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ब्रह्माकुमारीज के मुख्यालय आबू में प्रशासक महासम्मेलन का शुभारंभ

अच्छे प्रशासक में निष्ठा, ईमानदारी और अनुशासन का होना जरूरी : राजयोगिनी आशा दीदी 

श्रेष्ठ प्रशासन एवं आंतरिक सशक्तिकरण के लिए मेडिटेशन उपयोगी : डॉ.अवधेश प्रताप सिंह ,प्रमुख सचिव मध्यप्रदेश विधान सभा 

🙏 द्वारा, राधेश्याम चौऋषिया 🙏

आबू रोड, शान्तिवन (राजस्थान) ।  प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के अन्तर्राष्ट्रीय मुख्यालय में चार दिवसीय प्रशासक महासम्मेलन का शुभारंभ हुआ। इस सम्मेलन में भारत एवं नेपाल से पधारे दो हजार सिविल सेवा, वन, रेल, बैंक आदि सेवाओं के प्रशासकगण भाग ले रहे हैं। महासम्मेलन का आयोजन राजयोग एजुकेशन एण्ड रिसर्च फाउण्डेशन के प्रशासनिक सेवा प्रभाग द्वारा किया गया है।

इस अवसर पर प्रशासनिक सेवा प्रभाग की अध्यक्ष राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी आशा दीदी ने कहा कि, प्रशासन करना एक कला है। एक अच्छे प्रशासक में ईमानदारी, सत्यनिष्ठा और अनुशासन का होना जरूरी है। उसके अन्दर मानवता और धैर्यता भी जरूरी है। हर राज्य में लोक प्रशासन सिखाने वाली संस्थाएं हैं लेकिन इन जरूरी गुणों को धारण करने के लिए शिक्षा देने वाली कोई संस्थान नहीं है। उन्होंने कहा कि, राजयोग मेडिटेशन से हमें तीन बातें प्राप्त होती हैं। पहला हमें अपने निज स्वरूप की पहचान मिलती है। दूसरा हमारे सम्बन्ध सुधरने लगते हैं। मन और बुद्धि साफ होने से हमारी निर्णय क्षमता बढ़ने लगती है। तीसरा कर्मयोगी जीवन बन जाता है जिससे कर्म और योग का सन्तुलन करना सीख जाते हैं।

मध्यप्रदेश विधानसभा के प्रमुख सचिव डा. अवधेश प्रताप सिंह ने उल्लेख किया कि, आज समाज में गिरते मूल्यों के प्रदूषित वातावरण में प्रशासकों, कार्यपालकों एवं प्रबंधकों को कार्य स्थलों पर प्रशासनिक, सामाजिक, राजनैतिक अनेक प्रकार के दबाव, प्रभाव और तनाव का सामना करना पड़ता है, ऐसे में  प्रशासक का आध्यात्मिक सशक्तिकरण जरूरी हो जाता है। व्यक्ति राजयोग मैडिटेशन अपनाकर  जीवन में संतुलन ला सकता है और राजयोग को दिनचर्या से जोड़कर मन में शांति, स्व-अनुशासन तथा बुद्धि में संतुलन के साथ निर्णय क्षमता को बढ़ाया जा सकता है।  इससे रचनात्मकता बढ़ती है। 

उन्होंने स्वयं राजयोग मैडिटेशन अपनाकर उसके कार्य स्थल तथा दैनिक जीवन में  समाधनात्मक उपयोग के उदाहरण भी दिये। अपना संस्मरण सुनाते हुए बतलाया कि, उन्हे राजयोग मेडिटेशन से विधानसभा व प्रशासन में तनाव के क्षणों में निर्णय लेने में सहायता मिलती है। प्रमुख सचिव डॉ. सिंह ने कहा कि, प्रशासक को कोई भी कार्य करते समय शान्तचित्त और संवेदनशील रहना चाहिए । आज समाज में संवेदनशीलता की निरंतर कमी हो रही है।

नई दिल्ली से आयी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय भारत सरकार  की संयुक्त सचिव श्रीमती ए. धनलक्ष्मी ने कहा कि, भारत को विश्वगुरू बनाने के लिए अध्यात्म ही एकमात्र रास्ता है। प्रशासक को उसकी आन्तरिक शक्ति उसे अच्छा प्रशासक बनाने में मदद करती है। उन्हे जल्दबाजी में या गुस्से में आकर कोई भी निर्णय लेने से बचना चाहिए। प्रशासक को भावनात्मक रूप से सशक्त होना चाहिए।

बिहार सरकार  के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के अतिरिक्त सचिव विभूति रंजन चौधरी ने कहा कि, तेजी से बदलते प्रशासनिक परिवेश में मेडिटेशन बहुत जरूरी हो गया है। मेडिटेशन से कार्य-क्षमता और निर्णय-क्षमता बढ़ती है। वह स्वयं पाजिटिव रहने के लिए ब्रह्माकुमारीज का टीवी चैनल रोजाना देखते हैं। 

ब्रह्माकुमारीज के अतिरिक्त महासचिव बीके करूणा ने कहा कि, शान्ति हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है। देश में सुख शान्ति कायम रखना आप सबकी बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। यह आपके हाथ में है। ब्रह्माकुमारी संस्था देश में सनातन संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए कार्य कर रही है। यह संस्थान 140 देशों में भारतीय संस्कृति का प्रसार कर रही है।

समारोह को अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका ब्रह्माकुमारी जयन्ती दीदी, अतिरिक्त महासचिव बीके मृत्युंजय भाई, अजमेर के डीआरएम राजीव धनखेर आदि ने भी सम्बोधित किया। जयपुर सबजोन की निदेशिका बीके पूनम दीदी ने राजयोग अनुभूति कराई। मुख्यालय संयोजक बीके हरीश भाई ने विंग की सेवाओं से अवगत कराया। आभार प्रदर्शन बीके शैलेश भाई ने किया। कार्यक्रम का संचालन कर्नाटक की ब्रह्माकुमारी वीणा दीदी ने किया।

इस अवसर पर मधुर वाणी ग्रुप ने स्वागत गीत गाकर भाव विभोर कर दिया। नई दिल्ली की कु. पूजा और प्रीति तथा लखनऊ की कु. सुरूचि ने स्वागत नृत्य प्रस्तुत किया।

✍ राधेश्याम चौऋषिया 

Radheshyam Chourasiya

Radheshyam Chourasiya II

● सम्पादक, बेख़बरों की खबर
● राज्य स्तरीय अधिमान्य पत्रकार, जनसम्पर्क विभाग, मध्यप्रदेश शासन
● राज्य मीडिया प्रभारी, भारत स्काउट एवं गाइड मध्यप्रदेश
● मध्यप्रदेश ब्यूरों प्रमुख, दैनिक निर्णायक
● मध्यप्रदेश ब्यूरों प्रमुख, दैनिक मालव क्रान्ति

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