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विकसित कृषि संकल्प अभियान - देशभर के 700 से ज्यादा जिलों में एक साथ

विकसित भारत के लिए हमारा संकल्प है विकसित खेती और समृद्ध किसान - शिवराज सिंह चौहान

🙏 द्वारा, राधेश्याम चौऋषिया 🙏

नई दिल्ली । भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् -केन्द्रीय कृषि अभियांत्रकी संस्थान,भोपाल के निदेशक डॉ. सी.आर.मेहता ने बताया कि, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् (आईसीएआर) द्वारा देशभर में विकसित कृषि संकल्प अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने इस बात की जानकारी दी कि,  केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा घोषणा की गई है कि, यह अभियान 700 से ज्यादा जिलों में 29 मई से प्रारंभ होकर 12 जून तक चलेगा। इस दौरान कृषि वैज्ञानिक एवं मंत्रालय के अधिकारी-कर्मचारी, स्थानीय कृषि-कर्मियों के साथ टीम बनाकर प्रतिदिन अलग-अलग गांवों में पहुंचकर किसानों से सीधे संवाद करेंगे तथा उन्हें खेती-किसानी के संबंध में अपने स्तर पर और जागरूक करेंगे, विभिन्न सलाह देंगे। यह सारी कवायद प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए “लैब-टू-लैंड” के मंत्र को साकार करने के लिए की जा रही है। आधुनिक व आदर्श खेती के साथ ही, यह "एक देश, एक कृषि, एक टीम" की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने इस संबंध में एक उच्चस्तरीय बैठक भी दिल्ली में आयोजित की, जिसमें देशभर के 731 कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) के साथ ही देशभर में फैले आईसीएआर के 100 से अधिक संस्थानों तथा कृषि विज्ञान से जुड़े अन्य संस्थानों के साथ ही केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी हाईब्रिड मोड में शामिल हुए। बैठक में केंद्रीय कृषि सचिव श्री देवेश चतुर्वेदी तथा आईसीएआर के महानिदेशक डा. एम.एल. जाट भी उपस्थित थे। संस्थान के प्रेस एवं मीडिया प्रभारी डॉ. मनोज कुमार त्रिपाठी ने बातचीत में बताया कि, संस्थान के 40 से अधिक वैज्ञानिक मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों में किसानो से सीधे उनके बीच जा के  29 मई से 12 जून, 2025 तक अपने स्तर पर जागरूक करेंगे और विभिन्न सलाह देंगे।

केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह ने कहा कि, इस रचनात्मक व महत्वाकांक्षी अभियान के पीछे मकसद यहीं है कि, हमारी खेती उन्नत-विकसित हो और हमारे किसानों को इसका सीधा फायदा मिलें। पूरे अभियान के दौरान उन्नत तकनीकों, नई किस्मों व सरकारी योजनाओं के बारे में किसानों के बीच जागरूकता का प्रसार किया जाएगा, साथ ही प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना भी उद्देश्य है। अभियान में चार-चार वैज्ञानिकों की टीमें, किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड में सुझाई गई विभिन्न फसलों में संतुलित खादों के प्रयोग के लिए जागरूक व शिक्षित करेगी। केवीके, आईसीएआर के संस्थानों व इफको आदि द्वारा कृषि में ड्रोन प्रौद्योगिकी के उपयोग का प्रदर्शन भी किया जाएगा एवं किसानों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए आई.सी.टी. का व्यापक उपयोग होगा। धान की सीधी बुवाई (डी.एस.आर), फसल विविधीकरण, सोयाबीन की फसल में मशीनीकरण जैसी उन्नत तकनीकों का प्रसार भी केवीके के विशेषज्ञ करेंगे। टीमों में राज्य कृषि, बागवानी, पशुपालन, मत्स्यपालन विभागों, आत्मा के अधिकारी, राष्ट्रीय कीट निगरानी प्रणाली (एनपीएसएस) से जुड़े पौध संरक्षण अधिकारियों के साथ प्रगतिशील किसान, कृषि उद्यमी, एफपीओ/ एफआईजी/स्वयं सहायता समूहों के सदस्य भी शामिल होंगे। 

बैठक में केंद्रीय मंत्री श्री चौहान ने कहा कि, विकसित भारत के लिए हमारा संकल्प है विकसित खेती और समृद्ध किसान और किसानों को अगर समृद्ध बनाना है तो तरीका है कि वे ठीक ढंग से खेती करें। हम जो विकसित कृषि संकल्प अभियान शुरू कर रहे हैं, ये कर्मकांड नहीं है। ये ऐसा कार्यक्रम भी नहीं है कि हम आज शुरू कर रहे हैं और 10-20 साल बाद इसका नतीजा आएगा, बल्कि ये एक ऐसा अभिनव कार्यक्रम है कि, हम आज शुरू करेंगे व तीन महीने बाद खरीफ सीजन में ही इसके सकारात्मक परिणाम दिखने की पूरी उम्मीद है। केंद्रीय मंत्री श्री चौहान ने कहा कि, मेरा मानना है कि कृषि में जो रिसर्च हो रहे हैं, वो किसानों के पास खेतों तक पहुंचना चाहिए। अभियान के जरिये किसानों में जिज्ञासा व रूचि पैदा होगी व वैज्ञानिक भी उत्साहित होंगे। श्री चौहान ने वैज्ञानिकों से कहा कि, ये कार्य वे मन से करेंगे तो इसका देश को, किसानों को बहुत फायदा होगा।

✍ राधेश्याम चौऋषिया 

Radheshyam Chourasiya

Radheshyam Chourasiya II

● सम्पादक, बेख़बरों की खबर
● राज्य स्तरीय अधिमान्य पत्रकार, जनसम्पर्क विभाग, मध्यप्रदेश शासन
● राज्य मीडिया प्रभारी, भारत स्काउट एवं गाइड मध्यप्रदेश
● मध्यप्रदेश ब्यूरों प्रमुख, दैनिक निर्णायक
● मध्यप्रदेश ब्यूरों प्रमुख, दैनिक मालव क्रान्ति

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