भारतीय दैवीय परपंरानुरूप महिलाएं सदैव समावेशी विकास में अग्रणी- डॉ. अरुणा सारस्वत जी
उज्जैन। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2024 पर आयोजन के अंतर्गत विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के पंडित जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंध संस्थान, भारत अध्ययन केंद्र एवं आईक्यूएसी द्वारा सह-आयोजित अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर केंद्रित ऑनलाईन संगोष्ठी-परिचर्चा में परिसंवाद थीम "इन्वेस्टिंग इन वूमेन इंस्पायरिंग इंक्लूजन थ्रू मोटिवेशनल इमर्जिंग ग्लोबल करियर ट्रेंड्स" पर अपने मुख्य अतिथि वक्तव्य में डा अरुणा सारस्वत जी, अध्यक्ष, दृष्टि फाउंडेशन, पुणे एवं संरक्षक भारतीय शिक्षण मंडल ने अपने पांच दशकों के वृहद स्तरीय अनुभवों को भारतीय दैवीय परंपरा से साझा करते हुए स्पष्ट किया कि, महिलाओं की सक्रिय भागीदारी से ही राष्ट्र की आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक, उन्नति का प्रत्यक्ष प्रमाण भारत की वर्तमान प्रेरणादायक नेतृत्व क्षमता को श्रेय दिया जाना उचित है। आपने लघु कथाओं को साझा करते हुए सभी सहयोगियों से आव्हान किया कि, महिलाओं को आगे बढ़ाने में परिवार के साथ साथ ही मीडिया तथा शैक्षणिक नवाचारों की भी विशिष्ट भूमिका है। आपने समावेशी और न्यायसंगत दुनिया बनाने के लिए महिला प्रतिबद्धता को नवीनीकृत करने को रेखांकित किया ।
नादिया पिआचेंका परमार, सीनियर प्रोडक्ट मैनेजर, सिएटल अमेरिका ने यूक्रेन, जर्मनी एवं अमेरिकी समाजों में कार्यरत महिलाओं और कार्यस्थल पर अपने समक्ष उपस्थित चुनौतियों को उदाहरणों से प्रस्तुत करते हुए विक्रम यूनिवर्सिटी की इस आयोजन संध्या पर हर्ष व्यक्त किया।
लायन डॉ. संध्या सक्सेना, लायंस क्लब इंटरनेशनल ने ग्रामीण इलाकों की महिलाओं की आर्थिक स्थिति मजबूत करने एवं निष्ठा पूर्वक प्रयासों की आवश्यकता प्रतिपादित की।
रिमझिम गौड़, प्रमुख मा.स.प्र. फ्लिपकार्ट - मिंत्रा समूह ने प्रश्नोत्तर सत्र से संबंधित विद्यार्थियों के रोचक प्रश्नों के वृहद प्रामाणिक जानकारी के साथ कारपोरेट जगत की वस्तु स्थिति को समझाते हुए महिलाओं की ताकत, साहस और दृढ़ संकल्प की सराहना की, क्योंकि वे बाधाओं को तोड़ना और रूढ़िवादिता को तोड़ना जारी रख रही हैं। लैंगिक समानता की दिशा में हुई प्रगति पर विचार करें।
परिसंवाद आयोजन के प्रारंभ में डॉ. सचिन राय, निदेशक, भारत अध्ययन केंद्र ने इस आयोजन की महत्ता और विशिष्ट अतिथि के परिचय देते हुए इस बहुरंगी अकादमिक सांध्य आयोजन की विशिष्ट वक्ताओं का विस्तृत परिचय दिया।
प्रो. डॉ. डी. डी. बेदिया, निदेशक, आईक्यूएसी ने आयोजन के उद्देश्यों और विद्यार्थियों के लिए इस परिसंवाद एवं अंतरराष्ट्रीय फलक की सक्रिय वक्ता नादिया, रिमझिम और डा संध्या सक्सेना के वक्तव्यों की संक्षेपिका प्रस्तुत की। इस परिसंवाद में पंडित जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंध संस्थान, विक्रम विश्वविद्यालय की प्रतिभाशाली विद्यार्थीगण, शैक्षणिक सेवा- उद्योग क्षेत्रों में ख्याति प्राप्त डॉ. स्मिथा एलेक्स, कोची, डॉ. गीता तोमर, प्राचार्य एसजीआईटीएम समूह डॉ. श्रुति जैन, ग्रुप डायरेक्टर एवी न्यूज समूह, डॉ. शिल्पी मेहता, विक्रांत शैक्षणिक संस्थान महू, मोनिका अग्रवाल, मुख्य मा.स.प्र. जीआईपीएस सलाहकार समूह, डॉ. नयनतारा डामोर संकाय, पंडित जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंध संस्थान एलुमनाई, प्रखर शोधकर्ता, सलाहकार पैनल परिसंवाद में विशेषज्ञ के रूप में सहभागिता करते हुए अपने-अपने क्षेत्रों से संबंधित खट्टे-मीठे सभी अनुभवों के साथ नई पीढ़ी से आह्वान किया कि, ऐसे परिसंवाद आयोजन से वे अपने आपको मानसिक रूप से और सुदृढ़ तथा नवाचारों से अद्यतन रखे, तभी वे इस प्रतिस्पर्धी अंतरराष्ट्रीय फलक पर अपने समाज को अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन दे सकेगी।
गूगल मीट लिंक पर खूबसूरती से संजोए विशिष्ट परिसंवाद में संस्थान के वरिष्ठ आचार्य एफसीए प्रो. डॉ. दीपक गुप्ता, अध्यक्ष, प्रबंध अध्ययन मंडल ने महिलाओं की सक्रिय भूमिका को रेखांकित करते हुए अपने अंदाज में कहा कि, आगामी कुछ वर्षो में बोर्ड रूम्स, क्लासरूम्स, सरकारी निजी सहकारिता सभी क्षेत्रों में महिलाओं को ही अग्रणी भूमिका निभानी है।
प्रो. डॉ. धर्मेंद्र मेहता, निदेशक,पंडित जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंध संस्थान ने इस बहुरंगी अकादमिक सांध्य आयोजन की नितांत आवश्यकता बताते हुए, विस्तृत अतिथि परिचय देते हुए परिसंवाद को विकसित भारत@2047 की श्रृंखला के अभिन्न चरण की उपमा दी।
परिसंवाद में डॉ. मनु गौराह, डॉ. लाखरे, डॉ. भूषण केकरे, डॉ. पालीवाल, वसीम खान, पल्लवी शर्मा के साथ शोधार्थी प्रियंवदा परमार ने आतिथ्य संयोजन एवं तकनीकी सहयोग प्रदान किया। परिसंवाद के अंत में प्रो. डॉ. डी. डी. बेदिया, निदेशक, आईक्यूएसी ने मुख्य अतिथि, सभी सहयोगियों एवं उपस्थित विशेषज्ञों, विद्यार्थियो के प्रति आभार व्यक्त किया।
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