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वाणिज्य अध्ययनशाला में पीएचडी शोधार्थियों के लिए विशेष परिसंवाद का आयोजन

उज्जैन। वाणिज्य अध्ययनशाला, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन द्वारा वाणिज्य विषय के पीएचडी शोधार्थियों के लिए विशेष परिसंवाद का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य शोधार्थियों को शोध के व्यापक सामाजिक और राष्ट्रीय महत्व के प्रति जागरूक करना था।

परिसंवाद के प्रारम्भ में शासकीय एम एल बी महाविद्यालय भोपाल के प्राचार्य  डॉ. अजय अग्रवाल ने शोधार्थियों को मार्गदर्शन प्रदान किया। उन्होंने कहा कि, "शोध केवल डिग्री प्राप्त करने का माध्यम नहीं होना चाहिए, बल्कि इसका एक सामाजिक उद्देश्य भी होना चाहिए। शोध को समाज की समस्याओं से जोड़कर ही उसका वास्तविक प्रभाव सिद्ध होता है।"

इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु डॉ. अर्पण भारद्वाज ने अपने उद्बोधन में कहा कि, "आप सभी शोधार्थियों को राष्ट्र के लिए कुछ सार्थक करने का एक अनमोल अवसर प्राप्त हुआ है। इस अवसर का सदुपयोग करते हुए देश और समाज के हित में अपने शोध कार्य को आगे बढ़ाएं। जहां भी जाएं, वहां विक्रम विश्वविद्यालय की पहचान और प्रतिष्ठा को नई ऊंचाई दें।"

कार्यक्रम की अध्यक्षता वाणिज्य अध्ययनशाला के विभागाध्यक्ष डॉ. शैलेंद्र कुमार भारल ने की। उन्होंने शोधार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि, "आपका उज्ज्वल भविष्य आपके सतत परिश्रम और समाज के प्रति आपकी संवेदनशीलता पर निर्भर करता है। शोध कार्य को जीवन और व्यवहार से जोड़ना ही उसकी सार्थकता है।"

इस अवसर पर कुलगुरु डॉ. अर्पण भारद्वाज का स्वागत शोधार्थी राहुल गांधी द्वारा किया गया। वहीं, प्राचार्य डॉ. अजय अग्रवाल एवं विभागाध्यक्ष डॉ. शैलेंद्र कुमार भारल का स्वागत शोधार्थी शैलेंद्र सिंह ठाकुर द्वारा किया गया। कार्यक्रम के दौरान पीएचडी कोर्स समन्वयक डॉ. रुचिका खंडेलवाल का कुलगुरु एवं शोधार्थियों द्वारा शाल और श्रीफल भेंट कर सम्मान किया गया।

परिसंवाद में वाणिज्य विषय के शोधार्थियों ने कोर्स वर्क के दौरान प्राप्त अनुभवों को साझा किया। उन्होंने बताया कि कैसे शोध की प्रक्रिया ने उन्हें न केवल अकादमिक दृष्टि से बल्कि वैचारिक रूप से भी समृद्ध किया। शोधार्थियों ने इस प्रकार के आयोजन को प्रेरणादायक बताया और भविष्य में भी ऐसे मार्गदर्शन मूलक सत्रों की आवश्यकता जताई।

कार्यक्रम का संचालन दिनेश दांगी द्वारा कुशलतापूर्वक किया गया एवं आभार प्रदर्शन शोधार्थी हेमलता लोक्ष ने किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के अन्य संकाय सदस्य, शोध छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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