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गुरू अखाड़े के दक्ष कहार ने खेलों इंडिया युथ गेम्स में जीता स्वर्ण पदक


उज्जैन। बिहार के बोधगया में आयोजित दिनांक 04 से 15 मई तक चल रहे खेलों इंडिया युथ गेम्स में मध्यप्रदेश के पुरूष दल में गुरू अखाडे के उभरते मल्लखंब खिलाड़ी एवं पुरूष मल्लखंब दल ने शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक पर कब्जा कर इतिहास रचा।

श्री दक्ष कहार की इस एतिहासिक जीत पर मध्यप्रदेश शासन के पूर्व मंत्री एवं गुरू अखाड़े के अध्यक्ष श्री पारसचंद्र जैन एवं अखाड़े के ट्रस्टी तथा विधार्थियों द्वारा ढोल ढमाके एवं मंत्रोचारण के साथ श्री दक्ष कहार का साल, श्रीफल एवं पुष्पमाला पहनाकर बड़े ही हर्षोउल्लास के साथ स्वागत किया गया। 

मध्यप्रदेश मल्लखंब दल की इस एतिहासिक जीत पर गुरू में अखाड़े के संस्थापक परम पुज्य गुरूवर्य स्वर्गीय श्री अच्युतानंद स्वामीजी महाराज एवं अखाडे के गुरूवर्य स्वर्गीय श्री काशीनाथजी डकारे साहब की प्रतिमा पर माल्यापर्ण एवं दीप प्रज्जवलन कर महा-आरती की गई। 

श्री दक्ष कहार का स्वागत गुरू अखाड़े के अध्यक्ष श्री पारसचन्द्र जैन, उपाध्यक्ष श्री आर.पी.लंगर, सचिव श्री मुकेश लड्डा, सह सचिव श्री संजय पालीवाल, कोषाघ्यक्ष श्री पुरूर्षोत्तम टेलर, ट्रस्ट मण्डल सदस्य श्री गोपाल कसेरा, श्री प्रफुल्ल एदलाबादकर, श्री कमल बंगरिया, श्री दीलिप बंसोड़े, श्री गुरूदेव उपाध्याय, श्री कैलाश चौधरी, श्री सर्वोदय सेठी, श्री दीलिप बारोड़, राधेश्याम कहार, श्री रविसिंह चौहान, कहार समाज अध्यक्ष श्री शंकर कहार, श्री प्रशांत चन्देरी, श्री अनिल कहार, श्री रमण शर्मा, श्री हितेष पगारिया, श्री मुकेश बठानिया, श्री अर्जुनसिंह सोलंकी, श्री पुरूर्षोत्तम कहार, श्री अंशुल चौधरी, श्री लव चौधरी, श्री राहुल चन्देरी, श्री सतीश कहार, श्री प्रवीण कहार, श्री दपर्ण कहार, श्री रजत कहार, मयंक कहार, आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे। 

गुरू अखाड़े के मल्लखंब कोच एवं राष्ट्रीय निर्णायक श्री लीलाधर कहार ने जानकारी देते हुए बताया कि मध्य प्रदेश मल्लखंब दल की एतिहासिक जीत के लिए भारत सरकार द्वारा प्रदत्त प्रथम गुरू द्रोणाचार्य अवार्ड से सम्मानित श्री योगेश मालवीय, मल्लखंब के भीष्म पितामाह कहे जाने वाले श्री के.एस. श्रीवास्तव एवं गुरू विश्वामित्र अवार्ड से सम्मानित अर्न्तराष्ट्रीय निर्णायक डॉ. आशीष मेहता के कुशल नेतृत्व एवं खिलाड़ियों का शानदार प्रदर्शन के कारण मध्यप्रदेश मल्लखंब दल ने इतिहास रचते हुए स्वर्ण पदक अर्जित किया। 






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