उज्जैन। शासकीय धन्वंतरि आयुर्वेद महाविद्यालय उज्जैन में *राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ, नई दिल्ली (भारत सरकार,)* के तत्वावधान में बौद्धिक संपदा के अधिकार (intellectual property rights) पर दिनांक 14- 15 अक्टूबर को दो दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न हुआ।
उद्घाटन उज्जैन उत्तर के विधायक श्री अनिल जैन कालूखेड़ा ने दीप प्रज्वलित कर किया। आपने अपने उद्बोधन में कहा कि आयुर्वेद के क्षेत्र में बौद्धिक संपदा को पंजीकृत करने के बहुत अवसर है।
दिनांक 15 अक्टूबर को समापन समारोह में विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु डॉक्टर अर्पण भारद्वाज ने मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित करते हुए आशीर्वचन दिया। आपने बताया कि आज का युग में आयुर्वेद की बोध्दिक संपदा के अधिकार को संरक्षित करने के लिए युवाओं को आगे आना पड़ेगा। वर्तमान युग में विज्ञान के साथ तालमेल जोड़कर संपदा विस्तार के असंख्य अवसर है।
प्रधानाचार्य डॉक्टर जेपी चौरसिया ने अतिथियों का स्वागत कर स्वागत भाषण दिया एवं प्रतिभागियों के लिए शुभकामनाएं व्यक्त की।
इस दो दिवसीय कार्यशाला में राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ नई दिल्ली के गुरु एवं अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन के राष्ट्रीय महामंत्री वैद्य एसएन पांडे, एवं मध्य प्रदेश आयुर्वेद सम्मेलन के प्रांतीय अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ के मानद रत्न सदस्य वैद्य विनोद बैरागी विशेष अतिथि रुप में दोनों दिन उपस्थित रहे, डा. ओपी व्यास ,वाइस प्रिंसिपल, द्रव्यगुण विभाग की विभागाध्यक्ष डॉक्टर सुनीता डी राम , डॉ अजय कीर्ति जैन, डॉक्टर रामतीर्थ शर्मा, डॉ आशीष शर्मा के साथ समस्त वरिष्ठ व्याख्याता गण ने कार्यक्रम में भाग लिया ।समन्वयक डॉक्टर शिरोमणि मिश्रा ने आभार प्रदर्शन किया। संचालन कुमारी गरिमा नई दिल्ली द्वारा किया गया।
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