एनआईटीटीटीआर भोपाल में दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का समापन
पॉलीटेक्निक शिक्षा में नवाचार और क्रियान्वयन पर देशभर के विशेषज्ञों ने साझा किए विचार
शिक्षकों के प्रशिक्षण और करिकुलम सुधार की आवश्यकता पर जोर
भोपाल। “राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020: पॉलीटेक्निक शिक्षा में नवाचार एवं क्रियान्वयन” विषय पर एनआईटीटीटीआर भोपाल में भोपाल में आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला का समापन आज संपन्न हुआ।
कार्यशाला में बोलते हुए प्रो नरेंद्र थापक ने कहा कि आज स्किल डेवलपमेंट,एग्जामिनेशन रिफॉर्म्स एवं करिकुलम इम्प्लीमेंटेशन के लिए टीचर्स ट्रेनिंग की आवश्यकता है। बिहार टेक्निकल एजुकेशन के जॉइंट डायरेक्टर चंद्र शेखर सिंह ने बिहार स्टेट के लिए निटर द्वारा बनाये गए करिकुलम की तारीफ करते हुए कहा कि हमारे यहाँ सारी प्रोसेस को डिजिटल कर दिया गया है। प्रो मनीष भार्गव ने वोकेशनल ट्रेनिंग में पालीटेक्निक संस्थानों के महत्व पर महत्वपूर्ण व्याख्यान दिया।
समापन अवसर पर डॉ. अतुल कोठारी ने कहा कि , वैल्यू एजुकेशन के लिए अलग से किसी कोर्स की आवश्यकता नहीं है यह हर विषय में इंक्लूड होना चाहिए।
एनआईटीटीटीआर भोपाल के निदेशक प्रो सी सी त्रिपाठी ने शैक्षणिक संस्थानों को नए अवसरों एवं चुनौतियों के लिए तैयार रहने के लिए आव्हान करते हुए कहा कि कौशल एवं उधमिता विकास में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करे। श्री मोहित श्रीवास्तव ने कहा कि स्किल के साथ साथ मानवीय मूल्य का समावेश ही इस शिक्षा नीति का उद्देश्य है। इस कार्यशाला में देशभर के सभी राज्यों के तकनीकी शिक्षा निदेशक, प्राचार्य और नीति-निर्माता शिक्षक सहित 250 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। कार्यशाला में प्रो परेश कोटक ,डॉ पिंकेश शाह ,प्रो आशीष देशपांडे ,प्रो मनीष भार्गव,डॉ रणजीत सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किये ।

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