Ujjain | फार्मेसी संस्थान एवं रसायन एवं जैव रसायन अध्ययनशाला के संयुक्त तत्वावधान में आज दिनांक 19 सितम्बर 2025 को पाँच दिवसीय लेक्चर सीरीज का समापन हुआ। मुख्य वक्ता के रूप में डॉक्टर शिरीष शेर्लेकर, पूर्व हेड टीसीएस लाइफ साइंस एंड हेल्थ केयर प्रैक्टिस के सान्निध्य में यह आयोजन संपन्न हुआ।
डॉक्टर शिरीष शेर्लेकर द्वारा विगत पाँच दिवसों में अपने व्याख्यान में बताया गया कि कैसे नई औषधि का अनुसंधान किया जाता है एवं अनुसन्धान की गई औषधि का क्लिनिकल ट्रायल किया जाता है। उन्होंने यह भी बताया कि कंप्यूटर की सहायता से कैसे क्लिनिकल डाटा प्रबंधन किया जाता है। उन्होंने वैश्विक स्थिरता के लिये चिकित्सा कोडिंग के महत्व पर प्रकाश डाला। अपने वक्तव्य में उन्होंने फार्माकोविज़ीलेन्स एवं औषधि सुरक्षा के बारे में जानकारी दी। इसके साथ ही ड्रग रेगुलेटरी अफेयर्स के औषधि के अनुसंधान में महत्वपूर्ण योगदान के बारे में जानकारी दी। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस एवं मशीन लर्निग की चिकित्सा एवं क्लिनिकल रिसर्च में क्या योगदान है उसका महत्त्व बताया।
सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय, उज्जैन के कुलगुरु प्रो अर्पण भारद्वाज महोदय की अध्यक्षता में कार्यक्रम का समापन हुआ। अध्यक्षीय उद्बोधन में सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय, उज्जैन के कुलगुरु प्रो अर्पण भारद्वाज द्वारा कहा गया कि छात्र छात्राओं को समय समय पर होने वाले व्याख्यानों एवं सेमिनारों में आवश्यक उपस्थिति एवं सहभागिता करने से सर्वांगीण बौद्धिक विकास होता है तथा कुलगुरु द्वारा बी फार्मा प्रथम वर्ष का छात्र रजीउद्दीन को सक्रिय सहभागिता के लिए विशेष पुरस्कार से सम्मानित किया।
कार्यक्रम में प्रो उमा शर्मा, विभागाध्यक्ष रसायन एवं जैव रसायन अध्ययनशाला द्वारा स्वागत उद्बोधन दिया गया एवं इस तरह की कार्यशाला निरंतर विद्यार्थी हित में आयोजित होनी चाहिए जिससे विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास हो सके।
उपरोक्त पाँच दिवसीय कार्यक्रम में 500 से अधिक छात्र छात्राएँ, अध्यापकगण एवं शोधार्थी उपस्थित रहे एवं सभी पंजीकृत छात्र छात्राओं को प्रमाण पत्र वितरित किये गए।
उपरोक्त पाँच दिवसीय कार्यक्रम के सफलतापूर्वक आयोजन में डॉ तनु भार्गव, डॉ प्रवीण खिरवडकर, रोहित यादव, गरिमा कारपेंटर, मीना बंडीया, कृष्ण कुमार बर्मासे, प्रिया सोनी, डॉ दर्शना मेहता, कोमल शर्मा, डॉ प्रज्ञा गोयल आदि शिक्षकगण का विशेष योगदान रहा।
कार्यक्रम का संचालन दीपशिखा तिवारी द्वारा किया गया एवं कार्यक्रम का प्रतिवेदन जाग्रति वर्मा एवं आभार उर्मिला राठौर द्वारा किया गया। उपरोक्त कार्यक्रम की जानकारी समन्वयक डॉ कमलेश दशोरा विभागाध्यक्ष, फार्मेसी संस्थान द्वारा दी गई।
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