उज्जैन। निरंतर 157 वर्ष पूर्ण करने जा रही उज्जैन की सबसे प्राचीन संस्था श्री अच्युतानंद गुरु अखाड़ा व्यायामशाला न्यास, उज्जैन पर 157 वां गुरु पूर्णिमा पर्व मनाया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के कुलपति डॉ. अर्पणजी भारद्वाज कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ समाजसेवी श्री महेशजी परियानी, विशेष अतिथि भाजपा नेता सत्यनारायणजी चौहान उपस्थित रहे।
सर्वप्रथम अतिथि द्वारा गुरु अखाड़े के संस्थापक परम पूज्य गुरुवर्य स्वगीर्य श्री अच्युतानंद स्वामीजी महाराज एवं अखाड़े के पुज्यनीय गुरुवर्य स्वगीर्य श्री काशीनाथजी डकारें साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
अतिथि स्वागत एवं संस्था परिचय मध्य प्रदेश शासन के पुर्व मंत्री एवं गुरु अखाड़े के अध्यक्ष माननीय श्री पारसचंद्रजी जैन द्वारा किया गया।
इस अवसर पर अखाड़े के विधार्थियों ने मल्लखंब एवं योगासन का शानदार प्रस्तुति दी गई।
गुरु पूर्णिमा पर्व पर अखाड़े के विधार्थियों ने सवा लाख सूर्य नमस्कार एवं मल्लखंब की उडियों का संकल्प भी लिया गया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से उपस्थित गुरु अखाड़े के अध्यक्ष श्री पारसचन्द्रजी जैन ,उपाध्यक्ष श्री रविप्रकाशजी लंगर, सचिव श्री मुकेशजी लड्डा, सह-सचिव श्री संजयजी पालीवाल, कोषाध्यक्ष श्री पुरुषोत्तमजी टेलर, वरिष्ठ ट्रस्ट मण्डल सदस्य श्री गोपालजी कसेरा, श्री प्रफुल्लजी एदलाबादकर, श्री विनयजी बाफना, श्री कमलजी बंगरिया, श्री राधेश्यामजी चौधरी, श्री उमेशजी वागले, संचालक श्री गुरुदेवजी उपाध्याय, सह-संचालक श्री दिलीपजी बनसोडें, मल्लखंब प्रशिक्षक श्री लीलाधरजी कहार, जीम प्रशिक्षक, श्री राधेश्यामजी कहार, श्री विजय शुक्लजी, श्री कैलाशजी चौधरी, श्री महेशजी सोनी, श्री दिलीपजी बारोड़, भाजपा नेता श्री घनश्यामजी गौड़, श्री दयारामजी माली, श्री तेजकरणजी माली, श्री बल्ला पहलवान, श्री रमणजी शर्मा, श्री भैरुलालजी चौधरी, श्री विजय मकवानाजी, श्री महेशजी राजोरिया, श्री हितेशजी पगारिया, श्री बबलू पंथी, श्री मुकेशजी बठानिया, श्री गोकुल माली, श्री अर्जुनसिंह सोलंकी, श्री अरुण पंवार श्री रमेशजी चौधरी एवं अखाड़े के वरिष्ठजन एवं बड़ी संख्या में विधार्थीगण उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन गुरु अखाड़े के मल्लखंब प्रशिक्षक एवं राष्ट्रीय निर्णायक श्री लीलाधर कहार द्वारा किया गया एवं आभार न्यास सचिव श्री मुकेशजी लड्डा द्वारा किया गया।
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