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विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर अभिनय परिसंवाद कार्यशाला आयोजित

नई पीढ़ी के युवाओं का अब पत्रकारिता पेशे से जुड़ने का महत्वपूर्ण समय आ गया है: राजेश सिंह कुशवाह

डिजिटल युग की मीडिया चुनौतियों से मुकाबला करने के लिए नई पीढ़ी को मानसिक एवं भावनात्मक रूप से प्रखरता के साथ प्रस्तुत होना होगा: अरुण कुमार राठौर

स्वतंत्र पत्रकारिता सदैव उच्चतम शिखर पर :-कुलगुरु डॉ भारद्वाज 

उज्जैन,03मई।  विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर शनिवार को पत्रकारिता एवं जनसंचार तथा सतत शिक्षा अध्ययनशाला, पं जवाहरलाल नेहरू व्यावसायिक प्रबंध संस्थान, प्रेस काउंसिल ऑफ  मध्य प्रदेश एवं जनसंपर्क विभाग उज्जैन संभाग कार्यालय के संयुक्त तत्वावधान में सतत शिक्षा अध्ययनशाला के सभागार में विशिष्ट परिसंवाद "स्वतंत्र पत्रकारिता आजकल एवं विकसित भारत 2047" के परिपेक्ष्य में आयोजित किया गया। 

इस अवसर पर अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रेस काउंसिल ऑफ मध्य प्रदेश के उपाध्यक्ष एवं विक्रम विश्वविद्यालय कार्य परिषद सदस्य श्री राजेश सिंह  कुशवाह ने प्रेस स्वतंत्रता के महत्व को प्रतिपादित करते हुए मीडिया पेशेवरों की महती भूमिका को रेखांकित किया । आपने नई पीढ़ी के युवाओं से कहा कि,अब युवाओं के पत्रकारिता पेशे से जुड़ने का महत्वपूर्ण समय आ गया है । 

इस सामूहिक आयोजन हेतु संयुक्त रूप से करने पर अपने संदेश में बधाई देते हुए विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो अर्पण भारद्वाज ने यूनेस्को विश्व सम्मेलन 1993 से लेकर वर्तमान दौर की पत्रकारिता की विभिन्न अवस्थाओं को संक्षेप में प्रस्तुत बताते हुए वर्तमान पत्रकारिता को समाज सेवा एवं कैरियर संवर्धक पैशे की संयुक्त चुनौतियों से दृढ़ संकल्पित होकर निपटने में सक्षम बताया। 

उपसंचालक संभागीय जनसंपर्क कार्यालय उज्जैन संभाग श्री अरुण कुमार राठौर  ने मुख्य अतिथि के रूप में अपने रोचक उद्बोधन में विकसित भारत 2047 की संकल्पना को दोहराते हुए कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसे उभरते हुए डिजिटल युग की मीडिया चुनौतियों से मुकाबला करने के लिए नई पीढ़ी को मानसिक रूप से एवं भावनात्मक रूप से अपने विचारों के अपडेशन तथा राष्ट्रवादी शक्तियों को मजबूती एवं प्रखरता के साथ प्रस्तुत करने की आवश्यकता प्रतिपादित की। 

डॉ रमन सोलंकी पुरातत्व अधिकारी विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन ने विशिष्ट अतिथि उद्बोधन में बताया कि मीडिया को वैश्विक स्तर पर स्वतंत्रता की सीमाओं स्वतंत्रता की आजादी एवं स्थिति की समीक्षा निरंतर करते रहना चाहिए ताकि नागरिकों, जनमानस भी अपनी भावनाओं को उचित रूप से संप्रेषित कर सके। 

इस अवसर पर आयोजन में अपने मुख्य वक्ता के रूप में सारगर्भित उद्बोधन में पं नेहरू व्यवसाय प्रबंध संस्थान के निदेशक प्रो डॉ धर्मेंद्र मेहता ने 03 मई को विंड हुक घोषणा को ही वर्षगांठ के रूप में चुने जाने की शुरुआत से लेकर कोलंबियाई  पत्रकार  कैनो ईसाजा का उल्लेख किया। डॉक्टर मेहता ने वर्ष 2025 की थीम "साहसी ने युग में रिपोर्टिंग :आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रेस स्वतंत्रता पर प्रभाव" का उल्लेख करते हुए सभी पत्रकारों को इस दिवस की बधाई दी। 

कार्यक्रम के सूत्रधार सतत शिक्षा अध्ययनशाला के प्रभारी संचालक डॉ सुशील शर्मा ने विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस के आयोजन पर उपस्थित सभी महानुभावों का स्वागत करते हुए आयोजन की प्रस्तावना एवं उद्देश्यों पर प्रकाश डाला एवं नई पीढ़ी से स्वतंत्रता प्रतिबद्धता को अपनाने का आह्वान किया। 

परिसंवाद के विभिन्न वक्ताओं के वक्तव्यों की संक्षेपिका पत्रकारिता एवं जनसंचार अध्ययनशाला के डॉ अजय शर्मा ने प्रस्तुत की। साथ ही अपने विद्यार्थियों से इस तरह के सामाजिक आयोजन में सक्रियता की अपेक्षा की। आपने बदलते दौर में लर्निंग विद फ्रीडम की चर्चा भी की परिसंवाद के अंत में जनसंचार अध्ययनशाला के विनीत पाल ने सभी महानुभावों के प्रति आभार व्यक्त किया। 

पत्रकारिता एवं जनसंचार अध्ययनशाला के साथ साथ सतत शिक्षा अध्ययनशाला पं नेहरू व्यावसाय प्रबंध संस्थान, प्रेस काउंसिल ऑफ  मध्यप्रदेश के इस संयुक्त परिसंवाद आयोजन में श्री बालाराम परमार, श्री विनोद जूवारिया, श्री अतुल मेहता, सुश्री दीक्षा कुशवाह, सुश्री शांभवी खेर, सुश्री खुशबू परमार, श्री गौरव सोनी एवं अन्य शोधार्थी,विद्यार्थी उपस्थित थे।

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