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विक्रम विश्वविद्यालय में दीक्षारंभ उत्सव श्रृंखला-2: अभिनव नवाचार के रूप में मनाया गया 'मैत्रीय मिलन'

संयुक्त राष्ट्र एसडीजी लक्ष्यों के साथ आत्मविकास एवं स्व-प्रबंधन पर दिया गया बल

उज्जैन। भाद्रपद माह शुक्ल पक्ष द्वितीया तिथि, उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र, सिद्ध योग एवं वराह जयंती के शुभ अवसर पर प्रतिष्ठित पंडित जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंध संस्थान, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में दीक्षारंभ उत्सव श्रृंखला-2 का आयोजन मैत्रीय मिलन अभिमुखीकरण के रूप में अत्यंत हर्षोल्लास से संपन्न हुआ। इस आयोजन को एक "अभिनव नवाचार" की संज्ञा देते हुए विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. डॉ. अर्पण भारद्वाज ने अपने शुभकामना संदेश में इस सतत श्रृंखला प्रयास को अत्यंत सामयिक बताते हुए संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के सूत्रधार प्रो. डॉ. धर्मेंद्र मेहता को अपनी शुभकामनाएं प्रेषित कीं।

उन्होंने सभी विद्यार्थियों से आव्हान किया कि वे अध्ययन काल में अपनी इंटरडिसिप्लिनरी रुचियों को विकसित करते हुए स्व-प्रबंधन पर विशेष ध्यान दें। उन्होंने कहा कि यह दीक्षारंभ उत्सव न केवल शिक्षण का प्रारंभ है, बल्कि जीवन के लिए आवश्यक जीवन कौशल विकास की दिशा में भी एक सशक्त पहल है।

कार्यक्रम के अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय कार्यपरिषद के सदस्य प्रो. डॉ. दीपक गुप्ता, अध्यक्ष प्रबंध अध्ययन मंडल, एवं प्रो. डॉ. कामरान सुल्तान, संकाय अध्यक्ष प्रबंध संकाय की गरिमामयी उपस्थिति रही।

एमबीए विभाग के तृतीय सेमेस्टर के युवा प्रबंध साथियों विश्रुत राजपुरोहित, कनिष्का शर्मा एवं ख़ुशीका बारोड़ ने भारतीय स्वागत परंपरा एवं संस्थान की प्रतिष्ठा परंपरा के अनुरूप नवप्रवेशित विद्यार्थियों - अमन टंडन, पूजा पालीवाल, अवनी बंसल, मानसी माहेश्वरी, कुमकुम नागर, सुहानी पंड्या, प्रतीक उपाध्याय, आकाश बरोड़ का स्वागत करते हुए मैत्रीय सूत्र पुष्प गुच्छ एवं आत्मीय शब्दों से भावभीना अभिनंदन किया।

इस दौरान डॉ. नयनतारा डामोर, एल्युमनी एडवाइजर एवं प्रपालक, तथा निदेशक प्रो. डॉ. धर्मेंद्र मेहता की गरिमामयी उपस्थिति में विद्यार्थियों को नवीन पाठ्यक्रमजीवन कौशल विकास लक्ष्यों एवं एसडीजी को पाठ्यक्रम में समाहित कर उन्हें जीवन में आत्मसात करने हेतु दृढ़ संकल्प लेने का संदेश दिया गया।

अंत में डॉ. नयनतारा डामोर ने विद्यार्थियों के लिए विभागीय अपेक्षाओं को भी स्पष्ट रूप से साझा किया, जिससे नवप्रवेशित विद्यार्थियों में आत्मविश्वास एवं उत्तरदायित्व की भावना जागृत हो सके।

इस उत्सव श्रृंखला-2 प्रसंग पर प्रो. डॉ. डी. डी. बेदिया, डॉ. सचिन राय, श्री राकेश खोती, श्री गोविंद तोमर, श्री राजेश गौहर, श्री दिनेश सिंघाड़ एवं श्री सत्यनारायण मालवीय ने आयोजन हेतु संस्थान को हर्षपूर्वक बधाई प्रेषित की एवं इस पहल को प्रेरणादायी बताया।

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