाणी का मुख्य भाव है।
डॉ उमा गगरानी, मंदसौर ने अपने वक्तव्य में कहा कि गुरुनानक जी समानता के पक्षधर थे। वह नारी को भी ही उतना सम्मान देने के उपदेश देते थे जितना कि पुरुष को दिया जाता है।
कार्यक्रम के प्रारंभ में उपस्थित जनों द्वारा गुरु नानक देव जी के चित्र के समक्ष प्रणाम अंजलि अर्पित की गई।
कार्यक्रम का संचालन शोधार्थी पूजा परमार ने किया। आभार प्रदर्शन ललितकला अध्ययनशाला के अध्यक्ष प्रो. जगदीशचंद्र शर्मा ने किया।





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