विश्वविद्यालय के शिक्षकों और अधिकारियों ने सराहा कला कार्यशाला को
विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के गणेश हॉल में कलागृह, नीरज जोशी कला सम्मान मंच और सिसो ग्लोबल संस्था संयुक्त उद्यम कला मंच उज्जैन के सहयोग से गणेश चतुर्थी इको-फ्रेंडली मूर्ति निर्माण कार्यशाला आयोजित की जा रही है। विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलगुरु प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा, कुलसचिव डॉ अनिल कुमार शर्मा, डीएसडब्ल्यू प्रो एस के मिश्रा, विभागाध्यक्ष प्रो डी डी बेदिया, प्रो संदीप तिवारी, प्रो राजेश टेलर आदि ने कार्यशाला का अवलोकन कर सहभागिता कर रहे कलाकार विद्यार्थियों की सराहना की।
इस कार्यशाला का संचालन मुख्य आयोजक पंकज सेहरा (फाइन आर्ट्स), मृत्युंजय (बायोटेक्नोलॉजी) और राज भार्गव (आईसीएस) अपनी टीम के साथ कर रहे हैं। इनके साथ फाइन आर्ट्स विभाग से नंदिनी प्रजापति, प्रियांशी खरे, स्मृति गहलोत, प्रथा शाक्य; बायोटेक्नोलॉजी विभाग से भव्या चौहान, आईसीएस विभाग से ऋतिका कोस्टी, संस्कृत ज्योतिर्विज्ञान विभाग से पूजा शर्मा; फोरेंसिक विज्ञान विभाग से अमृता; सक्रिय रूप से सहयोग कर रहे हैं।
छात्रों ने जानकारी देते हुए बताया कि ये प्रतिमाएँ पूरी तरह प्राकृतिक सामग्री से बनी हैं। मिट्टी में महाकाल मंदिर में चढ़ाए गए सूखे फूलों को पीसकर मिलाया गया है, प्रयागराज महाकुंभ मेले का पवित्र जल और मिट्टी सम्मिलित की गई है, और प्रत्येक प्रतिमा में तुलसी के बीज डाले गए हैं। रंगाई के लिए केवल परंपरागत प्राकृतिक रंग – गेरू और सफेद चूना का उपयोग किया गया है। अवलोकन के दौरान कुलसचिव डॉ अनिल कुमार शर्मा ने कहा, “यह कार्यशाला परंपरा, कला और पर्यावरण संरक्षण का सुंदर संगम प्रस्तुत कर रही है। मुख्य आयोजक पंकज सेहरा ने कहा, “हमारा उद्देश्य है कि हर घर तक ऐसी गणेश प्रतिमा पहुँचे जो प्रकृति के लिए हितैषी हो। उपस्थित जनों ने छात्रों को उनके प्रयासों के लिए शुभकामनाएँ दीं और ऐसी पहल को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया।
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