प्रौद्योगिकी एवं मानव संसाधन प्रबंध को केंद्र में रखकर विक्रम विश्वविद्यालय में आयोजित हुई प्रेरणादायी ‘श्री गणेश व्याख्यानमाला सह दीक्षारंभ उत्सव’ श्रृंखला - 5
विक्रम विश्वविद्यालय में ‘श्री गणेश व्याख्यानमाला’ के तहत तकनीक और मानव संसाधन विकास पर केंद्रित प्रेरक आयोजन
संयुक्त राष्ट्र SDG-4 से जुड़ा प्रेरणास्पद शैक्षणिक आयोजन: उज्जैन में दीक्षारंभ उत्सव की पांचवीं श्रृंखला सम्पन्न
उज्जैन । पंडित जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंधन संस्थान, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन द्वारा ‘श्री गणेश व्याख्यानमाला सह दीक्षारंभ उत्सव’ की श्रंखला – 5 का आयोजन प्रेरक एवं सामयिक विचारों से परिपूर्ण वातावरण में संपन्न हुआ। इस प्रतिष्ठित आयोजन का केंद्र बिंदु प्रौद्योगिकी एवं मानव संसाधन प्रबंध रहा।
कार्यक्रम में विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. डॉ. अर्पण भारद्वाज ने अपने शुभकामना संदेश में इस आयोजन को संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (SDG) से संबद्ध करते हुए विशेष रूप से एसडीजी 4 (गुणवत्तापूर्ण शिक्षा) के संदर्भ में इस ज्ञानोपार्जन व्याख्यानमाला को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने विद्यार्थियों को नवाचार और सतत विकास के मार्ग पर अग्रसर होने की प्रेरणा दी।
संस्थान के निदेशक प्रो. डॉ. धर्मेंद्र मेहता ने इस सत्र को स्मरणीय और प्रेरणादायक बताते हुए इसे संस्थान के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि करार दिया। उन्होंने बताया कि संस्थान सतत रूप से प्रौद्योगिकी, मानव संसाधन प्रबंधन और इंडस्ट्री-अकादमिक सहयोग को केंद्र में रखकर विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास हेतु प्रयासरत है।
इस अवसर पर संस्थान के प्रतिभाशाली पूर्व विद्यार्थी श्री अभिमन्यु सोनी, वित्तीय विश्लेषक एवं पूर्व इंफोसिस प्रक्रिया अधिशासी, तथा श्रीमती एस.एस. चौहान, पूर्व मा.स. संकाय, नरसी मोंजी इंस्टिट्यूट, ने विशेष रूप से उपस्थित होकर विद्यार्थियों को मार्गदर्शन प्रदान किया।
श्री अभिमन्यु सोनी ने विद्यार्थियों को रुचि एवं योग्यता के अनुरूप प्रभावी बायोडाटा निर्माण की महत्वपूर्ण तकनीकों से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार आत्म-मूल्यांकन और प्रासंगिक कौशलों का विश्लेषण कर छात्र अपनी पेशेवर यात्रा को सशक्त बना सकते हैं। वहीं श्रीमती एस.एस. चौहान ने शोध विश्लेषण, संप्रेषण क्षमता और करियर कौशल के मध्य गहरे संबंध को रेखांकित करते हुए विद्यार्थियों को अकादमिक एवं व्यावसायिक दृष्टिकोण से समृद्ध होने के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम की विशेष उपलब्धि के रूप में एल्युमनी एडवाइजर डॉ. नयनतारा डामोर एवं प्रो. डॉ. धर्मेंद्र मेहता ने बताया कि संस्थान द्वारा अपने प्रखर विद्यार्थियों और अनुभवी विशेषज्ञों को सहस्नेह आमंत्रित कर उन्हें मंच प्रदान किया जा रहा है। इसके माध्यम से इंडस्ट्री-अकादमिक साझेदारी को बल दिया जा रहा है, जो उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक सराहनीय नवाचार है।
इस आयोजन पर प्रो. डॉ. दीपक गुप्ता, प्रो. कामरान सुल्तान, प्रो. डॉ. बेदिया, एवं डॉ. सचिन राय ने हर्ष व्यक्त करते हुए संस्था के इस प्रयास को सराहनीय बताया तथा इसे विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा का स्रोत कहा।
यह आयोजन न केवल विद्यार्थियों के लिए मार्गदर्शक सिद्ध हुआ, बल्कि संस्थान की नवाचारी सोच और गुणवत्तापूर्ण शैक्षणिक वातावरण की सशक्त प्रस्तुति भी बना।
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