विक्रम विश्वविद्यालय के प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला में अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस मनाया गया
उज्जैन: विक्रम विश्वविद्यालय की प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला में अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस मनाया गया। अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस हर साल 29 जुलाई को मनाया जाता है। यह दिन दुनिया भर में बाघों की सुरक्षा की तत्काल आवश्यकता की एक महत्वपूर्ण याद दिलाता है। बाघ केवल राजसी जीव ही नहीं हैं, बल्कि उनकी उपस्थिति पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने के लिए, विशेष रूप से एशिया में, अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसी दृष्टि से विक्रम विश्वविद्यालय की प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला में विद्यार्थियों को बाघ संरक्षण की जानकारी दी गई। विभागाध्यक्ष डॉ सलिल सिंह एवं शिक्षक डॉ संतोष ठाकुर, डॉ शिवी भसीन एवं डॉ पूर्णिमा त्रिपाठी ने विद्यार्थियों को बाघ संरक्षण की जानकारी देते हुए बताया कि लगभग 100 साल पहले, एशिया में लगभग 1,00,000 बाघ थे। हालाँकि, अवैध व्यापार, अवैध शिकार, जलवायु परिवर्तन और उनके प्राकृतिक आवास के विनाश के कारण यह संख्या काफी कम हो गई है। उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि आज, बाघ दुनिया भर में सबसे संकटग्रस्त प्रजातियों में से एक हैं। इस स्थिति से निपटने और इस शानदार जीव को विलुप्त होने से बचाने के लिए, बाघ क्षेत्र के 13 देश अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस के माध्यम से बाघों के संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए एक साथ आते हैं।
विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए शिक्षकों ने बाया कि दुनिया भर में जंगली बाघों की आबादी में लगभग 97% की खतरनाक गिरावट के मद्देनज़र, 2010 में अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस की शुरुआत की गई थी। उन्होंने विद्यार्थियों से अपील की कि प्राणिशास्त्र के विद्यार्थी होने के नाते बाघ संरक्षण की जागरूकता देश में फैलानी चाहिए अतः इस दिशा में हर संभव प्रयास करना चाहिएl
शिक्षकों ने विद्यार्थियों के साथ मिल कर पर्यावरण एवं बाघ को संरक्षित करने की शपत लीl विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर अर्पण भारद्वाज ने इस आयोजन को सराहनीय कदम बताते को विभाग ऐसे जगरूपता पूर्ण कार्यक्रम करता रहने के लिए प्रेरित कियाl
इस अवसर पर प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला के शिक्षक, कर्मचारी एवं वनस्पति अध्ययनशाला के शिक्षक डॉ निहाल सिंह एवं डॉ जगदीश शर्मा उपस्थित थेl विक्रम विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रोफेसर शैलेन्द्र कुमार शर्मा ने इस महत्वपूर्ण आयोजन के लिए अध्ययनशाला परिवार को बधाई दी।
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