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स्थलरुद्ध विकासशील देशों की विकास आवश्यकताओं पर अंतर्राष्ट्रीय जागरूकता दिवस पर विक्रम विवि में सामुदायिक पर्यावरण संवाद

त्रिवेणी पौधारोपण कर मनाया गया बुर्किना फासो जैसे देशों की चुनौतियों पर केंद्रित प्रथम उत्सव दिवस

अंतर्राष्ट्रीय भूगोल का चिंतन प्रबंध संकाय में स्तुत्य - प्रो अर्पण भारद्वाज, कुलगुरु

उज्जैन। संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा घोषित स्थलरुद्ध विकासशील देशों की विशेष विकास आवश्यकताओं और चुनौतियों के बारे में अंतर्राष्ट्रीय जागरूकता दिवस के शुभकामना प्रसंग सन्देश में विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के कुलगुरु प्रो. डॉ. अर्पण भारद्वाज ने अपने उद्बोधन में नवीन शिक्षा नीति एवं इंटरडिसिप्लिनरी शिक्षण सन्देश के व्यापक प्रसार की सराहना की। उन्होंने एल्युमिनी और उद्योग जगत के साझा पर्यावरण संरक्षण अभियान को मील का पत्थर बताया और पंडित जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंध संस्थान द्वारा आयोजित इस अनूठे सामुदायिक पर्यावरण संवाद के लिए अपनी शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए सभी की उपस्थिति को रेखांकित किया।

संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा घोषित संपोषणीय विकास लक्ष्यों (SDGs) की दिशा में उल्लेखनीय प्रयास करते हुए विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के प्रतिष्ठित पर्यावरण प्रेमी एल्युमिनी समूह द्वारा प्रथम उत्सव दिवस के उपलक्ष्य में एक विशेष सामुदायिक पर्यावरण संरक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम शासकीय माधव विज्ञान महाविद्यालय उज्जैन के पूर्व साथियों, दिगंबर जैन सोशल ग्रुप फेडरेशन रीजन अध्यक्ष श्री नवीन जैन के जन्मदिवस के अवसर पर आयोजित किया गया। इस आयोजन में माननीय श्री प्रदीप पांडे जी के सानिध्य में मित्र समूह द्वारा संयुक्त राष्ट्र संपोषणीय विकास लक्ष्यों जागरूकता सक्रिय गतिशील केंद्र पं. ज. नेहरू व्यवसाय प्रबंध संस्थान परिसर में त्रिवेणी पौधारोपण किया गया।

इस अवसर पर उपस्थित प्रमुख व्यक्तित्वों में जगदीश शर्मा दादाश्री, डॉ. दिलीप सोनी (कुलसचिव, पाणिनि संस्कृत विश्वविद्यालय), संजय शर्मा जी, इंजीनियर प्रवीण गार्गव, शहर के प्रमुख उद्योगपति और एल्युमिनी एजाज हुसैन, डॉ. संजय शर्मा, बालेंदु दुबे, मनोज व्यास, सुरेंद्र मोहन अग्रवाल, संयुक्त राष्ट्र एसडीजी सूत्रधार एवं निदेशक प्रो. डॉ. धर्मेंद्र मेहता तथा प्रबंध संकाय अध्यक्ष एवं कार्य परिषद सदस्य प्रो. डॉ. कामरान सुल्तान ने सामयिक पर्यावरणीय पारिस्थितिकी प्रसंग के अंतर्गत श्रावण मास शुक्ल पक्ष प्रदोष तिथि के शुभ संयोग में धार्मिक विधि के साथ त्रिवेणी पौधा रोपण किया।

इस अवसर पर आयोजित परिसंवाद में शहर के प्रतिष्ठित उद्योगपतियों, एल्युमिनी, एवं शिक्षकों ने सक्रियता दिखाते हुए सहभागिता निभाई। परिसंवाद के विशिष्ट वक्ता मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष माननीय प्रदीप पांडे जी ने विचार साझा करते हुए कहा कि संपूर्ण विश्व में 60 करोड़ से अधिक आबादी वाले 32 स्थलरुद्ध विकासशील देशों (LLDC) को सतत विकास के लिए गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि इन देशों की समुद्र तक पहुंच नहीं है।

इस संदर्भ में, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 6 अगस्त को स्थलरुद्ध विकासशील देशों की विशेष विकास आवश्यकताओं और चुनौतियों के बारे में अंतर्राष्ट्रीय जागरूकता दिवस घोषित किया है। इस दिवस का प्रथम उत्सव स्थलरुद्ध विकासशील देशों पर तीसरे संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के साथ तुर्कमेनिस्तान के अवाज़ा में आयोजित किया जा रहा है।

प्रो. डॉ. धर्मेंद्र मेहता (निदेशक, पं. जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंध संस्थान) एवं प्रो. डॉ. कामरान सुल्तान (प्रबंध संकाय अध्यक्ष एवं कार्य परिषद सदस्य, विक्रम विश्वविद्यालय) ने आयोजन की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला और बताया कि बुर्किना फासो जैसे देश जो अटलांटिक तट से 500 किलोमीटर से भी अधिक दूर हैं, उनके समक्ष भौगोलिक कारणों से विकास की बड़ी बाधाएं हैं।

इस अवसर पर उपस्थित सभी विद्यार्थियों ने इस अनूठे सामुदायिक पर्यावरण संवाद पर हर्ष व्यक्त किया और अपने समर्थन से कार्यक्रम को सार्थक बनाया।

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