अखिल भारतीय कालिदास समारोह के अंतर्गत अंतरविश्वविद्यालयीन संस्कृत वादविवाद, अन्तर महाविद्यालयीन कालिदास काव्य पाठ एवं हिंदी वाद - विवाद स्पर्धा सम्पन्न
अन्तरविश्वविद्यालयीन संस्कृत वाद विवाद में प्रथम स्थान श्री अक्षत जोशी ने प्राप्त किया, अन्तरमहाविद्यालयीन हिंदी वाद विवाद में आयुषी पाठक, कालिदास काव्यपाठ में अभिषेक तिवारी प्रथम रहे
देश - प्रदेश की युवा प्रतिभाओं ने कालिदास की वाणी के समकालीन मर्म को उद्घाटित किया, आतंक के विनाश के लिए महाकवि के काव्य के सन्देश पर हुआ मंथन
Ujjain | मध्यप्रदेश शासन के तत्वावधान में सम्राट् विक्रमादित्य विश्वविद्यालय, उज्जैन एवं कालिदास संस्कृत अकादमी द्वारा आयोजित अखिल भारतीय कालिदास समारोह के अंतर्गत विश्वविद्यालय की कालिदास समिति द्वारा सारस्वत आयोजनों की शृंखला में अंतरविश्वविद्यालयीन संस्कृत वादविवाद, अन्तर महाविद्यालयीन कालिदास काव्य पाठ एवं हिंदी वाद विवाद स्पर्धा सम्पन्न हुईं। पं सूर्यनारायण व्यास संकुल सभागार में हुई संस्कृत वाद - विवाद प्रतियोगिता की अध्यक्षता प्रो. जनार्दन प्रसाद पाण्डेय, इलाहाबाद ने की। निर्णायक डॉ. मनुलता शर्मा वाराणसी, डॉ. चंद्रभूषण झा दिल्ली, डॉ. ब्रजसुंदर मिश्र भुवनेश्वर और कालिदास समिति के सचिव प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा ने विचार व्यक्त किए। इस प्रतियोगिता का विषय आतंकनाशनंभूयातप्रजानमिती शंसती। सर्वाती शायिनीलोकेकालिदासस्य भारती रखा गया था।
राज्य स्तरीय अन्तरमहाविद्यालयीन कालिदास काव्य पाठ प्रतियोगिता में श्लोकों का चयन महाकवि कालिदास की अमर कृति मालविकाग्निमित्रम् से किया गया था। अंतरमहाविद्यालयीन कालिदास काव्यपाठ प्रतियोगिता की अध्यक्षता डॉ. अजिता त्रिवेदी, उज्जैन ने की। निर्णायक डॉ. संतोष पंड्या उज्जैन, डॉ. कृपाशंकर शर्मा भोपाल एवं डॉ. अनीता आगरा थे। 6 नवंबर की सन्ध्या को कालिदास संस्कृत अकादमी में महाकवि कालिदास ने आतंक के उन्मूलन का अद्वितीय संदेश दिया है, विषय पर केंद्रित अन्तर महाविद्यालयीन हिंदी वादविवाद प्रतियोगिता हुई।
कवितापाठ प्रतियोगिता के अंत में डॉ. अजिता त्रिवेदी ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि काव्य पाठ के तीन आधार होते हैं स्मरण शक्ति, उच्चारण और अर्थबोध। इन तीनों का समन्वय किसी भी श्लोकपाठ को शुद्ध बनाता है। काव्यपाठ में अर्थ का अनर्थ नहीं होना चाहिए और शब्दों पर ध्यान देना चाहिए। काव्य पाठ प्रतियोगिता के निर्णायक अतिथि डॉ. संतोष पंड्या ने कहा कि प्रतियोगिता में भाग लेना श्लाघनीय प्रयत्न है। इस उत्साह में कमी नहीं होनी चाहिए। पाठ करते समय स्मृति और उच्चारण का ध्यान रखें। डॉ. कृपाशंकर शुक्ल, भोपाल ने अपने उद्बोधन में विद्यार्थियों को स्वर, उच्चारण के साथ अर्थबोध पर विशेष ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा।
कालिदास समिति के सचिव प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा ने कहा कि समारोह के अंतर्गत प्रतिवर्ष आयोजित की जाने वाली वाद विवाद एवं काव्य पाठ स्पर्धाएं भारतीय सांस्कृतिक चेतना के प्रतीक महाकवि कालिदास के काव्य के साथ युवा पीढ़ी को जोड़ने का महत्वपूर्ण माध्यम है। महाकवि की वाणी नई पीढ़ी में विशेष उत्साह का संचार करने वाली वाणी है। उसमें समय और समाज की आकांक्षाओं के अनुरूप प्रत्येक पीढ़ी के लिए महत्वपूर्ण जीवन सत्य मिलता है। डॉ. अनीता आगरा ने अपने वक्तव्य में कहा कि पाठ करने के लिए लय, उच्चारण और मंच पर डटे रहने का अभ्यास करना चाहिए और गेयता पर ध्यान देना चाहिए।
राज्य स्तरीय संस्कृत काव्यपाठ स्पर्धा में अभिषेक तिवारी, व्याकरण विभाग महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विज्ञान विश्वविद्यालय उज्जैन ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। द्वितीय स्थान पर चयन पाण्डेय संस्कृत अध्ययनशाला सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय उज्जैन उज्जैन रहे। तृतीय पुरस्कार के योग्य आनंद त्रिवेदी शिक्षा शास्त्र, महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विज्ञान विश्वविद्यालय उज्जैन घोषित किए गए। प्रोत्साहन पुरस्कार आभाष शर्मा, स्वस्तिक शर्मा को दिया गया। स्व. श्री संकर्षण व्यास आवर्तक रजत फलक व्याकरण विभाग तथा विशिष्ट संस्कृत विभाग महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विज्ञान विश्वविद्यालय उज्जैन रहा। जिसके प्रतिभागी अभिषेक तिवारी, केशव पाठक, स्वस्तिक शर्मा, आभाष शर्मा थे। स्व. अनंतनारायण पुरोहित आवर्तक रजत फलक के लिए संस्कृत अध्ययनशाला सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय उज्जैन को विजयी घोषित किया गया, जिसके प्रतिभागी विद्यार्थी चयन पाण्डेय, हिमांशु गौतम थे।
अन्तरमहाविद्यालयीन संस्कृत वाद विवाद स्पर्धा में प्रथम स्थान श्री अक्षत जोशी महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विज्ञान विश्वविद्यालय उज्जैन, ने प्राप्त किया। द्वितीय स्थान श्री श्रेयस राजेश्वर राठी, राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, तिरुपति और तृतीय स्थान श्री विपिन पाण्डेय, काशी हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी ने प्राप्त किया। चतुर्थ पुरस्कार श्री आभाष शर्मा, महर्षि पाणिनी संस्कृत विश्विद्यालय उज्जैन ने प्राप्त किया। पंचम पुरस्कार श्री प्रीतम पाण्डेय , काशी हिंदू विश्वविद्यालय वाराणसी ने प्राप्त किया। प्रोत्साहन पुरस्कार श्री सुदर्शन दीक्षित संस्कृत विभाग सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय, उज्जैन और मनीषा साहू राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय तिरुपति को दिया जाएगा। श्रीमती गंगादेवी दुबे स्मृति आवर्तक रजत वैजयंती पुरस्कार एवं भारत सरकार शिक्षा मंत्रालय आवर्तक रजतफलक महर्षि पाणिनी संस्कृत एवं वैदिक विज्ञान विश्वविद्यालय, उज्जैन को प्रदान किया जाएगा। इसके प्रतिनिधि छात्र श्री आभाष शर्मा और श्री अक्षत जोशी थे।
हिंदी वाद - विवाद प्रतियोगिता की अध्यक्षता डॉ. केदारनाथ शुक्ल, उज्जैन ने की। सारस्वत अतिथि प्रो मनुलता शर्मा, वाराणसी एवं डॉ. हरिमोहन बुधौलिया, उज्जैन थे। निर्णाायक डॉ. निलिम्प त्रिपाठी भोपाल, डॉ. रमेश चतुर्वेदी गुजरात, डॉ. शशिकांत द्विवेदी वाराणसी थे।
हिंदी वाद - विवाद प्रतियोगिता में प्रथम स्थान आयुषी पाठक, केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय भोपाल परिसर ने प्राप्त किया । द्वितीय पुरस्कार गौरांगी मेहता, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर ने प्राप्त किया। तृतीय पुरस्कार योग्य सजल जैन, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर रहें। प्रोत्साहन पुरस्कार के लिए सुदर्शन दीक्षित संस्कृत अध्ययनशाला सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय उज्जैन और शुभम प्रजापति, शिक्षा शास्त्र विभाग महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विज्ञान विश्वविद्यालय उज्जैन चयनित हुए। विमलचंद सेठी आवर्तक रजत फलक (सर्वाधिक अंकों के आधार पर) देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर को मिलेगा जिसके प्रतिभागी छात्र गौरांगी मेहता और सजल जैन थे। कुमारी रश्मि सेठिया स्मृति रजत पदक (व्यक्तिगत सर्वाधिक महिला प्रतिभागी) प्रतिनिधि छात्रा आयुषी पाठक केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय भोपाल परिसर को दिया जाएगा। कुमारी रश्मि सेठिया स्मृति आवर्तक रजत फलक (महिला प्रतिभागियों में सर्वाधिक अंकों के आधार पर) देवी अहिल्या विक्रम विश्वविद्यालय इंदौर को दिया जाएगा जिसके प्रतिनिधि छात्र गौरंगी मेहता और सजल जैन थे।
कालिदास संस्कृत काव्यपाठ प्रतियोगिता का संचालन डॉ महेन्द्र पंड्या ने, संस्कृत एवं हिंदी वादविवाद प्रतियोगिता का संचालन क्रमशः डॉ. पूजा उपाध्याय एवं डॉ प्रीति पांडेय ने किया। आभार प्रदर्शन गोपालकृष्ण शुक्ल, डॉ विष्णु कुमार मीणा, डॉ सर्वेश्वर शर्मा, डॉ रश्मि मिश्रा ने किया।
समापन समारोह में 7 नवम्बर को सन्ध्या 4 बजे होगा विभिन्न स्पर्धाओं का पुरस्कार वितरण
अखिल भारतीय कालिदास समारोह के समापन अवसर पर कालिदास संस्कृत अकादमी में 7 नवम्बर को सन्ध्या 4 बजे विभिन्न स्पर्धाओं का पुरस्कार वितरण होगा। कालिदास समिति के सचिव प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा ने बताया कि विक्रम विश्वविद्यालय की कालिदास समिति द्वारा आयोजित श्रेष्ठ शोध पत्रों के लिए विक्रम कालिदास पुरस्कार के साथ समस्त विद्यालयीन, अंतरमहाविद्यालयीन एवं राष्ट्रीय स्तर की अन्तर्विश्वविद्यालयीन स्पर्धाओं के विजेताओं को पुरस्कृत किया जाएगा।








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