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विद्यार्थियों को सदैव अपने क्षेत्र के शोधार्थियों और वैज्ञानिकों के संपर्क में रहना चाहिए, उनका ज्ञान वर्धन होता है - कुलगुरु प्रो पाण्डेय

विक्रम विश्वविद्यालय की प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला में लखनऊ के शुगरकेन रिसर्च इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिक ने विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया           

उज्जैन | विक्रम विश्वविद्यालय की प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला में लखनऊ के शुगरकेन रिसर्च इंस्टीट्यूट के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉक्टर अरविंद कुमार यादव ने विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया। दिनांक 1 मई 2024 को आयोजित इस परिसंवाद में डॉक्टर यादव ने विद्यार्थियों को अपने शिक्षण काल से ही अपना लक्ष्य निर्धारित करने की सलाह दी। डॉक्टर यादव ने विद्यार्थियों से कहा कि वे अपनी रुचि के अनुसार अपने शिक्षण काल से ही अपने करियर की दिशा निर्धारित करें और उस पर चलने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि यदि कोई विद्यार्थी आगे जा कर शिक्षक बनना चाहता है तो यह आवश्यक है कि वह एक अच्छा शोधार्थी बने। शोध और शिक्षण एक दूसरे से जुड़े हुए है। उन्होंने जैव प्रौद्योगिकी के विद्यार्थियों को अपने इंस्टीट्यूट के बारे में बताते हुए उन्हें वहाँ उपलब्ध ट्रेनिंग कार्यक्रमों की जानकारी दी और विद्यार्थियों को प्रायोगिक कार्य में अधिक से अधिक रुचि लेने के लिए प्रेरित किया। 

इस अवसर पर उपस्थित विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरू प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय ने विभाग के शिक्षकों से अपील की कि वे ये प्रयास करें की विद्यार्थियों का अपने विषय से जुड़े लोगों से अधिक से अधिक संपर्क हो, जिससे उनका ज्ञानवर्धन हो सकेगा।  वे अनुभवी ज्ञानधारकों के ज्ञान से लाभान्वित हो सकते हैं। 

प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला के विभागाध्यक्ष डॉक्टर सलिल सिंह ने माननीय कुलगुरु जी को ऐसे संवादों का स्रोत बनने के लिए धन्यवाद दिया और उन्हें आश्वस्त किया कि विभाग आगे भी इस प्रकार के आयोजन करता रहेगा। 

इस अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉक्टर अनिल शर्मा एवं कुलानुशासक प्रोफेसर शैलेंद्र कुमार शर्मा ने विभाग को ऐसे आयोजन पर बधाई दी एवं आगे भी ऐसे आयोजन करने के लिए उन्हें प्रेरित किया। इस अवसर पर प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला के शिक्षक एवं कर्मचारीगण उपस्थित थे।

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