उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय की कृषि विज्ञान अध्ययनशाला में मशरूम कल्टीवेशन विषय पर विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस व्याख्यान के मुख्य वक्ता ओरिएंटल यूनिवर्सिटी के डॉ. सचिन पाटीदार थे। विशेष व्याख्यान में डॉ पाटीदार द्वारा विद्यार्थियों को मशरूम कल्टीवेशन की संपूर्ण प्रक्रिया से परिचित करवाया गया। कल्टीवेशन में आने वाली समस्याओं के समाधान के बारे में बताते हुए उन्होंने मशरूम उत्पादन के महत्व एवं इसकी प्रोसेसिंग से परिचित कराया।
डॉ पाटीदार ने अपने व्याख्यान में कहा कि मशरूम उत्पादन को बढ़ाने की वैज्ञानिक पद्धति की जानकारी जरूरी है। मशरूम को विशेष एनवायरमेंट में रखा जाता है। उसकी हार्वेस्टिंग का सटीक तरीका अपनाया जाता है। उन्होंने इस बात की भी जानकारी दी कि कौन से स्टेज पर कौन-कौन सी बीमारियों या फंगस का इफेक्ट अधिक होता है। साथ ही उससे कैसे बचा जा सकता है। इन सभी के बारे में विस्तार से चर्चा की।
इस व्याख्यान के मुख्य अतिथि सेज विश्वविद्यालय इंदौर के डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव थे। उन्होंने मशरूम की इकोनामिक इंर्पोटेंस को बताते हुए विद्यार्थियों को भविष्य में इससे होने वाले लाभ और इनकम के बारे में विस्तारपूर्वक बताया। इस व्याख्यान की अध्यक्षता सांख्यिकी एवं कृषि विज्ञान अध्ययनशाला के विभागाध्यक्ष डॉ राजेश टेलर ने की।
कार्यक्रम का संचालन डॉ पुष्पेंद्र सिंह घोष के द्वारा किया गया और आभार डॉ. शोभा मालवीय द्वारा माना गया। इस अवसर पर सांख्यिकी अध्ययनशाला एवं कृषि विज्ञान अध्ययनशाला के शिक्षक एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।
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