शोध, रोजगार और नवाचार की नई पहल: एनआईटीटीटीआर और आईआईएसईआर के बीच एमओयू
भोपाल। राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान (एनआईटीटीटीआर), भोपाल और भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (आईआईएसईआर), भोपाल ने सेमीकंडक्टर स्किलिंग और अनुसंधान के क्षेत्र में सहयोग के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इस एमओयू पर एनआईटीटीटीआर भोपाल के निदेशक प्रो. सी. सी. त्रिपाठी और आईआईएसईआर भोपाल के निदेशक प्रो. गोबर्धन दास ने औपचारिक रूप से हस्ताक्षर किए। समझौते का उद्देश्य अनुसंधान, नवाचार, कौशल विकास और संयुक्त प्रयासों के माध्यम से देश को तकनीकी रूप से और सशक्त बनाना है।
एनआईटीटीटीआर भोपाल के निदेशक प्रो. त्रिपाठी ने इस अवसर पर कहा कि दोनों संस्थान मिलकर सेमीकंडक्टर डिवाइस की असेंबली और पैकेजिंग के क्षेत्र में कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि एक समय सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में भारत आयात पर निर्भर था, लेकिन आज स्थिति बदल चुकी है और पूरा विश्व इस क्षेत्र में भारत की ओर उम्मीदों के साथ देख रहा है।
आईआईएसईआर भोपाल के निदेशक प्रो. गोबर्धन दास ने इस साझेदारी को देश की शोध प्राथमिकताओं से जोड़ते हुए कहा कि आज अनुसंधान की सार्थकता तभी है जब यह राष्ट्र की वास्तविक आवश्यकताओं और प्राथमिकताओं पर आधारित हो। एकेडेमिक संस्थानों का असली उद्देश्य तभी पूरा होता है जब वे अपने विद्यार्थियों को आवश्यक दक्षताओं से लैस करके उन्हें रोजगार योग्य बनाएं।
यह समझौता संयुक्त अनुसंधान और विकास को गति देगा जिससे कम समय में बेहतर परिणाम हासिल होंगे। इससे नई पीढ़ी के सेमीकंडक्टर पेशेवर तैयार होंगे जिनकी मांग इंडस्ट्री में लगातार बढ़ रही है। सेमीकंडक्टर उद्योग में भारत में अगले दशक में लाखों कुशल और अर्ध-कुशल रोजगार सृजित होने की उम्मीद है, जिससे यह क्षेत्र रोजगार के लिए एक बड़ा स्रोत बनेगा। इस अवसर पर निटर भोपाल के डीन प्रो. पी.के पुरोहित, प्रो. पी. के खन्ना, प्रो. रमेश गुप्ता, प्रो. सीमा वर्मा, प्रो. पल्लवी भटनागर एवं आईआईएसईआर, भोपाल के डॉ. चन्दन साही, प्रो. शांतनु तालुकदार एवं अन्य फैकल्टी मेंबर्स भी उपस्थित थे।
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