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शत प्रतिशत मतदान में ही लोकतंत्र की सार्थकता है - प्रो. शर्मा

मतदान अधिकार और कर्तव्य पर अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी हुई 

राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना के तत्वावधान में अंतर्राष्ट्रीय आभासी गोष्ठी का आयोजन हुआ। संगोष्ठी का विषय मतदान अधिकार और कर्तव्य था। इसके साथ ही मतदान महोत्सव के अंतर्गत सुझाव एवं मार्गदर्शन व्याख्यानमाला आयोजित की गई। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. शैलेंद्र कुमार शर्मा, विभागाध्यक्ष एवं कुलानुशासक विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन ने अपने व्याख्यान में कहा कि शत प्रतिशत मतदान में ही लोकतंत्र की सार्थकता है। पुरुषों की तुलना में महिलाएं मताधिकार के प्रति अधिक जागरूक हो गई हैं। युवा वर्ग को लोकतंत्र के मूल आधार मतदान के लिए जागरूक करना प्रत्येक भारतवासी का दायित्व है। 

डॉ. हरिसिंह पाल, महामंत्री नागरी लिपि परिषद्, दिल्ली ने कहा सुदूर गांव से अगर कोई मतदान करने आए तो उनके लिए केंद्र पर सुचारु व्यवस्था होनी चाहिए।

श्री सुरेश चंद्र शुक्ल, शरद आलोक नार्वे ने कहा मतदान सभी नागरिकों का दायित्व है इसलिए चुनाव के लिए किसी भी प्रकार का प्रलोभन नहीं दिया जाना चाहिए।

श्री बृज किशोर शर्मा, पूर्व शिक्षा अधिकारी एवं संस्था अध्यक्ष ने कहा कि शिक्षा के माध्यम से सारी चीजों को ठीक किया जा सकता है।

डॉ. प्रभु चौधरी, राष्ट्रीय महासचिव राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना ने कहा कि आदर्श लोकतंत्र तभी साकार रूप ले सकता है जब सभी वोटर्स की उसमें भागीदारी हो।  डॉ. अनसूया अग्रवाल, छत्तीसगढ़ , राष्ट्रीय संयोजक, राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना ने कहा प्रत्येक जागरूक मतदाता को अन्य मतदाताओं को भी जागरूक कर अपने साथ मतदान केंद्र पर लेकर जाना चाहिए।

डॉ. सुवर्णा जाधव, कार्यकारी अध्यक्ष, राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना ने कहा कि किसी प्रलोभन में पड़कर मतदान न करें, इसे अपनी जिम्मेदारी मानें।

डॉ. रश्मि चौबे, गाजियाबाद,राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष, महिला इकाई राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना  ने कहा सत्य और ईमान से, सरकार बने मतदान से।

इंदौर के श्री पद्ममचंद गांधी जी ने कहा एक-एक वोट मिलकर कई वोट बनते हैं, इसलिए सभी का मतदान जरूरी है।


अंत में श्री रंजीत जी ने आभार प्रकट करते हुए कहा सरकारी अधिकारियों को ऑनलाइन वोट देने की सुविधा होनी चाहिए। श्रीमती प्रतिभा ने कहा कि गर्भवती महिलाओं के लिए वोट की व्यवस्था हो। डॉ. मुक्ता कान्हा कौशिक, राष्ट्रीय प्रवक्ता, राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना  ने कहा -प्रत्येक नागरिक को बिना किसी भेदभाव के मतदान का हक होना चाहिए। श्रीमती सुधा ने कहा कि नया नेता चुनते समय जो जनता का ख्याल रखे, ऐसा नेता चुनना चाहिए।

कार्यक्रम का सफल संचालन श्वेता मिश्रा, पुणे, महाराष्ट्र, राष्ट्रीय सचिव, राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत श्रीमती श्वेता मिश्रा की सरस्वती वंदना से हुई। कार्यक्रम में स्वागत भाषण डॉ. अनीता तिवारी, भोपाल ने दिया, प्रस्तावना डॉक्टर अरुणा शुक्ला, नांदेड़ ने प्रस्तुत की। कार्यक्रम में सुषमा गर्ग, दिल्ली आदि अनेक गणमान्य उपस्थित रहे।

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