🙏 द्वारा, राधेश्याम चौऋषिया 🙏
भोपाल। मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के सदस्य डॉ. श्री अवधेश प्रताप सिंह ने विगत दिवसों के विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित प्रथम दृष्टया मानव अधिकार उल्लंघन के ''10 मामलों में'' संज्ञान लेकर संबंधितों से जवाब मांगा है।
भर्ती की तैयारी कर रहे युवाओं से अमानवीय बर्ताव, सड़क पर सोने पर मजबूर हजारों उम्मीदवार.....
राजधानी भोपाल में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल में भर्ती प्रक्रिया के लिए प्रदेशभर से आये हजारों उम्मीदवार के साथ अमानवीय बर्ताव होने का मामला सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इन उम्मीदवारों को बीते कई दिनों से खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर होना पड़ रहा है। कहीं सड़क किनारे बिस्तर बिछाकर सौ रहे है, कहीं फुटपाथ पर बैंग तकिया के सहारे खुले आसमान के नीचे रात गुजार रहे है। भर्ती प्रक्रिया के लिये उम्मीदवार सुबह चार बजे रिपोर्टिंग के लिये लाइन में लग जाते हैं, फिर घंटों धूप में खड़े रहते हैं। बिना छाव, बिना छत, बिना पानी और शौचालय के ही उम्मीदवार को रहना पड़ रहा है। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर, भोपाल एवं आयुक्त, नगर निगम, भोपाल से मामले की जांच कराकर की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन दो सप्ताह में मांगा है।
हजारों सरकारी स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं का अभाव
भोपाल शहर के अधिकांश सरकारी स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं का अभाव होने का मामला सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश के कई स्कूल के भवन जर्जर हो चुके है। साथ ही कई स्कूलों में शौचालय जैसी सुविधाएं नहीं है। इस कारण बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। स्कूल भवन के क्लास रूम भी खस्ताहाल हो चुके है। स्कूल भवन के जर्जर होने के कारण कभी-भी बड़ा हादसा हो सकता है। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने आयुक्त, लोक शिक्षण संचालनालय, भोपाल से मामले की जांच कराकर की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन दो सप्ताह में मांगा है।
फुटपाथ पर चक्कर खाकर गिरे बुजुर्ग, फोन लगाने के बाद सवा घंटे देर से पहुंची 108 एंबुलेंस....
भोपाल शहर के शिवाजी नगर स्थित कृष्ण प्रणामी मंदिर चौराहे पर एक बुजुर्ग के फुटपाथ पर अचानक चक्कर खाकर गिरने का मामला सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एक बुजुर्ग फुटपाथ से पैदल जा रहे थे, तभी अचानक वे चक्कर खाकर गिर गये। जिसके बाद एक युवक द्वारा एंबुलेंस को फोन किया गया, लेकिन एंबुलेंस समय नहीं पहुंची। सवा घंटे बीतने के बाद 108 एंबुलेंस आई इसके बाद बुजुर्ग को जिला अस्पताल में भिजवाया गया। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर, भोपाल से मामले की जांच कराकर एंबुलेंस सेवा में हुये विलंब व लापरवाही के संबंध में की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन दो सप्ताह में मांगा है।
बाजारों में बिक रहा मिलावटी मावा और मिठाई, फिर भी शुरू नहीं हुई कार्यवाही....
भोपाल शहर में त्योहारों के सीजन में बाजारों और दुकानों में बिकने वाली मिठाई एवं मावा जैसी अन्य खाद्य पदार्थों के मिलावटी मिलने के बाद भी संबंधित विभाग के अधिकारियों द्वारा कोई ठोस कार्यवाही नहीं की जा रही है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार आमजन खाद्य पदार्थों की बड़ी मात्रा में खरीदारी कर रहे है, लेकिन खाद्य सुरक्षा प्रशासन का अमला इस ओर कोई ठोस कार्यवाही नहीं कर रहा है, जिससे बाजारों एवं दुकानों से मिलावटी मावा और मिठाई जैसी अन्य खाद्य पदार्थ लोगों को बेचे जा रहे है। जिससे उनकी सेहत के साथ खिलवाड़ हो रहा है मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर, भोपाल एवं जिला खाद्य अधिकारी, भोपाल से मामले की जांच कराकर की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन दो सप्ताह में मांगा है।
अस्पताल के सॉल्यूशन से जल रही चमड़ी....
शहडोल जिले के सरकारी अस्पताल में सर्जरी, चोटों के इलाज एवं प्रसव में जच्चा–बच्चा को लगाने वाले सॉल्यूशन से मरीजों की चमड़ी जलने का मामला सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार प्रोविडीन आयोडीन नामक सॉल्यूशन लगाने से मरीजों के शरीर पर फफोलों के साथ गहरे घाव बन रहे हैं। इनमें सबसे ज्यादा तकलीफ प्रसूताओं को उठाना पड़ रही है। सॉल्यूशन लगाते ही स्किन जल जाती है। और शरीर पर फफोले पड़ रहे है। इस कारण मरीजों एवं खास तौर पर प्रसव में जच्चा-बच्चा को कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, शहडोल से मामले की जांच कराकर की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन दो सप्ताह में मांगा है।
मुख्य मार्गों पर खुलेआम घूम रहे गोवंश, हर दिन हो रहीं दुर्घटनाएं, प्रशासन-निगम बेखबर....
छतरपुर जिले के बिजावर नगर में निराश्रित गोवंशों के सड़कों पर खुलेआम घूमने का मामला सामने आया है। जिससे सड़क दुर्घटनाएं होने की आशंका बनी हुई है। साथ ही आसपास के क्षेत्रों में गंदगी भी फैल रही है, जिससे रहवासियों को कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासनिक एवं निगम के अधिकारियों द्वारा इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर, छतरपुर से मामले की जांच कराकर की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन दो सप्ताह में मांगा है।
दो बच्चों की तालाब में डूबने से हुई मृत्यु.....
शिवपुरी जिले के ग्राम मानिकपुर के पास तलैया में नहाने गए दो बच्चों की तालाब में डूबने से मृत्यु होने की घटना सामने आई है। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर, शिवपुरी से मामले की जांच कराकर मृतक बच्चों के उत्तराधिकारियों को शासन के नियमानुसार देय आर्थिक सहायता दिये जाने के संबंध में की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन दो सप्ताह में मांगा है।
फसल बर्बाद होने से परेशान किसान ने की आत्महत्या.....
खंडवा जिले के पंधाना क्षेत्र के ग्राम दीवाल में अपनी सोयाबीन की फसल खराब होने से परेशान होकर एक 40 वर्षीय किसान द्वारा खेत में जहर खाकर आत्महत्या करने की घटना सामने आई है। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर, खंडवा से मामले की जांच कराकर मृतक के उत्तराधिकारियों को शासन के नियमानुसार देय आर्थिक सहायता दिये जाने के संबंध में की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन दो सप्ताह में मांगा है।
लिफ्ट टूटकर गिरी, एक मजदूर की हुई मृत्यु.....
धार जिले के पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में क्रॉम्टन ग्रीव्स में लिफ्ट के अचानक टूटकर नीचे गिरने के कारण एक मजदूर की मृत्यु होने की घटना सामने आई है। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर, धार से मामले की जांच कराकर मृतक के उत्तराधिकारियों को शासन के नियमानुसार देय आर्थिक सहायता दिये जाने के संबंध में की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन दो सप्ताह में मांगा है।
बाल संप्रेषण गृह से फरार हुये 06 बाल अपचारी....
खंडवा जिले के कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत स्थित बाल संप्रेषण गृह से छह बाल अपचारी के फरार होने का मामला सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सभी छह बाल अपचारी एक-दूसरे के संपर्क में आ गये थे और बीते गुरुवार का टॉयलेट जाने के बहाना बनाकर कमरे से बाहर निकले और मौका पाते ही वहां से फरार हो गये। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर, खंडवा से मामले की जांच कराकर की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन दो सप्ताह में मांगा है।
✍ राधेश्याम चौऋषिया
● सम्पादक, बेख़बरों की खबर
● राज्य स्तरीय अधिमान्य पत्रकार, जनसम्पर्क विभाग, मध्यप्रदेश शासन
● राज्य मीडिया प्रभारी, भारत स्काउट एवं गाइड मध्यप्रदेश
● मध्यप्रदेश ब्यूरों प्रमुख, दैनिक निर्णायक
● मध्यप्रदेश ब्यूरों प्रमुख, दैनिक मालव क्रान्ति
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