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विद्यार्थियों के लिए अत्यंत आवश्यक है कि वे सजग, सतर्क और सचेत रहें और प्रत्येक वृत्तांत को अपने विषय से जोड़ें - कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पाण्डेय

कुलपति के मार्गदर्शन में प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला के विद्यार्थियों ने किया मशरूम और कवक का अध्ययन

उज्जैन। विगत कुछ वर्षों में विक्रम विश्वविद्यालय के शिक्षकों द्वारा विद्यार्थियों को अध्ययन के साथ-साथ अतिरिक्त प्रायोगिक कार्य और फील्ड वर्क का भी ज्ञान दिया गया है और विभिन्न विभागों के विद्यार्थियों ने अलग-अलग तरह से ही अपने विषय से संबंधित प्रायोगिक कार्य किया है। विक्रम विश्वविद्यालय के माननीय कुलगुरु प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय के मार्गदर्शन में जीव विज्ञान, कृषि, माइक्रोबायोलॉजी आदि विषय के विद्यार्थियों ने कई फील्ड वर्क किए है। इसी शृंखला में प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला के विद्यार्थियों ने कुलगुरु प्रोफेसर पांडेय के सान्निध्य में कोठी रोड पर उपस्थित विभिन्न पेड़ों और उन पर लगे कवकों  का अध्ययन किया। प्रोफेसर पाण्डेय ने विद्यार्थियों को कवक का अध्ययन करवाते हुए बताया कि कवक में लेगनिन नमक पदार्थ को घटित करने की अपार क्षमता होती है। उन्होंने ये भी बताया को बहुत से कवक होते हैं जो मानव के लिए उपयोगी होते हैं। विद्यार्थी इन्हें पृथक कर इनका कल्चर कर सकते है। माननीय कुलगुरु जी ने विद्यार्थियों को मार्गदर्शित करते हुए कहा कि विज्ञान के विद्यार्थी के लिए ये अत्यंत आवश्यक है कि वे सजक, सतर्क और सचेत रहें और निरंतर देखते रहें और प्रत्येक वृत्तांत को अपने विषय से जोड़ें। तभी उनके अध्ययन की सार्थकता है। 

इस अवसर पर प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला के विभागाध्यक्ष डॉ सलिल सिंह एवं शिक्षक डॉ शिवी भसीन एवं डॉ पूर्णिमा त्रिपाठी ने विद्यार्थियों को मार्गदर्शित करने के लिए माननीय कुलगुरु जी का धन्यवाद किया। 

इस अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ अनिल शर्मा एवं कुलानुशासक प्रोफेसर शैलेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि कुलगुरु प्रोफेसर पाण्डेय कवक के जाने-माने अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक है और उनके ज्ञान से विद्यार्थी निश्चित तौर से लाभान्वित होंगे।

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