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वेदर फोरकास्टिंग स्टेशन की विक्रम विश्वविद्यालय में स्थापना से विश्वविद्यालय में नवाचार का एक नया युग प्रारंभ होगा - कुलगुरु प्रो अखिलेश कुमार पाण्डेय

विक्रम विश्वविद्यालय की भू विज्ञान अध्यनशाला में स्थापित वेदर स्टेशन ने काम करना चालू किया

उज्जैन। गत कुछ वर्षों में पृथ्वी का तापमान बहुत बढ़ गया है। ग्लोबल वार्मिंग, जलवायु परिवर्तन, रेडिएशन से जो दुष्प्रभाव हो रहा है वह ये संकेत है कि हमें इस जल वायु परिवर्तन के प्रति सजग होना होगा। आगे और भयावह हालात न बने इसके लिए सरकार के साथ-साथ जिम्मेदार संस्थाओं को भी महत्वपूर्ण कदम उठाने होंगे। इसी शृंखला में विक्रम विश्वविद्यालय की भू विज्ञान अध्ययनशाला में मौसम विभाग, भारत सरकार के साथ मिलकर वेदर स्टेशन की स्थापना की जा रही है, जो उज्जैन शहर एवं आसपास के मौसम की जानकारी देगा। 

इस अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो अखिलेश कुमार पांडेय ने बताया कि इस वेदर स्टेशन ने काम करना शुरू भी कर दिया है और 30 मई इससे हवा के तापमान और नमी की जानकारी प्राप्त हुई। उन्होंने कहा कि वेदर फोरकास्टिंग स्टेशन की विक्रम विश्वविद्यालय में स्थापना से विश्वविद्यालय में नवाचार के एक नए युग का प्रारंभ होगा और यह वेदर स्टेशन मध्य प्रदेश में स्थापित होने वाला अपने प्रकार का पहला वेदर स्टेशन है। 

भू विज्ञान अध्ययनशाला के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर पी के वर्मा एवं प्राध्यापक डॉ पवनेंद्र नाथ तिवारी ने बताया कि ये स्टेशन अपने पास के 10 किलोमीटर के दायरे तक का डाटा देगा जिसमें ये हवा का तापमान और हवा की नमी आदि के बारे में बताएगा। उन्होंने कहा कि भारतीय मौसम विभाग जल्द ही एक ऐप लॉन्च करेगा को फोन पर डाउनलोड कर हम इस वेदर स्टेशन की सारी जानकारी प्राप्त कर सकते है। 

विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉक्टर अनिल कुमार शर्मा ने बताया कि यह मौसम विज्ञान केंद्र के यहां खुलने से विद्यार्थियों को बहुत फायदा होगा और रिसर्च को नए आयाम मिलेंगे।

विक्रम विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रोफेसर शैलेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि इस ऐप से आने वाला डाटा एक हफ्ते तक वेबसाइट पर रहेगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के लिए अत्यंत हर्ष और गर्व का विषय है।

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