गौतम बुद्ध के माध्यम से भारत की संस्कृति का व्यापक प्रभाव सम्पूर्ण दुनिया में फैला - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा
अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में हुआ गौतम बुद्ध : भारतीय संस्कृति और जीवन मूल्यों के परिप्रेक्ष्य में पर मंथन
प्रतिष्ठित साहित्यिक संस्था राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना द्वारा अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी में गौतम बुद्ध: भारतीय संस्कृति और जीवन मूल्यों के परिप्रेक्ष्य में पर मंथन हुआ। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के कुलानुशासक एवं हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. शैलेंद्र कुमार शर्मा थे। अध्यक्षता वरिष्ठ शिक्षाविद श्री बृजकिशार शर्मा ने की। विशिष्ट अतिथि नागरी लिपि परिषद के महामंत्री डाँ हरिसिंह पाल दिल्ली थे।
विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के कुलानुशासक डॉ शैलेन्द्र कुमार शर्मा ने कहा कि गौतम बुद्ध के विचार पूरी दुनिया में व्याप्त हैं। जीवन के मूल्य वही हैं जो मानव सभ्यता के लिए मूल्यवान हैं। सभी अपने-अपने धर्म को सर्वोपरि मानते हैं, लेकिन जहां सत्य, प्रेम, अहिंसा, समता का पालन होता है, बुद्ध की दृष्टि में वही सच्चा धर्म है। बुद्ध के माध्यम से भारत की संस्कृति का गहरा प्रभाव सम्पूर्ण विश्व में व्याप्त हुआ है। बुद्ध ने अपने ढंग से नए मनुष्य और नए समाज की रचना का सार्थक उपक्रम किया। उन्होंने जिस धर्म की आधारशिला रखी, वह सार्वकालिक मानव-मूल्यों का संवाहक है, पीड़ित मानवता के सम्यक् उद्धार का मार्ग है। भारतीय इतिहास में बुद्ध का अभ्युदय एक विस्मयकारी परिघटना है। दुनिया की सभी भाषाओं में बुद्ध की वाणी अनुवाद और व्याख्याओं के माध्यम से पहुंची है।
मुख्य वक्ता के रूप में डॉ हरिसिंह पाल नई दिल्ली ने कहा कि गौतम बुद्ध द्वारा प्रतिपादित जीवन मूल्यों पर चलकर ही विश्व का कल्याण सम्भव है। हम अपने अन्दर अन्दर ही ज्ञान प्राप्त करें।
डॉ शहनाज शेख नांदेड़ ने कहा कि वैर से वेर कभी शांत नहीं होगा। अपने क्रोध को त्याग कर ही सिद्धि प्राप्त की जा सकती है। डॉ दक्षा जोशी जी ने कहा स्वयं दीपक बनो, महात्मा बुद्ध का यह सन्देश आज भी प्रासंगिक है। डॉ मुक्ता कान्हा कौशिक रायपुर ने कहा कि गौतम बुद्ध ने अहिंसा के पालन के साथ संयम और ब्रह्मचर्य के महत्व को प्रतिपादित किया। डॉ प्रसन्ना कुमारी केरल ने गौतम बुद्ध के सांस्कृतिक योगदान पर प्रकाश डाला।
विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ अशोक भार्गव भोपाल, श्री पदमचंद गांधी जयपुर उपस्थित थे। विशेष वक्ता के रूप में डॉ सविता, श्री मोहन लाल वर्मा जयपुर, डॉ अरुणा शुक्ला इंदौर आदि ने अपने विचार व्यक्त किए।
प्रारम्भ में स्वागत भाषण डा शहनाज शेख नांदेड़ ने दिया। कार्यक्रम की प्रस्तावना संस्था के संगठन मंत्री डॉ. प्रभु चौधरी ने प्रस्तुत करते हुए गौतम बुद्ध के विचार प्रस्तुत किए। सरस्वती वंदना डा मुक्ता कौशिक रायपुर ने की।
आयोजन का संचालन श्वेता मिश्रा बरेली ने किया। आभार प्रदर्शन डॉ मुक्ता कौशिक ने किया।
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