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महाकवि कालिदास के युग परिवेश और इतिहास से लेकर कला, सौंदर्य दृष्टि और रचनाओं के प्रामाणिक पाठ पर होगा मंथन राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी में

अखिल भारतीय कालिदास समारोह 2025 में होंगे राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी एवं व्याख्यान के चार सत्र सहित विविध सारस्वत आयोजन, देश के दस से अधिक राज्यों के विद्वान भाग लेंगे

सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय द्वारा विक्रम कालिदास पुरस्कार 2025 के लिए गुणवत्तापूर्ण शोध पत्र आमंत्रित, समारोह में होंगी संस्कृत एवं हिंदी वाद विवाद और कालिदास काव्यपाठ स्पर्धाएं 

Ujjain | मध्यप्रदेश शासन के तत्वावधान में सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय, उज्जैन एवं कालिदास संस्कृत अकादमी द्वारा आयोजित अखिल भारतीय कालिदास समारोह का आयोजन दिनांक 1 से 7 नवंबर 2025 तक किया जा रहा है। इस वर्ष अकादमिक कार्यक्रमों के अंतर्गत सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय, उज्जैन द्वारा राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी के चार सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिनमें देश के दस से अधिक राज्यों के विद्वान भाग लेंगे।  संगोष्ठी के सत्रों में महाकवि कालिदास के युग परिवेश और इतिहास से लेकर कला एवं सौंदर्य दृष्टि और रचनाओं के प्रामाणिक पाठ पर मंथन होगा।

यह जानकारी देते हुए सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय, उज्जैन की कालिदास समिति के सचिव एवं कुलानुशासक प्रो शैलेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि विक्रम कालिदास पुरस्कार 2025 हेतु गुणवत्तापूर्ण शोध पत्रों की प्रविष्टि की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर 2025 रहेगी। समारोह में विभिन्न संगोष्ठी सत्रों में कालिदास साहित्य के विविध आयामों पर स्वतंत्र रूप से या अंतरानुशासनिक दृष्टि से शोध पत्र प्रस्तुति के लिए आमंत्रित किए गए हैं। कालिदास साहित्य के विविध पक्षों पर केंद्रित शोध पत्र प्रस्तुति के लिए देश के विभिन्न राज्यों के सुधी विद्वान, प्राध्यापक और शोधकर्ता सम्मिलित होने के लिए उज्जैन आ रहे हैं। संगोष्ठी एवं व्याख्यान सत्रों में देश के विभिन्न स्थानों से सम्मिलित होने वाले विद्वानों में प्रो वसंतकुमार भट्ट, अहमदाबाद, प्रो. मनुलता शर्मा, वाराणसी, प्रो के येडुकोण्डुलु, विशाखापट्टनम, श्री नर्मदाप्रसाद उपाध्याय, इंदौर, डॉ. शशिभूषण मिश्र, आचार्य, कलकत्ता, डॉ जनार्दनप्रसाद पांडेय मणि प्रयागराज,   डॉ. मनसुख मौलिया, आचार्य एवं अध्यक्ष, संस्कृत विभाग, सौराष्ट्र विश्वविद्यालय, राजकोट, डॉ. सरोज कौशल जोधपुर, प्रो राधावल्लभ त्रिपाठी भोपाल, डॉ रामचंद्र ठाकुर, महिदपुर, डॉ नारायण व्यास, भोपाल, डॉ रामविनय सिंह, देहरादून, डॉ चन्द्रभूषण झा, नई दिल्ली, डॉ निलिम्प त्रिपाठी, भोपाल, डॉ अनिता, आगरा आदि प्रमुख हैं।

अखिल भारतीय कालिदास समारोह के सारस्वत आयोजन के अंतर्गत कालिदास साहित्य के विविध पक्षों पर राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी के चार सत्र दिनांक 2 से 5 नवम्बर तक कालिदास संस्कृत अकादमी स्थित पं सूर्यनारायण व्यास संकुल सभागार में होंगे। संगोष्ठी के प्रथम तीन सत्र दिनांक 2 से 4 नवम्बर तक प्रतिदिन दोपहर 2 बजे तथा चतुर्थ सत्र दिनांक 5 नवम्बर को प्रातः काल 9:30 बजे होगा। 

प्रो शर्मा ने बताया कि अखिल भारतीय अंतरविश्वविद्यालयीन संस्कृत वादविवाद स्पर्धा दिनांक 5 नवम्बर को दोपहर 2 बजे कालिदास अकादमी स्थित सूर्यनारायण व्यास संकुल में होगी। अखिल भारतीय स्तर की अंतरविश्वविद्यालयीन कालिदास संस्कृत वाद विवाद प्रतियोगिता का विषय - आतङ्कनाशनं भूयात् प्रजानामिति शंसती। सर्वातिशायिनी लोके कालिदासस्य भारती, रखा गया है। 6 नवम्बर को प्रातः काल 10 बजे राज्य स्तरीय अन्तरमहाविद्यालयीन कालिदास काव्य पाठ प्रतियोगिता सूर्यनारायण व्यास संकुल में आयोजित की जाएगी। राज्य स्तर की कालिदास काव्य पाठ  प्रतियोगिता में विद्यार्थियों को श्लोकों का चयन महाकवि कालिदास की अमर कृति मालविकाग्निमित्रम्  से करना होगा। दिनांक 6 नवम्बर को ही दोपहर 2 बजे हिंदी वादविवाद प्रतियोगिता संकुल सभागार में होगी। इस प्रतियोगिता का विषय महाकवि कालिदास ने आतङ्क के उन्मूलन का अद्वितीय सन्देश दिया है, रखा गया है।

राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी में प्रस्तुति के लिए शोध पत्र साहित्य, कला, वास्तु, संस्कृति, इतिहास, पुरातत्व, जीवन मूल्य, शिक्षा, समाजविज्ञान, मनोविज्ञान, अर्थशास्त्र, ज्ञान - विज्ञान, पर्यावरण, दर्शन आदि के परिप्रेक्ष्य में कालिदास साहित्य के महत्वपूर्ण पक्ष से जुड़े हो सकते हैं। संगोष्ठी के विभिन्न सत्रों का आयोजन विश्वविद्यालय मार्ग, उज्जैन स्थित कालिदास संस्कृत अकादमी में स्थित संकुल में होगा। इनमें से एक विशेष सत्र विक्रम कालिदास पुरस्कार विजेता शोधपत्रों की प्रस्तुति का होगा। शोध पत्र प्रस्तुतकर्ता पंजीयन एवं शोध पत्र प्रेषण के लिए कालिदास समिति कार्यालय, सिंधिया प्राच्य विद्या शोध प्रतिष्ठान, सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय, देवास मार्ग, उज्जैन में सम्पर्क कर सकते हैं।

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