सीएमई प्रोग्राम का हुआ शुभारंभ, अन्य राज्यों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया
सीएमई कार्यकम के प्रथम वक्ता के रूप में रचनाशारीर विषय के वरिष्ठ आचार्य एवं पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. हरि हृदय अवस्थी, चिकित्सा विज्ञान संस्थान, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी के द्वारा शरीर रचना विषय के स्थूल, सूक्ष्म, कारण शरीर एवं चेतना धातु निर्विकार आत्मा के क्षेत्र में शोध विधि एवं तंत्र शारीर नाड़ियां, षडचक एवं स्वर चिकित्सा के क्षेत्र में शोध विधि पर विशिष्ठ व्याख्यान दिया
उज्जैन। शासकीय धन्वन्तरि आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय के प्रधानाचार्य एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. जे.पी. चौरसिया ने बताया कि संस्था में पंचकर्म एवं रचनाशारीर विभाग अंतर्गत आयोजित सीएमई कार्यकम में प्रदेश एवं अन्य राज्यों के शिक्षकगण शामिल हुए।
कार्यकम का उद्घाटन समारोह में श्रीमती कलावती यादव, सभापति, नगर पालिक निगम उज्जैन, श्री अनिल जैन कालूहेड़ा, विधायक, पूर्व मंत्री श्री पारस चन्द्र जी जैन, डॉ. ईश्वर सिंह सिसोदिया, डॉ. अनिल जैन, अधीक्षक डॉ. ओ.पी. शर्मा, एवं डॉ. हेमन्त मालवीय आरएमओ उपस्थित थे।
सीएमई कार्यकम के प्रथम वक्ता के रूप में रचनाशारीर विषय के वरिष्ठ आचार्य एवं पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. हरि हृदय अवस्थी, चिकित्सा विज्ञान संस्थान, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी के द्वारा शरीर रचना विषय के स्थूल, सूक्ष्म, कारण शरीर एवं चेतना धातू निर्विकार आत्मा के क्षेत्र में शोध विधि एवं तंत्र शारीर नाड़ियां, षडचक एवं स्वर चिकित्सा के क्षेत्र में शोध विधि पर विशिष्ठ व्याख्यान दिया।
साथ ही डॉ. निशा भालेराव, प्राध्यापक आयुर्वेद महाविद्यालय, भोपाल, इमेजिंग टेक्निक्स इन रेडियोलॉजी एवं स्पेसीमेन माउंटिंग पर अपना विशिष्ठ व्याख्यान दिया।
पंचकर्म सीएमई के अंतर्गत डॉ. मनोज के. श्यामकुमार ने आभ्यंतर स्नेहपान कैसे किया जाता है इसके बारे में विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की।
सीएमई के सचिव डॉ. नृपेन्द्र मिश्रा एवं डॉ. योगेश वाणे द्वारा जानकारी दी गई।
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