पं. जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंधन संस्थान, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में व्याख्यानमाला सह दीक्षारंभ उत्सव श्रृंखला का आयोजन
उज्जैन। पं. जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंधन संस्थान, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में श्री गणेश व्याख्यानमाला सह दीक्षारंभ उत्सव श्रृंखला प्रसंग-7 का आयोजन प्रेरणादायक और मार्गदर्शक विचारों के आदान-प्रदान के साथ सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर कुलगुरु प्रो. डॉ. अर्पण भारद्वाज ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नई पीढ़ी के प्रबंध विद्यार्थियों को सशक्त संदेश दिया – "निर्णय करे, नो नहीं"।
प्रो. भारद्वाज ने अपने संबोधन में कहा कि आज की प्रबंध की नई पीढ़ी को निर्णय लेने की क्षमता विकसित करनी चाहिए और इस प्रतिष्ठित विभाग में आयोजित इस सामयिक प्रेरक प्रसंग श्रृंखला का भरपूर लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों को अपने अधिकतम ज्ञान स्त्रोतों के दोहन हेतु प्रेरित किया और कहा कि यह मंच विद्यार्थियों के लिए स्वयं को विकसित करने का एक स्वर्णिम अवसर है।
इस अवसर पर विशेष अभिप्रेरक वक्ता के रूप में एसबीआई लाइफ समूह के वरिष्ठ प्रशिक्षण प्रबंधक एवं संस्थान के पूर्व छात्र डॉ. संदीप कक्कड़ उपस्थित रहे। उन्होंने विद्यार्थियों को जीवन में प्रेरक मार्गदर्शन प्रदान किया। डॉ. कक्कड़ ने युवाओं को स्क्रीन टाइम और अत्यधिक टेक्स्टिंग से बचने की सलाह देते हुए कहा कि समय प्रबंधन और सही निर्णय ही सफलता की कुंजी हैं। उन्होंने जीवन में हमेशा सही चयन करने का आग्रह करते हुए यह भी बताया कि एक सफल प्रबंधक वही होता है जो उचित समय पर उचित निर्णय ले सके।
कार्यक्रम में एल्युमिनी वक्ता का स्वागत एवं परिचय डॉ. नयनतारा डामोर द्वारा किया गया। निदेशक प्रो. डॉ. धर्मेंद्र मेहता ने इस अवसर पर कहा कि संस्थान अपने पूर्व छात्रों एवं विशेषज्ञों के अनुभवों से विद्यार्थियों को निरंतर प्रोत्साहित कर रहा है। उन्होंने विद्यार्थियों को इस प्रकार के आयोजनों से प्रेरणा लेकर अपने करियर को नई दिशा देने की बात कही।
इस आयोजन में प्रो. डॉ. दीपक गुप्ता, प्रो. डॉ कामरान सुल्तान, डॉ. सचिन राय, श्री राकेश खोती, श्री गोविंद तोमर सहित अन्य भी उपस्थित रहे और उन्होंने कार्यक्रम की अद्भुत प्रस्तुति पर प्रसन्नता व्यक्त की।
यह आयोजन न केवल ज्ञानवर्धक रहा बल्कि विद्यार्थियों के लिए एक नई ऊर्जा और स्पष्ट दिशा लेकर आया, जिसमें निर्णय लेने की शक्ति और समय का सही उपयोग मुख्य संदेश के रूप में उभरकर सामने आया।
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