स्कूल ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, विक्रम विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर वेबिनार का सफल आयोजन हुआ
उज्जैन। स्कूल ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के उपलक्ष में एक ज्ञानवर्धक वेबिनार का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम 11 मई 2025 रविवार को आयोजित किया गया, जिसमें इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र से जुड़े छात्रों, शिक्षकों और विशेषज्ञों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
वेबिनार का मुख्य उद्देश्य प्रतिभागियों को प्रौद्योगिकी के महत्व और राष्ट्र निर्माण में इसके योगदान के बारे में जागरूक करना था।
कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य वक्ता श्री अक्षय चौधरी, इंजीनियर भारतीय रेलवे अहमदाबाद डिवीजन के स्वागत भाषण से हुई। अतिथि परिचय एवं स्वागत भाषण अमृता शुक्ला के द्वारा दिया गया।
श्री अक्षय चौधरी जी ने अपने मुख्य वक्तव्य में कहा कि यह भारत के लिए एक ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के रूप में भी जाना जाता है। इस दिन, 1998 में, भारत ने राजस्थान के पोखरण में सफलतापूर्वक परमाणु परीक्षणों की एक श्रृंखला आयोजित की थी, जिसे पोखरण-II के नाम से जाना जाता है और इसका कोड नाम ऑपरेशन शक्ति था।
पोखरण-II में पाँच परमाणु परीक्षण शामिल थे, जो 11 और 13 मई को किए गए थे। इन परीक्षणों ने भारत को परमाणु हथियार संपन्न देशों की सूची में शामिल कर दिया और देश की सुरक्षा और सामरिक शक्ति को एक नई पहचान दी। यह परीक्षण तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में और डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जैसे प्रमुख वैज्ञानिकों की देखरेख में किए गए थे।
पोखरण दिवस एवं राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस का महत्व बताते हुए उन्होंने कहा कि यह दिन भारत के वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और प्रौद्योगिकीविदों की प्रतिभा और कड़ी मेहनत का प्रतीक है, जिन्होंने इस महत्वपूर्ण मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। पोखरण परीक्षणों ने दुनिया को भारत की तकनीकी क्षमताओं और आत्मनिर्भरता का प्रदर्शन किया। यह दिन हर भारतीय के लिए गर्व का दिन है, जो देश की सुरक्षा और संप्रभुता को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम था।
पोखरण-II की सफलता की स्मृति में ही 11 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले व्यक्तियों और संस्थानों को सम्मानित किया जाता है और युवाओं को विज्ञान और नवाचार के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया जाता है।
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस भारत के आत्मविश्वास, वैज्ञानिक क्षमता और राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति दृढ़ संकल्प का प्रतीक है। यह हमें उन वैज्ञानिकों और नेताओं की दूरदर्शिता की याद दिलाता है जिन्होंने भारत को वैश्विक मंच पर एक मजबूत राष्ट्र के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर कुलगुरु विक्रम विश्वविद्यालय प्रोफेसर अर्पण भारद्वाज ने बधाई ज्ञापित की एवं पूर्व राष्ट्रपति माननीय डॉ अब्दुल कलाम आजाद साहब एवं पूर्व प्रधानमंत्री माननीय अटल बिहारी वाजपेयी जी को श्रद्धांजलि अर्पित की।
वेबिनार में एक इंटरैक्टिव प्रश्नोत्तर सत्र भी आयोजित किया गया, जिसमें छात्रों ने वक्ताओं से जिज्ञासापूर्ण प्रश्न पूछे और अपनी शंकाओं का समाधान किया। इस सत्र ने प्रतिभागियों को विषय की गहरी समझ प्राप्त करने का अवसर प्रदान किया।
वेबिनार का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, स्कूल ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के निदेशक प्रोफेसर संदीप कुमार तिवारी ने वेबिनार के सफल आयोजन पर प्रसन्नता व्यक्त की। साथ ही माननीय पूर्व राष्ट्रपति, मिसाइल मैन, शीर्ष वैज्ञानिक स्वर्गीय डॉ. अब्दुल कलाम आजाद साहब एवं माननीय पूर्व प्रधानमंत्री, प्रसिद्ध कवि स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी एवं सभी शहीदो को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। साथ ही साथ ऑपरेशन सिन्दूर के समय देश का साथ देने एवं संयम से काम लेकर जिम्मेदार नागरिक बनने एवं अफवाहों पर ध्यान ना देने की अपील भी की और कहा कि इस तरह के कार्यक्रम छात्रों को नवीनतम तकनीकी रुझानों से अवगत कराने और उन्हें भविष्य के लिए तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने सभी वक्ताओं, प्रतिभागियों और आयोजन टीम सभी विभागाध्यक्ष अमित ठाकुर, आशीष सूर्यवंशी, रघुनंदन सिंह बघेल, राजेश चौहान, नेहा सिंह, सचिन सिरोनिया, चेतन गुर्जर खेमराज बैरागी, को उनके सक्रिय योगदान के लिए धन्यवाद दिया। जिसमें आयोजन समिति के सदस्यों ने कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग करने वाले सभी लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया। इस वेबिनार ने निश्चित रूप से युवा इंजीनियरों और प्रौद्योगिकीविदों को नए विचारों और प्रेरणा से भर दिया होगा।
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