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विकास हथियारों से नहीं, हौसलों की होड़ से हासिल है - प्रो. भारद्वाज, कुलगुरु

विक्रम विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय निरस्त्रीकरण और अप्रसार जागरूकता दिवस 2025 पर आयोजन सम्पन्न 

विश्व के युवाओं में निरस्त्रीकरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर बल

उज्जैन। पं. जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंध संस्थान, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में 5 मार्च 2025 को अंतरराष्ट्रीय निरस्त्रीकरण और अप्रसार जागरूकता दिवस (आईडीएनपीए दिवस) पर एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. डॉ. अर्पण भारद्वाज ने अपने शुभकामना वक्तव्य में कहा कि, "विकास हथियारों से नहीं, हौसलों की होड़ से हासिल है।" उन्होंने विश्व के युवाओं के बीच निरस्त्रीकरण मुद्दों के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता की बात करते हुए, इस दिन के महत्व पर प्रकाश डाला। यह दिन सामूहिक विनाश के हथियारों से उत्पन्न खतरों और वैश्विक शांति एवं सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सामूहिक प्रयासों के महत्व को बढ़ावा देता है।

कार्यक्रम में प्रो. डॉ. कामरान सुल्तान, प्रो. डॉ. दीपक गुप्ता, प्रो. डॉ. डी.डी. बेदिया, डॉ. सचिन राय, डॉ. नयनतारा डामोर और अजय जायसवाल ने भी अपने विचार व्यक्त किए। 

कार्यक्रम के सूत्रधार जेएनआईबीएम संस्थान के निदेशक प्रो. डॉ. धर्मेंद्र मेहता ने इस दिन की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और उद्देश्यों पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने दिसंबर 2022 में 5 मार्च को अंतरराष्ट्रीय निरस्त्रीकरण और अप्रसार जागरूकता दिवस के रूप में घोषित किया। यह दिन परमाणु, रासायनिक और जैविक हथियारों से उत्पन्न खतरों के प्रति वैश्विक चेतना बढ़ाने के उद्देश्य से मनाया जाता है।

सामूहिक विनाश के हथियारों के खतरों से वैश्विक जागरूकता का संचार

संयुक्त राष्ट्र द्वारा निरस्त्रीकरण और अप्रसार से जुड़ी शिक्षा को प्रोत्साहित करने का प्रयास

प्रो. डॉ. धर्मेंद्र मेहता ने इस विषय पर विस्तृत विश्लेषण करते हुए कहा कि 2023-24 तक, दुनिया के 100 सबसे बड़े हथियार उत्पादकों का कुल राजस्व 2022 से 4.2% बढ़कर $632 बिलियन (लगभग €598 बिलियन) हो गया था, जैसा कि स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट में उल्लेखित है। उन्होंने यह भी बताया कि संयुक्त राष्ट्र का लक्ष्य एसडीजी 16 के तहत शांतिपूर्ण और समावेशी समाजों को बढ़ावा देना है, जिससे समग्र रूप से आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय विकास सुनिश्चित हो सके।

प्रो डॉ कामरान सुल्तान एवं प्रो डॉ दीपक गुप्ता ने बताया कि, यह दिन सामूहिक विनाश के हथियारों से उत्पन्न खतरों और उनकी विनाशकारी क्षमताओं की वैश्विक याद दिलाता है, जिससे सरकारें, संगठन और व्यक्ति वैश्विक निरस्त्रीकरण की दिशा में कार्य कर सकें। 

इस आयोजन में, सामूहिक विनाश के हथियारों से उत्पन्न खतरों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से जागरुकता शपथ भी ली गई। कार्यक्रम में निरस्त्रीकरण की दिशा में सामूहिक प्रयास करने का संकल्प लिया।

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