वाणिज्य अध्ययनशाला में विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन
उज्जैन। वाणिज्य अध्ययनशाला, सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय, उज्जैन में विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व राज्य समन्वयक, राष्ट्रीय सेवा योजना डॉक्टर आर. के. विजय ने अपने उद्बोधन में कहा कि, संस्कारों से दृष्टिकोण बनता है। विद्यार्थियों को सर्वांगीण विकास के लिए चार दृष्टिकोण पर ध्यान देना चाहिए। एन.एस.एस., एन.सी.सी., स्काउट और रेड क्रॉस – यह चारों घटक हमें समुदाय के प्रति उत्तरदायी बनाते हैं। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ-साथ सामुदायिक सेवा भी करनी चाहिए।
कम संसाधनों में जीना सीखना जरूरी
अतिथि परिचय एवं स्वागत भाषण वाणिज्य अध्ययनशाला के विभागाध्यक्ष डॉक्टर शैलेंद्र कुमार भारल ने दिया। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को यह सीखना चाहिए कि कम संसाधनों में किस तरह जीवन जिया जाता है। इस अवसर पर विशेष रूप से वाणिज्य अध्ययनशाला के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. राकेश ढंड, प्रोफेसर डॉ. पी. एल. पाटीदार उपस्थित थे।
इस अवसर पर वाणिज्य अध्ययनशाला के संकाय सदस्य डॉ. अनुभा गुप्ता, डॉ. रुचिका खंडेलवाल, डॉ. आशीष मेहता, डॉ. नेहा माथुर, डॉ. नागेश पाराशर, डॉ. परिमिता सिंह, डॉ. कायनात तवर आदि सहित कर्मचारी भी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन छात्रा जान्हवी ने किया और अंत में आभार छात्र प्रियांशु गुर्जर ने माना।
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