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मातृभाषा और संस्कृति से जुड़े रहना केवल एक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि एक सौभाग्य भी है - श्रीमती वंदना त्रिपाठी

निटर भोपाल में राजभाषा-जनसंपर्क प्रकोष्ठ के नये परिसर का उद्घाटन

एनआईटीटीटीआर भोपाल में राजभाषा और जनसंपर्क को समर्पित प्रकोष्ठ का उद्घाटन

भोपाल। एनआईटीटीटीआर भोपाल में राजभाषा एवं जनसंपर्क प्रकोष्ठ के नविन परिसर का विधिवत उद्घाटन हुआ। परिसर का उद्घाटन हिंदी लेखिका श्रीमती वंदना त्रिपाठी द्वारा किया गया। इस अवसर पर श्रीमती वंदना त्रिपाठी ने कहा की “मातृभाषा और संस्कृति से जुड़े रहना केवल एक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि एक सौभाग्य भी है। 

संस्थान के  निदेशक डॉ. सी.सी. त्रिपाठी ने कहा की नये प्रकोष्ठ एवं वीथिका का निर्माण मात्रभाषा और विरासत के संरक्षण की दिशा में मजबूत कदम है। यह परिसर हमें न केवल हमारी राजभाषा हिंदी में रचे गए इतिहास से जोड़ता है, बल्कि हमें उस गौरवशाली परंपरा का साक्षी भी बनाता है।

उल्लेखनीय है की निटर भोपाल राजभाषा संबंधित अनुदेशों के पालन करने में हमेशा से अग्रणी रहा है एवं संस्थान के कार्यों को राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार एवं सराहना प्राप्त हुई है। इस अवसर पर निटर भोपाल की 26 वर्षों से निकल रही राजभाषा पत्रिका "संपर्क सरिता" के नये अंक का विमोचन भी किया गया। इस परिसर में संस्थान की राजभाषा एवं समाचार पत्रों में प्रकाशित विभिन्न गतिविधियों  पर आधारित वीथिका का निर्माण भी किया गया है। 

इस अवसर पर संस्थान के डीन प्रो. आर.के दीक्षित, प्रो. पी. के पुरोहित, मेज़र निशांत ओझा, श्री गौतम कुमार,श्री मती बबली चतुर्वेदी सहित राजभाषा एवं जनसंपर्क प्रकोष्ठ के समस्त सदस्य उपस्थित थे।

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