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ग्यारहवें अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 पर विक्रम विश्वविद्यालय में हुआ योग संगम

सामूहिक योगाभ्यास कार्यक्रम में योग प्रोटोकॉल के अंतर्गत किए गए विविध आसन और प्राणायाम  

सांगीतिक प्रस्तुतियों के साथ हुआ नाद योग कार्यक्रम 

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के माधव भवन परिसर स्थित स्वर्ण जयंती सभागार में 21 जून 2025 को अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर योग संगम का महत्त्वपूर्ण आयोजन संपन्न हुआ। योगकेन्द्र - दर्शनशास्त्र अध्ययनशाला द्वारा संयोजित योगाभ्यास कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के अध्यक्ष, शिक्षक, विद्यार्थी और योग साधकों ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया। 

योग संगम कार्यक्रम में प्रधानमन्त्री माननीय श्री नरेन्द्र मोदी एवं मध्यप्रदेश के मुख्यमन्त्री माननीय डॉ मोहन यादव के उद्बोधन का ऑनलॉइन जीवन्त प्रसारण किया गया। तत्पश्चात योग प्रोटोकाल के अनुसार उपस्थित शिक्षकों, कर्मचारियों, विद्यार्थियों और उपस्थित जनों को योगाभ्यास कराया गया। 

इस अवसर पर विशेष रूप से नाद योग का भी अभ्यास कराया गया, जिसमें प्रतिभागियों ने संगीत के माध्यम से ध्यान की गहराई का अनुभव किया। नाद योग की इस विशेष प्रस्तुति ने सभी उपस्थित जनों को भीतर तक शांति और ऊर्जा से भर दिया। 

नाद योग कार्यक्रम में बांसुरी पर श्री उत्कर्ष जाधव ने राग पहाड़ी और मनमोहक धुनों की प्रस्तुति की। उनके साथ तबले पर श्री अभिषेक माथुर ने प्रभावी संगत की। योगाभ्यास कार्यक्रम में उपस्थित लोगों के एक साथ योग प्रोटोकाल के अनुसार योगासन करने से मोहक दृश्य बन रहा था। भारतीय योग प्रोटोकॉल के अनुसार प्रमुख रूप से अनेक योग अभ्यास किए गए। इनमें सूक्ष्म व्यायाम (हाथ, पैर, ग्रीवा चालन), योगासन के अंतर्गत ताड़ासन, वृक्षासन, पादहस्तासन, अर्धचक्रासन, त्रिकोणासन, भद्रासन, वज्रासन, मकरासन, भुजंगासन, शलभासन, सेतुबंधासन, कपालभाति प्राणायाम, अनुलोम-विलोम प्राणायाम, भ्रामरी प्राणायाम, ध्यान एवं शांति पाठ सम्मिलित था। 

योगाभ्यास कार्यक्रम में कुलगुरु प्रो अर्पण भारद्वाज, कुलसचिव डॉ अनिल कुमार शर्मा, कुलानुशासक प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा, डीएसडब्ल्यू डॉ एस के मिश्रा, प्रो डी डी बेदिया सहित अनेक विभागाध्यक्ष, शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी और विद्यार्थी गण ने सम्मिलित होकर योगाभ्यास किया।

कार्यक्रम में संबोधित करते हुए विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. अर्पण भारद्वाज ने कहा कि आज पूरी दुनिया में आज भारत की योग परम्परा को महत्वपूर्ण स्थान मिल रहा है।  जीवन में सभी को अपनी दिनचर्या में योगासन को एक हिस्सा बनाना चाहिए। 

कार्यक्रम में योगाचार्य डॉ बिन्दु पवार द्वारा योग प्रोटोकाल को कराया गया। दर्शनशास्त्र अध्ययनशाला के विभागाध्यक्ष प्रो एस के मिश्रा ने शीर्षासन की प्रस्तुति की गयी।

नाद योग कार्यक्रम के अंतर्गत सांगीतिक प्रस्तुतियों ने वातावरण को बांध दिया था। बांसुरी पर श्री उत्कर्ष जाधव इंदौर ने राग पहाड़ी एवं ताल दीपचंदी में निबद्ध स्वरचित धुन और कुछ फिल्मी गीतों जैसे, हुस्न पहाड़ों का, शिव कैलाश के वासी एवं कुछ भजनों से अपना प्रभाव जमाया। उनके साथ तबला संगत श्री अभिषेक माथुर ने की। 

कार्यक्रम का समापन सामूहिक शांति मंत्र के साथ किया गया। आभार प्रदर्शन डीएसडब्ल्यू प्रो. एस के मिश्रा ने किया।



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