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अंतरराष्ट्रीय तंबाकू निषेध दिवस पर ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय, ऋषि नगर, उज्जैन में नशा मुक्ति प्रदर्शनी व संकल्प कार्यक्रम संपन्न

उज्जैन, 31 मई 2025 — प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय, ऋषि नगर, उज्जैन में अंतरराष्ट्रीय तंबाकू निषेध दिवस के उपलक्ष्य में विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर एक भव्य नशा मुक्ति प्रदर्शनी लगाई गई, जिसमें लोगों को नशे के दुष्प्रभावों और उससे छुटकारा पाने के उपायों की जानकारी दी गई।

कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी उषा दीदी जी ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा, "नशा हमारे अमूल्य जीवन का नाश कर देता है, इसलिए हमें इससे कोसों दूर रहना चाहिए। 'नशा' शब्द का उल्टा 'शान' होता है, और हमें अपने जीवन को शान से जीना चाहिए। हमें स्वयं को दिव्य आत्मा, पवित्र आत्मा, स्वस्थ आत्मा मानते हुए इस शान की स्थिति में रहना चाहिए। हमारा शरीर एक मंदिर है, जिसे अच्छाई रूपी गुणों से सजाना चाहिए न कि जहरीले पदार्थों से उसे गंदा करना चाहिए। नशा करके हम केवल अपने जीवन को ही नहीं, बल्कि अपने परिवार और समाज के कई अन्य जीवनों को भी दुखमय बना देते हैं।"

इसके बाद ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी जी ने नशे से होने वाले शारीरिक, मानसिक और सामाजिक नुकसानों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नशा केवल व्यक्ति की सेहत को ही नहीं बिगाड़ता, बल्कि उसके सोचने, समझने और निर्णय लेने की क्षमता को भी खत्म कर देता है। दीदी जी ने नशामुक्ति के लिए विशेष संकल्प व प्रतिज्ञाएं भी करवाईं, जिसमें सभी उपस्थित लोगों ने नशा न करने और दूसरों को भी इससे दूर रहने हेतु प्रेरित करने का वचन लिया।

कार्यक्रम की शोभा बढ़ाते हुए प्रसिद्ध गायक हरीश मोयल जी ने अपनी मधुर संगीत प्रस्तुति के माध्यम से श्रोताओं को 'ईश्वरीय नशा' का अनुभव कराया। उन्होंने गीतों के माध्यम से यह संदेश दिया कि हमें नशा नहीं बल्कि नारायणी नशे में रहना चाहिए — यानी ईश्वर से जुड़कर आत्मिक शांति, प्रेम और आनंद की स्थिति में रहना चाहिए।

इस अवसर पर बड़ी संख्या में नगरवासी, विद्यार्थी, सामाजिक कार्यकर्ता तथा ब्रह्माकुमारी संस्था के सदस्य उपस्थित रहे। कार्यक्रम का उद्देश्य जनमानस को नशे के दुष्प्रभावों से अवगत कराना और एक स्वस्थ, सुखद समाज की स्थापना हेतु प्रेरित करना था।

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