केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की अगुवाई में ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ की तैयारियां अंतिम चरण में
- शिवराज सिंह ने ओरिएंटेशन प्रोग्राम के जरिए देशभर के कृषि वैज्ञानिकों से किया संवाद
- आजादी के बाद पहली बार सीधे किसानों तक पहुंचने की सरकार की बड़ी कवायद
- मेरी हर सांस में खेती और रोम-रोम में किसान बसे हैं – शिवराज सिंह
- देशव्यापी ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ परिणाम उन्मूलक कार्यक्रम है - शिवराज सिंह
- कृषि अनुसंधान के लिए मोदी सरकार में फंड की कमी नहीं आएगी – शिवराज सिंह
- हमारे कृषि संस्थानों में वो ताकत है, जिसका लोहा पूरी दुनिया मानेगी – शिवराज सिंह चौहान
- 29 मई से 12 जून तक देशव्यापी अभियान के जरिए लगभग 1.5 करोड़ किसानों से सीधा संवाद होगा
🙏 द्वारा, राधेश्याम चौऋषिया 🙏
नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अगुवाई में ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ की तैयारियां अब अपने अंतिम चरण में है। 29 मई को श्री जगन्नाथ की पावन धरती पुरी, ओडिशा से इस व्यापक अभियान का शुभारंभ होगा। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय का पूरा अमला राज्यों के सहयोग से इसकी तैयारियों में जुटा हुआ है। आज इसी कड़ी में श्री शिवराज सिंह चौहान ने पूसा कैंपस स्थित सुब्रमण्यम हॉल में देशभर के कृषि वैज्ञानिकों से संवाद किया। इस अवसर पर कृषि सचिव श्री देवेश चतुर्वेदी, आईसीएआर के महानिदेशक डॉ. एम.एल. जाट, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के सभी 113 संस्थानों, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के साथ ही देशभर के 731 कृषि विज्ञान केंद्रों व केंद्र-राज्यों के कृषि विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिकों-प्राध्यापकों ने बड़ी संख्या में सभागार में उपस्थित रहकर और वर्चुअल जुड़कर इस संवाद कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
यहां केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मैं सत्ता के सुख के लिए कृषि मंत्री नहीं बना हूं, बल्कि किसानों की सेवा के लिए, उत्पादन बढ़ाने, उत्पादन की लागत घटाने, खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने, देश में अन्न के भंडार भरने और भावी पीढ़ी के कृषि संबंधित हितों की रक्षा के लिए ही मेरा जीवन समर्पित है। श्री शिवराज सिंह ने कहा कि उर्वरक का संतुलित प्रयोग, स्थानीय परिस्थिति, सही शोध जानकारी होने और अच्छे बीजों से किसान को उत्पादकता बढ़ाने में निश्चित तौर पर मदद मिल सकती है।
श्री चौहान ने कृषि वैज्ञानिकों, विभाग का अमला और किसान को जोड़ने पर जोर देते हुए कहा कि इस अभियान के जरिए इसे पूरा करते हुए किसानों से जुड़ने की एक बड़ी कोशिश होने जा रही है।
श्री शिवराज सिंह ने कहा कि खेती हृदय और लगाव का विषय है। खेती को जिया जाता है। मेरी हर सांस में खेती और रोम-रोम में किसान बसे हैं। फसल के अच्छे व खराब होने पर भावनाएं जुड़ जाती हैं।
श्री चौहान ने कहा कि सरकार की पूरी कोशिश कृषि अनुसंधान को आगे बढ़ाने की है। शोध और अनुसंधान के लिए हमारी सरकार प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में फंड की कमी नहीं होने देगी
श्री शिवराज ने यह भी कहा कि यह अभियान परिणाम उन्मूलक कार्यक्रम है, जिसका परिणाम इसी खरीफ सीजन में उत्पादन वृद्धि और उत्पादन लागत में कमी के रूप में जल्द ही हमारे सामने होगा।
श्री चौहान ने देश के वैज्ञानिकों से अपनी शोध क्षमता को वैश्विक स्तर पर सिद्ध करने की भी अपील की। उन्होंने कहा कि हमारे कृषि संस्थानों में वो ताकत है, जिसका लोहा पूरी दुनिया मानेगी।
श्री शिवराज सिंह चौहान ने वैज्ञानिकों के प्रयासों की प्रशंसा की और कहा कि इस अभियान के पूरा होने के बाद देश, वैज्ञानिकों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करेगा।यह अभियान 29 मई से 12 जून तक देशव्यापी स्तर पर आयोजित किया जा रहा है, जिसमें वैज्ञानिकों की टीमें गांव-गांव जाकर किसानों से सीधा संवाद करेगी। इस अभियान में 731 कृषि विज्ञान केंद्रों (KVK) और ICAR के 113 संस्थानों के वैज्ञानिक-विशेषज्ञ तथा राज्यों और अन्य कृषि विभाग का अमला भी शामिल रहेंगे। यह अभियान 700 से ज्यादा जिलों में आयोजित किया जाएगा। साथ ही इसमें कृषि, बागवानी, पशुपालन, मछली पालन आदि विभागों के अधिकारी, वैज्ञानिक एवं नवोन्मेषी किसान भी शामिल रहेंगे। अभियान का लक्ष्य 1.5 करोड़ किसानों से सीधा संवाद करना है।
✍ राधेश्याम चौऋषिया
● सम्पादक, बेख़बरों की खबर
● राज्य स्तरीय अधिमान्य पत्रकार, जनसम्पर्क विभाग, मध्यप्रदेश शासन
● राज्य मीडिया प्रभारी, भारत स्काउट एवं गाइड मध्यप्रदेश
● मध्यप्रदेश ब्यूरों प्रमुख, दैनिक निर्णायक
● मध्यप्रदेश ब्यूरों प्रमुख, दैनिक मालव क्रान्ति
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