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विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय ने प्रातः भ्रमण करने वाले रहवासियों में मशरूम की खेती से होने वाले फायदों की जानकारी दी

विक्रम विश्वविद्यालय के वनस्पति विभाग में मशरूम के उत्पादन का प्रशिक्षण उपलब्ध, आम जनता भी इसे सीख अपनी आय में वृद्धि कर सकती है - कुलगुरु प्रो अखिलेश कुमार पाण्डेय               

उज्जैन। गत कुछ समय से विक्रम विश्वविद्यालय के परिसर में अलग-अलग प्रकार के फील्ड वर्क एवं प्रायोगिक कार्य कराए जा रहे हैं। विद्यार्थियों ने इस शृंखला में विक्रम विश्वविद्यालय परिक्षेत्र की जैव विविधता एवं पर्यावरण का अध्ययन किया है। विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय भी विद्यार्थियों के साथ इस कार्य में संलग्न रहे है। इसी क्रम में रविवार को विद्यार्थियों के स्थोरायोगिक कार्य हेतु भ्रमण करते हुए माननीय कुलगुरु जी कोठी रोड पर मशरूम की कई नई प्रजातियों से न सिर्फ विद्यार्थियों को अपितु प्रातः कालीन भ्रमण के लिए आए हुए लोगों को मशरूम की विभिन्न प्रजातियों से परिचित कराया और उन्हें मशरूम की खेती की जानकारी दी। 

भ्रमण पर आए लोगों को संबोधित करते हुए माननीय कुलगुरु जी ने कहा कि मशरूम की खेती एक लाभदायक व्यवसाय है। इसका प्रशिक्षण प्राप्त कर आम जन इसे अपनी आमदनी का स्रोत बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि विक्रम विश्वविद्यालय के वनस्पति विभाग में आम जनता के लिए मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण उपलब्ध है एवं विद्यार्थी, शिक्षक और कर्मचारी इसका लाभ ले कर इसे आय वृद्धि का स्रोत बना सकते हैं। 

इस दौरान माननीय कुलगुरु जी के साथ प्रोफेसर एस के मिश्रा, डॉ संग्राम सिंह एवं डॉ गणपत अहिरवार उपस्थित थे। यह जानकारी विक्रम विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रोफेसर शैलेंद्र कुमार शर्मा ने देते हुए कहा कि कुलगुरु प्रो पांडेय एक जाने-माने कवक वैज्ञानिक हैं और उनके ज्ञान से सभी लाभान्वित हो सकते हैं।

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