ज्ञान अब आपकी उंगलियों पर : मूक्स विषयक जागरूकता कार्यशाला आयोजित
उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन की भौतिकी अध्ययनशाला, फिज़िक्स क्लब एवं फिजिसिस्ट एलुमनी एसोसिएशन के तत्वावधान में मूक्स की समझ : सीखने का भविष्य: ज्ञान अब आपकी उंगलियों पर विषय पर एक दिवसीय जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य प्रतिभागियों को मूक्स - मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्सेज के बारे में जागरूक करना था। कार्यशाला में यह जानकारी दी गई कि कैसे मूक्स में पंजीकरण किया जाए, उनके पाठ्यक्रम की संरचना, क्रेडिट प्रणाली, मूल्यांकन की विधियाँ एवं प्रमाणपत्र की प्रक्रिया कैसे काम करती है। स्वयं और एनपीटीईएल जैसे भारत सरकार द्वारा समर्थित प्लेटफार्मों पर विशेष रूप से प्रकाश डाला गया और बताया गया कि ये सभी स्तरों के शिक्षार्थियों के लिए किस प्रकार लाभकारी हो सकते हैं।
इस अवसर पर माननीय कुलगुरु डॉ अर्पण भारद्वाज ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार द्वारा विक्रम विश्वविद्यालय को उच्च शिक्षा में डिजिटल इनिशिएटिव की दिशा में रोड मैप बनाने के लिए निर्देशित किया गया है।अपने उद्बोधन में उन्होंने नवीन शिक्षा प्रणाली में मूक्स के महत्व को रेखांकित किया और छात्रों एवं शिक्षकों को ऐसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स का अधिकतम लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया ।विशिष्ट अतिथि के रूप में विक्रम विश्वविद्यालय फ्लैगशिप कार्यक्रम दिशा (डिजिटल इनीशिएटिव फॉर स्मार्ट हायर एकेडमिक्स एडवांसमेंट) के समन्वयक डॉ. उमेशकुमार सिंह उपस्थित रहे ।उन्होंने ऑनलाइन शिक्षा के भाव पर अपने विचार साझा किया ।मूक्स के सफलतापूर्वक प्रमाण पत्र प्राप्त करने के महत्व को रेखांकित किया और इन प्रमाण पत्रों का शैक्षणिक एवं व्यवसायिक उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. रत्ना अग्रवाल द्वारा किया गया, जिन्होंने सत्रों के सुचारु संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। डॉ. मोनिका बैरागी, सुश्री साई शिखा नायडू एवं श्री अर्पित फुलके द्वारा विषयवस्तु को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया गया।कार्यशाला के समापन पर विभागाध्यक्ष एवं कार्यशाला की संयोजिका डॉ. स्वाति दुबे ने अपने विचार साझा किए। उन्होंने प्रतिभागियों की सक्रिय सहभागिता की सराहना की और सभी अतिथियों, सहभागियों एवं आयोजकों का आभार व्यक्त किया। इस कार्यशाला में छात्रों, शोधार्थियों, पूर्व छात्रों एवं फैकल्टी सदस्यों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम का समापन प्रश्नोत्तर सत्र एवं प्रतिभागियों से प्रतिक्रिया संग्रह के साथ किया गया। अंत में डॉ. कमल जैन ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत करते हुए सभी गणमान्य अतिथियों, मेहमानों और प्रतिभागियों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की।
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