खेलों में पवित्रता, समावेशन और न्याय के मूल्यों को वैश्विक मान्यता
उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन में प्रथम वर्ल्ड फेयर प्ले डे के अवसर पर शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया। यह दिवस संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा वर्ष 2025 से प्रतिवर्ष 19 मई को आधिकारिक रूप से घोषित किया गया है। इसी पृष्ठभूमि में आयोजित इस समारोह में विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. भारद्वाज ने कहा कि खेलों में पवित्रता के माध्यम से समावेशन एवं न्याय का उत्सव ही इस दिवस का मुख्य संदेश है। उन्होंने इस सामयिक और संभवत: प्रदेश के प्रथम अद्वितीय आयोजन के लिए पं. जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंध संस्थान के निदेशक प्रो. डॉ. धर्मेंद्र मेहता की सक्रिय भूमिका की सराहना की।
प्रो. भारद्वाज ने अपने उद्बोधन में कहा कि यह आयोजन वैश्विक स्तर पर खेलों की भूमिका को मान्यता प्रदान करता है। इसमें खेलों के माध्यम से पवित्रता, शांति, समावेशन और न्याय जैसे सार्वभौमिक मूल्यों को सम्मान और बढ़ावा देने की शक्ति है। यह आयोजन न केवल एक प्रेरणादायी पहल है, बल्कि नई पीढ़ी को इन मूल्यों के प्रति जागरूक करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है।
समारोह में विक्रम विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रो. डॉ. शैलेन्द्र कुमार शर्मा ने बताया कि इस दिवस की स्थापना इस गहरी समझ के आधार पर हुई है कि खेल और शारीरिक गतिविधियाँ केवल मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि सामाजिक समरसता के वाहक भी हैं। उन्होंने कहा कि खेल विभिन्न संस्कृतियों, नस्लों, धर्मों और राष्ट्रीयताओं के बीच पुल का कार्य करते हैं तथा अनुशासन, धैर्य और आपसी सम्मान जैसे गुणों को बढ़ावा देते हैं। ये गतिविधियाँ साझा मानवीय मूल्यों को उजागर करती हैं।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, और संकाय सदस्य भी उपस्थित रहे। समारोह में एलएनसीटी विश्वविद्यालय भोपाल से पधारे रसायन विज्ञान विशेषज्ञ एवं 50 से अधिक मूक कोर्सेस के विशेषज्ञ स्टार परफॉर्मर प्रो. डॉ. अमित बोध उपाध्याय, प्रो. डॉ. उमा शर्मा, प्रो. डॉ. कामरान सुल्तान, प्रो. डॉ. उमेश कुमार सिंह, प्रो. डॉ. अनिल कुमार जैन, प्रो. डॉ. कमलेश दशोरा, प्रो. डॉ. राजेश टेलर, प्रो. डॉ. डी. डी. बेदिया सहित बड़ी संख्या में प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक सहभागिता की।
यह आयोजन खेलों के माध्यम से सामाजिक समरसता और न्याय आधारित विश्व की दिशा में एक सार्थक पहल के रूप में भविष्य के लिए प्रेरणा बनकर उभरा है।
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