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अंतरराष्ट्रीय खाद्य हानि एवं बर्बादी जागरूकता दिवस पर सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय उज्जैन में जागरूकता अभियान आयोजित

खाद्य सुरक्षा, पोषण एवं स्वच्छता को बढ़ावा देने का संकल्प

उज्जैन। अंतरराष्ट्रीय खाद्य हानि एवं बर्बादी जागरूकता दिवस के अवसर पर सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय, उज्जैन में एक जागरूकता अभियान का आयोजन किया गया, जिसमें खाद्य हानि और बर्बादी को एक क्रूर सामाजिक विडंबना बताते हुए इसके प्रति समाज को जागरूक करने का आह्वान किया गया। इस अवसर पर कुलगुरु प्रो. अर्पण भारद्वाज ने शुभकामनाएं व आशीर्वाद प्रदान करते हुए अपने संदेश में कहा कि यह दिवस खाद्य पदार्थों की हानि और बर्बादी को कम करने के उद्देश्य से मनाया जाता है। उन्होंने जलीय हानि हो या खाद्य उत्पादों में पोषक तत्वों की कमी, इन सभी के प्रति समाज को जागरूक करते हुए खाद्य सुरक्षा में सुधार, पोषण को बढ़ावा देने, सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने तथा आर्थिक दक्षता में वृद्धि का संदेश दिया।

इस स्वच्छता सेवा पर्व एवं संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य (SDG 12) के अंतर्गत चलाए गए इस जागरूकता अभियान एवं कैंपस आउटरीच प्रसंग का संयोजन डॉ. शेखर मैदमवार (रासेयो प्रमुख, सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय उज्जैन) द्वारा किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कई प्रख्यात शिक्षकों व अधिकारियों ने अपने विचार प्रस्तुत किए। इनमें प्रो. डॉ. अनिल कुमार जैन, प्रो. धर्मेंद्र मेहता (निदेशक), प्रो. डॉ. राजेश टेलर (संकाय अध्यक्ष), प्रो. डॉ. संदीप तिवारी (संकाय अध्यक्ष), डॉ. राज बोरिया (कृषि विज्ञान), सांख्यिकी, पुस्तकालय सूचना विज्ञान, पंडित जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंधन संस्थान, गणित, एसओईटी आदि शामिल रहे।

इन सभी वक्ताओं ने भारत जैसे देश में खाद्य हानि की गंभीरता को रेखांकित किया और इसके अंतर्निहित कारणों एवं व्यवहारिक समाधानों पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने बताया कि भारत में खाद्य सुरक्षा की दृष्टि से यह विषय अत्यंत महत्वपूर्ण है और इससे जुड़े कारकों जैसे परिवहन, भंडारण, उपभोक्ता व्यवहार आदि पर गहन चिंतन की आवश्यकता है।

खाद्य व जलीय उत्पादों में पोषण तत्वों की भूमिका पर विशेषज्ञों का व्याख्यान

कैंट कंपनी समूह के वितरक व अधिवक्ता एल्युमिनी ने साझा किए अनुभव

कार्यक्रम के प्रथम चरण में जेएनआईबीएम संस्थान एमबीए के एल्युमिनी और खाद्य एवं जलीय उत्पादों से जुड़े मिनरल वाटर विशेषज्ञ एवं कैंट कंपनी समूह के अधिकृत वितरक श्री परविंदर सिंह चौहान, साथ ही एल्युमिनी एवं अधिवक्ता श्री पंकज छायादी ने भी इस अवसर पर उपभोक्ता जागरूकता से जुड़े अपने विचार साझा किए। उन्होंने जलीय हानि, जलीय जीवन उत्पादों में पोषक तत्वों की भूमिका एवं उनकी आवश्यकता को स्पष्ट रूप से रेखांकित किया।

कार्यक्रम में प्रो. डॉ. धर्मेंद्र मेहता (निदेशक) द्वारा दोनों एल्युमिनी वक्ताओं का परिचय देते हुए उनके योगदान का परिचय दिया गया। इस अवसर पर प्रो. डॉ. कामरान सुल्तान एवं प्रो. डॉ. डी. डी. बेदिया ने कार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु आयोजकों को बधाई दी और सभी को इस जागरूकता संवर्धन प्रयास में संकल्पपूर्वक जुड़ने का आह्वान किया।

उल्लेखनीय है कि विश्व स्तर पर खाद्य हानि एवं बर्बादी के आंकड़े अत्यंत चिंताजनक हैं। यह सर्वविदित तथ्य है कि हर वर्ष दुनिया भर में लगभग 45% तक ताज़ा उपज बर्बाद हो जाती है। इस स्थिति में ऐसे जागरूकता अभियानों का महत्व अत्यधिक बढ़ जाता है, जो समाज को इस दिशा में सोचने, समझने और कार्य करने के लिए प्रेरित करें।

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