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विश्वविद्यालय में हिंदी पखवाड़े के अंतर्गत हुई प्रतिभा प्रोत्साहन स्पर्धा एवं परिसंवाद


केवल मनुष्य में होती है संगीत की संभावना – कुलपति प्रो भारद्वाज

हिंदी इस राष्ट्र के हृदय का स्पंदन है – प्रो शर्मा

उज्जैन। सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय में हिंदी पखवाड़े के अंतर्गत प्रतिभा प्रोत्साहन स्पर्धा का आयोजन किया गया। इस अवसर विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजयी विद्यार्थियों को मुख्य अतिथि संगीत विदुषी प्रो अर्चना परमार, विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. अर्पण भारद्वाज, कुलानुशासक प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा, प्रो गीता नायक एवं प्रो जगदीश चंद्र शर्मा द्वारा पुरस्कार अर्पित किए गए। ये स्पर्धाएं राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, भोपाल के सौजन्य से हिंदी अध्ययनशाला एवं ललित कला अध्ययनशाला द्वारा आयोजित की गईं।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलगुरु प्रो. अर्पण भारद्वाज ने कहा कि शब्द और संगीत की साधना का बड़ा महत्व है। ईश्वर अपनी बात संगीत के माध्यम से करता है। संगीत की संभावना सिर्फ मनुष्य में होती है इसलिए हमें इसकी आराधना करनी चाहिए। उन्होंने विजेता राज्य स्तर पर सफलता के लिए विद्यार्थियों को शुभकामना दी।

कुलानुशासक प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा ने कहा कि हिंदी इस राष्ट्र के हृदय का स्पंदन है। हिंदी पखवाड़ा स्वभाषा और स्वदेश से प्रेम का पावन पर्व है। युवा शक्ति के प्रोत्साहन के लिए प्रतिवर्ष इस प्रकार की प्रतियोगिताएँ राष्ट्रभाषा प्रचार समिति के सहयोग से आयोजित की जाती हैं। शैक्षिक संस्थाओं का दायित्व है कि प्रतिभा और नेतृत्व  क्षमता की दृष्टि से युवाओं को आगे बढ़ाने के प्रयास हों।

मुख्य अतिथि संगीत विदुषी प्रो. अर्चना परमार ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि हमें संगीत की बारीकियों का ध्यान रखना चाहिए। संगीत में छोटी से छोटी बात भी बहुत मायने रखती है। प्रतियोगिता में सभी सावधानियों का ध्यान रखते हुए प्रस्तुतीकरण करना चाहिए।

प्रो. गीता नायक ने अपने उद्बोधन में भाषा पर बात करते हुए कहा कि भाषा किसी भी राष्ट्र की पहचान होती है। हमें व्यक्तिगत रूप से भी हिंदी को घर घर पहुंचाने, बोलने, लिखने और उसके प्रचार प्रसार के लिए प्रयास करना चाहिए।

परिसंवाद के पूर्व मध्यप्रदेश राष्ट्रभाषा प्रचार समिति  के सौजन्य से प्रतिभा प्रोत्साहन प्रतियोगिता 2025 सम्पन्न कराई गई, जिसमें उज्जैन जिले के विभिन्न उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के विद्यार्थियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। प्रतियोगिता के निर्णायक के रूप में प्रो अर्चना परमार, श्री प्रभु चौधरी, डॉ शिवी भसीन, डॉ अनुभा गुप्ता, डॉ पूर्णिमा त्रिपाठी, श्यामलाल चौधरी, संगीता मिर्धा, पूजा परमार आदि सहित अनेक शोधार्थी और विद्यार्थी उपस्थित थे। इस स्पर्धा में विजयी विद्यार्थियों को पुरस्कार के रूप में शील्ड, पुरस्कार राशि और प्रशस्ति पत्र अर्पित किए गए। जिला स्तर पर विजेता प्रतिभागी भोपाल में आयोजित राज्य स्तरीय स्पर्धा में भाग लेंगे। 

उज्जैन में आयोजित चार स्पर्धाओं में विजयी विद्यार्थियों में सम्मिलित हैं- 

1. काव्यपाठ प्रतियोगिता

 प्रथम स्थान    -  पुष्पा चरपोटा

 द्वितीय स्थान  -  मोहनीश श्रीवास्तव

तृतीय स्थान  -  लक्ष्मी चौहान          

प्रोत्साहन - आविष्का खींची

2.  भाषण प्रतियोगिता       

 प्रथम स्थान   -  स्वधा चतुर्वेदी      

 द्वितीय स्थान  - आदित्य शर्मा     

 तृतीय स्थान   - शुभ कुमार मौर्य       

प्रोत्साहन     - पीयूष पाटीदार

 3.   एकल लोक गीत  प्रतियोगिता

 प्रथम स्थान   -  कशिश पाठक

 द्वितीय स्थान  -  चित्रांगदा सामवेदुला 

तृतीय स्थान  -  उत्तम कुशवाह

प्रोत्साहन    - रेखा भार्गव

4.   चित्रांकन से शब्दांकन प्रतियोगिता          

 प्रथम स्थान    -  मुस्कान कुशवाह       

 द्वितीय स्थान  - निराली जैन        

तृतीय स्थान   - अंशिका शर्मा     

प्रोत्साहन     - अर्चना चौधरी

कार्यक्रम का संचालन पूजा परमार ने किया और आभार प्रदर्शन प्रो. जगदीशचंद्र शर्मा ने किया।



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