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गुरु अखाड़े में 150वां वंदेमातरम स्मरणोत्सव मनाया गया

Ujjain | 158 वर्ष पुरानी उज्जैन की सबसे प्राचीन संस्था श्री अच्युतानंद गुरु अखाड़ा व्यायामशाला न्यास,उज्जैन पर 150वां वंदेमातरम स्मरणोत्सव मनाया गया। 

गुरु अखाड़े के मल्लखंब प्रशिक्षक श्री लीलाधर कहार ने जानकारी देते हुए बताया कि गुरु अखाड़े में 150वां वंदेमातरम स्मरणोत्सव के आयोजन में मुख्य अतिथि वरिष्ठ समाजसेवी श्री संजयजी जैन (मिलन होजियरी), विशेष अतिथि पुर्व भाजपा नगर जिला अध्यक्ष श्री कैलाशजी शर्मा इन्दौर, श्री सुरजदासजी महाराज पंच निर्वायनी अखाड़ा हनुमानगढ़ी, अयोध्या (उत्तर प्रदेश), मध्य प्रदेश शासन के पुर्व मंत्री एवं गुरु अखाड़े के अध्यक्ष श्री पारसचंद्रजी जैन, कोषाध्यक्ष श्री पुरूषोत्तमजी टेलर, एम.आई.सी. सदस्य एवं वार्ड/23 के भाजपा पार्षद श्री रजतजी मेहता आदि के मुख्य आतिथ्य में मनाया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ सर्व प्रथम अखाड़े के संस्थापक परम पूज्य गुरुवर्य श्री अच्युतानंद स्वामीजी महाराज,अखाड़े के गुरुवर्य स्वगीर्य श्री काशीनाथजी डकारें साहब की प्रतिमा एवं मां भारती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। 

दीप प्रज्ज्वलन के पश्चात सुश्री ऋषिका टेलर के नेतृत्व में अखाड़े के विधार्थियों द्वारा मां भारती के अन्नय भक्त स्वगीर्य श्री बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा रचित राष्ट्रीय गीत वंदेमातरम गाया गया। 150वां वन्दे मातरम स्मरणोत्सव के उपलक्ष्य पर गुरु अखाड़े के राष्ट्रीय पदक विजेता मल्लखंब खिलाड़ी श्री दक्ष कहार (हेंगिंग मल्लखंब), श्री राज तवंर (पोल मल्लखंब), श्री श्लोक गहलोत द्वारा (रोप मल्लखंब) का शानदार प्रदर्शन किया गया। साथ ही गुरु अखाड़े के मल्लखंब विधार्थियो द्वारा सामुहिक मल्लखंब पिरामिड की प्रस्तुति दी गई।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से उपस्थित गुरु अखाड़े के अध्यक्ष श्री पारसचंदजी जैन, कोषाध्यक्ष श्री पुरूषोत्तमजी टेलर, संचालक श्री गुरुदेवजी उपाध्याय, श्री मुकेशजी बठानिया, एक लव्य अवार्ड से सम्मानित श्री रवि सिंह चौहान एवं श्री प्रवीण सिंह चौहान, मल्लखंब प्रशिक्षक श्री लीलाधर कहार, जीम कोच श्री राधेश्याम कहार, श्री सचिन चौधरी (पहलवान), अरुण पंवार, मयंक कहार, महेश राजोरिया, सुरेश माली आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।

कार्यक्रम का संचालन गुरु अखाड़े के मल्लखंब प्रशिक्षक श्री लीलाधर कहार एवं आभार श्री प्रवीण सिंह चौहान द्वारा किया गया।

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